शरद पूर्णिमा पर 30 साल बाद बना गजकेसरी योग, जानें क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
नई दिल्ली
हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है। शरद पूर्णिमा अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को कहते हैं। इस साल शरद पूर्णिमा 13 अक्टूबर, रविवार को मनाई जाएगी। ज्योतिषियों की मानें तो इस साल 30 साल बाद शरद पूर्णिमा पर बेहद दुर्लभ योग बन रहा है।
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पर बृहस्पति की दृष्टि पड़ने से गजकेसरी नाम का शुभ योग बन रहा है। जिसकी वजह से इस शरद पूर्णिमा का महत्व और अधिक बढ़ गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां लक्ष्मी का जन्म होने के साथ चंद्रमा इस दिन धरती पर अमृत की वर्षा करता है। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन छोटा सा उपाय करने से भी बड़ी-बड़ी विपत्ति टल जाती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं धन और सुख की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शरद पूर्णिमा पर किस मुहूर्त पर कैसे करें पूजा।
शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त-
-पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 13 अक्टूबर 2019 की रात 12 बजकर 36 मिनट से
-पूर्णिमा तिथि समाप्त: 14 अक्टूबर की रात 02 बजकर 38 मिनट तक
-चंद्रोदय का समय: 13 अक्टूबर 2019 की शाम 05 बजकर 26 मिनट