कमलेश तिवारी हत्याकांड : तीनों साजिशकर्ता आज से 4 दिन की रिमांड पर
लखनऊ
गुजरात के सूरत में गिरफ्तार साजिशकर्ताओं मौलाना मोहसिन शेख, फैजान और राशिद पठान उर्फ रशीद को मंगलवार रात को कड़ी सुरक्षा में गुपचुप रूप से प्रभारी सीजेएम सुदेश कुमार के आवास पर पेश किया गया। सीजेएम ने पहले तीनों की 14 दिन की न्यायिक हिरासत मंजूर की, फिर पुलिस की रिमांड अर्जी पर सुनवाई की।
सीजेएम ने हत्या की साजिश रचने के इन आरोपियों की चार दिन की रिमांड स्वीकृत की है। यह रिमांड आज यानि 23 अक्टूबर की सुबह 10 बजे से शूरू होगी और 27 अक्टूबर की सुबह 10 बजे खत्म होगी। जिस समय यह रिमांड ली गई थी, तब पुलिस को हत्यारों के बारे में काफी पूछताछ करनी थी। पर, मंगलवार रात को दोनों हत्यारोपियों अशफाक और मोईनुद्दीन की गिरफ्तारी हो जाने के बाद अब पुलिस इनसे यह पूछने में जुटेगी कि आखिर कैसे तैयार की गई थी साजिश। उत्तर प्रदेश के अंदर किसने-किसने उनकी मदद की। इसके लिए कहां से फंडिंग हुई?
गुनाह कुबूला
गुजरात एटीएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ने बताया कि दोनों आरोपियों ने अपना गुनाह कुबूल भी कर लिया है। यूपी के डीजीपी को इस गिरफ्तारी की सूचना दे दी गई है। इन दोनों ने 18 अक्तूबर को लखनऊ के खुर्शेदबाग में कमलेश तिवारी की घर में घुसकर हत्या कर दी थी। दोनों भगवा वेश में वारदात करने पहुंचे थे। हत्या के बाद होटल खालसा इन में इन लोगों ने कपड़े बदले और ट्रेन से बरेली भाग गए।
अशफाक एमआर और मोइनुद्दीन डिलीवरी ब्वॉय
गुजरात एटीएस के मुताबिक अशफाक (34) सूरत में ग्रीन व्यू अपार्टमेंट और मोइनुद्दीन (27) सूरत के उमरवाड़ा की लोकास्ट कॉलोनी के रहने वाले हैं। अशफाक एक निजी कंपनी में मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव और मोइनुद्दीन फूड डिलीवरी ब्वॉय है। ये लोग सूरत से 17 अक्तूबर की रात लखनऊ पहुंचे थे। 18 अक्तूबर को हत्या के बाद से ही ये फरार चल रहे थे।
इधर-उधर भागकर चुनौती दे रहे थे दोनों
एटीएस और पुलिस को चुनौती देते हुए दोनों हत्यारोपियों ने बार-बार लोकेशन बदली। तीन दिनों से वे बरेली और शाहजहांपुर के आसपास छिपे रहे और मौका मिलते ही गुजरात निकल गए।
गौरतलब है कि कमलेश तिवारी की हत्या लखनऊ स्थित खुर्शीदबाग में उनके घर में बने ऑफिस में 18 अक्टूबर (शुक्रवार) को गला रेतकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने हत्यारों को ऊपर ढाई-ढाई लाख रूपये का ईनाम रखा था। कमलेश तिवारी की हत्या के बाद से लगातार आरोपी हत्यारे अशफाक और मोइनुद्दीन लगातार बचकर भागते फिर रहे थे। सीसीटीवी कैमरे से लगातार पुलिस को उन दोनों के बारे में क्लू मिलती रही। इसके साथ ही, लखनऊ के जिस होटल में दोनों रुके थे वहां से भी पुलिस को खून से सने चाकू और अन्य चीजें बरामद हुई।