November 22, 2024

55 साल के हुए अमित शाह, ऐसा रहा शेयर ब्रोकर से राजनीति के शहंशाह बनने का सफर

0

 
नई दिल्ली 

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज 55 साल के पूरे हो गए हैं. उनका जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई के संपन्न गुजराती परिवार में हुआ था. उनकी मां का नाम कुसुमबेन और पिता का नाम अनिलचंद्र शाह है. अमित शाह को मौजूदा राजनीति का चाणक्य माना जाता है. हालांकि उनके शेयर ब्रोकर से राजनीति का शहंशाह बनने तक का सफर बेहद दिलचस्प है.

अमित शाह ने जब से बीजेपी अध्यक्ष की कमान संभाली है, तब से पार्टी ने कई मुकाम हासिल किए. हालांकि उनको राजनीति विरासत में नहीं मिली है. अहमदाबाद से बॉयोकेमिस्ट्री में बीएससी करने के बाद अमित शाह ने अपने पिता के प्लास्टिक के पाइप का कारोबार संभालने लगे थे. इसके बाद उन्होंने स्टॉक मार्केट में कदम रखा और शेयर ब्रोकर के रूप में काम किया. जब उन्होंने राजनीति में कदम रखा, तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा.

अमित शाह 16 साल की उम्र तक अपने पैतृक गांव गुजरात के मान्सा में ही रहे और स्कूली शिक्षा हासिल की. इसके बाद जब उनका परिवार अहमदाबाद शिफ्ट हो गया, तो वो अहमदाबाद आ गए. उन्होंने अहमदाबाद से ही अपनी बीएससी की पढ़ाई की.

16 साल की उम्र में स्वयंसेवक बन गए अमित शाह

अमित शाह ने साल 1980 में 16 वर्ष की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVP) के कार्यकर्ता बन गए थे. शाह अपनी कार्यकुशलता और सक्रियता के दम पर महज दो वर्ष बाद यानी 1982 में एबीवीपी की गुजरात इकाई के संयुक्त सचिव बन गए. उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 1986 में मुलाकात हुई थी और यह मुलाकात दोस्ती में बदल गई थी.

राम जन्मभूमि आंदोलन और आडवाणी से मुलाकात

अमित शाह साल 1987 में बीजेपी की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) में शामिल हुए और सक्रिय राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. अमित शाह को 1997 में BJYM का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया. वो 1989 में बीजेपी अहमदाबाद शहर के सचिव बने.

उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन में सफलतापूर्वक प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी निभाई. इस दौरान अमित शाह का संपर्क लालकृष्ण आडवाणी से हुआ. उस समय आडवाणी गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे थे. अमित शाह ने प्रथम बार से लेकर 2009 तक लगातार कई चुनावों में अडवाणी के चुनाव संयोजक की जिम्मेदारी निभाई.

शाह ने गुजरात प्रदेश वित्त निगम को घाटे से निकाला

अमित शाह साल 1995 में गुजरात प्रदेश वित्त निगम के अध्यक्ष बने. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान न सिर्फ  निगम को घाटे से बाहर निकाला, बल्कि इसके मुनाफे में 214 प्रतिशत तक की वृद्धि की. अमित शाह की अध्यक्षता में निगम में पहली बार पट्टा खरीद फरोख्त, कार्यशील पूंजी अवधि लोन और ट्रक ऋण की शुरुआत हुई. गुजरात प्रदेश वित्त निगम सूबे के लघु उद्योगों को टर्मलोन और वर्किंग कैपिटल प्रदान करके उनकी विकास को गति देने वाला एक महत्वपूर्ण संस्थान है.

अमित शाह 36 साल की उम्र में अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक (ADCB) के सबसे युवा अध्यक्ष बने. अमित शाह ने पद संभालने के एक साल के भीतर ही न सिर्फ 20.28 करोड़ का घाटा पूरा किया, बल्कि बैंक को 6.60 करोड़ रुपये के फायदे में लाकर 10 प्रतिशत फायदे का वितरण भी किया.

पहली बार सरखेज सीट से विधायक चुने गए अमित शाह

अमित शाह ने साल 1997 में पहली बार गुजरात के सरखेज विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर विधायक पद के लिए नामांकन भरा और भारी मतों से विजयी हुए. विधानसभा क्षेत्र में अमित शाह की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगता है कि आने वाले हर चुनाव में उनकी जीत का अंतर लगातार बढ़ता गया.

बीजेपी में कैसे बढ़ने लगा अमित शाह का कद?

अमित शाह की संगठनात्मक कुशलता के कारण उन्हें 1998 में भारतीय जनता पार्टी की गुजरात इकाई का प्रदेश सचिव बनाया गया. इसके एक साल बाद 1998 में अमित शाह को संगठन द्वारा बीजेपी की गुजरात इकाई के प्रदेश उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दे दी गई.

अमित शाह को साल 2001 में बीजेपी की राष्ट्रीय सहकारिता प्रकोष्ठ का संयोजक नियुक्त किया गया और उनके कार्यकाल के दौरान किए गए काम को इतना सराहा गया कि कुछ लोगों ने अमित शाह को सहकारिता आन्दोलन के पितामह तक की उपाधि दे डाली.

गुजरात सरकार में 2002 में मंत्री बने अमित शाह

अमित शाह ने साल 2002 में पहली बार मंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद उन्होंने गुजरात सरकार के मंत्री के रूप में गृह, यातायात, निषेध, संसदीय कार्य, विधि और आबकारी जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली. साल 2006 में अमित शाह ‘गुजरात चेस संघ’ के अध्यक्ष बने और उनके कार्यकाल के दौरान गुजरात में पहली बार शतरंज की राष्ट्रीय प्रतियोगिता ‘नेशनल बी’ आयोजित हुई. इसके बाद अमित शाह को 2009 में अहमदाबाद सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष और गुजरात स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन का उपाध्यक्ष भी नियुक्त किया गया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *