गौहत्या के विरुद्ध 23 अगस्त से शुरू होगा प्रदेशव्यापी आंदोलन।,भाजपा सरकार, कुत्ते की पूँछ: अमित जोगी
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लाख चेताने के बाद भी पूर्व में घटित घटनाओं से कोई सबक नहीं लेना चाहती।
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गौहत्या, नवजातों की मौत व नसबंदी काण्ड सभी घटनाओं की पुनर्वृत्ति होना इस बात का प्रमाण।
जोगी एक्सप्रेस
रायपुर: छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुई हृदय विदारक घटनाओं पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए विधायक अमित जोगी ने भाजपा सरकार की तुलना “कुत्ते की पूँछ” से करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार देश की पहली सरकार होगी जिसने पूर्व में घटित गंभीर घटनाओं से न सबक लिया और न ही ऐसी घटनाओं की भविष्य में पुनर्वृत्ति रोकने कोई कदम उठाया। लाख चेताने और समझाने के बाद भी यह सरकार टेढ़ी की टेढ़ी है। इसी लापरवाही और अनदेखी के कारण आज प्रदेश में गौहत्या, नवजात शिशुओं के इलाज में लापरवाही, व नसबंदी काण्ड जैसी घटनाओं की पुनर्वृत्ति हुई है। अमित जोगी ने कहा कि दुर्ग और बेमेतरा जिले के राजपुर और गोडमर्रा गाँवों में 200 से जयादा गायों की मौत नहीं हुई होती अगर सरकार पिछले वर्ष 13 अगस्त को कांकेर के कर्रामाड़ में कामधेनु गौसेवा केंद्र में हुई 200 से अधिक गायों की भूख के कारण हुई मौत की दर्दनाक घटना से सबक लेकर प्रदेश के सभी गौ शालाओं की जांच करती और भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं के विरुद्ध कार्यवाही करती। वहीँ मेकाहारा में आज ऑक्सीजन की कमी से हुई नवजातों की मौत पर अमित जोगी ने गहरा दुःख प्रकट करते हुए कहा कि इस सरकार में मानवता बची ही नहीं है। गोरखपुर की बड़ी घटना से छत्तीसगढ़ सरकार ने कोई सबक नहीं लिया। और न ही छत्तीसगढ़ में जनहित को देखते हुए शराबबंदी की। सरकार की नाकामी के कारण आज मेकाहारा में मासूम नवजातों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। छत्तीसगढ़ में शिशु मृत्यु दर 54, राष्ट्रीय औसत 29 से बहुत अधिक है। कुपोषण में छत्तीसगढ़ पहले ही देश के टॉप पांच राज्यों में गिना जाता है। इसी वर्ष कबीरधाम जिले का भयावाह मामला सामने आया था जहाँ आठ महीनों में 500 से ज्यादा नवजात बच्चों की मौत हुई थ। .इतने शर्मसार कर देने वाले आंकड़ों के बाद भी भाजपा सरकार ने सबक नहीं लिया । राज्य के बाकी क्षेत्रों की दुर्दशा का क्या कहना, जब स्वयं मुख्यमंत्री के गृह और चुनावी क्षेत्र राजनांदगांव और कबीरधाम कुपोषण और शिशु मृत्यु दर में सबसे आगे हों। जोगी ने पुछा आखिर किस मुंह से मुख्यमंत्री दिल्ली गए हैं। जोगी ने कहा कि मस्तुरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीते 2 अगस्त को नसबंदी शिविर के दौरान एक बार फिर लापरवाही हुई जिससे ऑपरेशन के बाद पांच महिलाओं की हालत गंभीर हो गयी। वर्ष 2014 में छत्तीसगढ़ को शर्मसार कर देने वाले बहुचर्चित नसबंदी कांड की लापरवाहियों से सरकार ने कुछ नहीं सिखा। मंत्री अधिकारी केवल भ्रष्टाचार में मग्न है। अमित जोगी ने राजपुर और गोडमर्रा की घटना को गौवध करार देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम एवं पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुख्यमंत्री, पशुपालन मंत्री, दोषी विभागीय अधिकारियों सहित गौसेवा आयोग के सदस्यों एवं गौसेवा केंद्र के संचालक के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया जाना चाहिए। जोगी ने कहा कि इस संबंध में 23 अगस्त से प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। सरकार जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकती।