ATM ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, तीन शातिर झारखंड से गिरफ्तार
कोंडागांव
छत्तीसगढ़ की कोंडागांव पुलिस ने एटीएम ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के तीन शातिरों को झारखंड से गिरफ्तार किया गया है। एसपी सुजीत कुमार ने बताया कि फरसगांव थाने में एटीएम ठगी का मामला दर्ज किया गया था। साइबर सेल की जांच में गिरोह के सदस्यों की लोकेशन झारखंड में मिली। पुलिस की संयुक्त टीम बनाकर जिला देवघर झारखंड रवाना की गई थी। टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से दोनों साइबर अपराधियों की डिटेल के आधार पर लगातार छापामार कार्रवाई की, जिसमें तीन आरोपितों प्रमोद मंडल पुत्र कामदेव मंडल, कामदेव मंडल और धनंजय मंडल पुत्र जीपलाल मंडल निवासी आसना थाना पालाझोरी, जिला देवघर (झारखंड) को गिरफ्तार किया गया।
आरोपित लोगों से खुद को बैंक अधिकारी बताकर उनसे उनकी बैंक डिटेल और एटीम कार्ड की डिटेल लेकर बैंक खाते से पैसा निकाल लिया करते थे। उनसे एटीएम कार्ड उपयोग किए जाने वाले मोबाइल, सिम कार्ड और उपयोग किए जाने वाले पेटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं। एक आरोपित घर से फरार हो गया। उसके घर की तलाशी लेने पर सिम कार्ड, पेटीएम कार्ड बरामद किया गया। वहीं स्कार्पियो और बोलेरो वाहन, बाइक और नगद 70 हजार रुपये जब्त कर स्थानीय पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।
बिलासपुर पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर के एक गिरोह को दिल्ली से गिरफ्तार किया है जो ट्रेन से आकर यहां चोरी-छिनैती की वारदातों को अंजाम देता रहा है। एसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि नौ अक्टूबर को दोपहर से लेकर शाम तक शहर में बाइकर्स गैंग ने चार जगहों पर चेन स्नेचिंग की। दोनों आरोपित ने राह चलती महिलाओं को निशाना बनाया। इस घटना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था।
इस बीच पुलिस ने दौ सौ से अधिक सीसीटीवी फुटेज की जांच की। शुरुआती जांच में ही स्पष्ट हो गया था कि वारदात को बाहरी गिरोह ने अंजाम दिया है। यह भी पता चल गया था कि गिरोह यहां पहले से आकर रेकी कर रहे थे। फिर मौका मिलते ही बाइक चोरी कर दूसरे दिन सिलसिलेवार चेन स्नेचिंग कर चंपत हो गए।
इस बीच पुलिस ने तकनीकी जांच कर अहम सुराग जुटाए। एसपी ने विशेष टीम गठित कर आरोपितों की पतासाजी के लिए दिल्ली रवाना किया। टीम दिल्ली के सीलमपुर के जहांगीरपुरी पार्क से आरोपित चमन उर्फ मोहित वाधवा(29) पुत्र मनोहर लाल व एफ 45 सीलमपुर निवासी आरोपित असद मलिक उर्फ आशु मलिक (20) पुत्र जकरीया मलिक को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने पूछताछ के बाद आरोपितों से लूटे गए जेवर जब्त किए। फिर उन्हें दिल्ली के महानगर दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया, जहां से उन्हें ट्रांजिट रिमांड में लिया गया है।
टीम ने दिल्ली में अलग-अलग जगहों से जानकारी जुटाई। इस बीच जानकारी मिली कि एक आरोपित उबेर एप के माध्यम से टैक्सी चलाता है। इसी दौरान पुलिस को पता चला कि दोनों आरोपित सीलमपुर इलाके के रहने वाले हैं। इतनी जानकारी मिलते ही पूरी टीम आरोपितों की पहचान व रेकी करने के लिए स्थानीय रहवासी बनकर 36 घंटे तक तलाश करते रहे। इस बीच अर्टिगा कार में सवार युवक की पहचान की गई। फिर पुलिस ने उसका पीछा कर घेराबंदी की और चमन वाधवा को पकड़ लिया। उससे पूछताछ के बाद उसके साथी असद मलिक को आसानी से पकड़ लिया।