आखिरी दिन जीत के लिए भारत को 9 विकेट तो द. अफ्रीका को चाहिए 384 रन
विशाखापत्तनम
पहली बार सलामी बल्लेबाज के तौर पर खेल रहे रोहित शर्मा की रिकॉर्ड पारी के दम पर भारत ने एसीए-वीसीए स्टेडियम में जारी पहले टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका के सामने जीत के लिए 395 रनों का मुश्किल लक्ष्य रखा है। जिसके जवाब में मैच के चौथे दिन स्टंप्स के समय मेहमान टीम ने अपना पहला विकेट सिर्फ 11 रन के स्कोर पर डीन एल्गर के रूप में गंवा दिया। एल्गर ने दक्षिण अफ्रीका के लिए पहली पारी में शानदार पारी खेलते हुए 160 रन बनाए थे। लेकिन दूसरी पारी में रवींद्र जडेजा ने उन्हें सिर्फ 2 रन के स्कोर पर पगबाधा आउट कर दिया।
खराब रोशनी के कारण चौथे दिन का खेल समय से पहले खत्म कर दिया गया। एडेन मार्करम 3 और थेयुनिस डे ब्रयून पांच रन बनाकर खेल रहे हैं। भारत ने अपनी पहली पारी 7 विकेट के नुकसान पर 502 रन बनाकर घोषित की थी। जिसके जवाब में दक्षिण अफ्रीका ने भी संघर्ष किया और अपनी पहली पारी में 431 रन बनाए।दूसरी पारी में 71 रनों की बढ़त के साथ खेलने उतरी भारतीय टीम ने कुल 4 विकेट पर 323 के स्कोर पर डिक्लेयर किया। इस तरह दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 395 रनों का लक्ष्य मिला जिससे वह अभी 384 रन रन दूर है और उसके 9 विकेट आउट होने बाकी हैं।
मैच का चौथा दिन पूरी तरह से रोहित शर्मा के नाम रहा। रोहित इस मैच में टेस्ट में बतौर सलामी बल्लेबाज पहली बार खेल रहे हैं। वह दोनों पारियों में शतक लगाने में भी सफल रहे। पहली पारी में 176 रन बनाने वाले रोहित ने दूसरी पारी में 127 रनों का योगदान दिया। वह एक टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जमाने वाले भारत के छठे बल्लेबाज हैं। रोहित को पहली पारी में आउट करने वाले केशव महाराज ने ही दूसरी पारी में भी उनका विकेट लिया। दोनों बार वह स्टम्पिंग हुए। वह टेस्ट की दोनों पारियों में स्टम्पिंग होने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर हैं।
रोहित ने दूसरी पारी में 149 गेंदों का सामना कर 10 चौके और 7 छक्के मारे। इसी के साथ रोहित एक टेस्ट मैच में सबसे ज्यादा छक्के मारने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होंने पहली पारी में 6 छक्के लगाए थे। भारत ने इस मैच में कुल 27 छक्के लगाए हैं जो एक टेस्ट में किसी भी टीम द्वारा लगाए गए सबसे ज्यादा छक्के हैं। 2014 में न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान के खिलाफ 22 छक्के लगाए थे। इससे पहले भारत ने 2009 में श्रीलंका के खिलाफ मुंबई में टेस्ट मैच में 15 छक्के लगाए थे। रोहित का चेतेश्वर पुजारा ने बखूबी साथ दिया। पुजारा ने 81 रनों की पारी खेली। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 169 रन जोड़े।
भारत की दूसरी पारी की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी। पहली पारी में दोहरा शतक मारने वाले मयंक अग्रवाल (7) को महाराज ने अपना शिकार बनाया। इसके बाद हालांकि पुजारा और रोहित ने दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों की अच्छी खबर ली। पुजारा पहले सत्र में बेहद धीमा खेले, लेकिन दूसरे सत्र में उन्होंने अच्छी स्ट्राइक रेट से रन बनाए। दूसरे सत्र में दोनों खिलाड़ियों ने भारत का कोई भी विकेट नहीं गिरने दिया। तीसरे सत्र में वर्नोन फिलेंडर की एक गेंद पुजारा के पैड पर लगी और अंपायर ने उंगली उठा पुजारा को पवेलियन भेज दिया। पुजारा ने 148 गेंदें खेलीं और 13 चौकों सहित 2 छक्के मारे।
पुजारा के जाने के बाद रोहित ने अपना शतक पूरा किया और फिर आक्रामक करने लगे। उन्होंने डीन पीडिएट के ओवर में तीन गेंदों पर लगातार तीन छक्के मारे। अगले ओवर में भी उनकी कोशिश यही थी लेकिन महाराज की गेंद पर वह चूक गए और क्विंटन डी कॉक द्वारा स्टम्प कर दिए गए। 286 के कुल स्कोर पर रवींद्र जडेजा के रूप में भारत ने अपना चौथा विकेट खोया। जडेजा ने 40 रन बनाए। भारत ने फिर 323 के कुल स्कोर पर अपनी दूसरी पारी घोषित कर दी। कप्तान विराट कोहली 31 और उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे 27 रन बनाकर नाबाद लौटे और दक्षिण अफ्रीका को विशाल लक्ष्य मिला।
इससे पहले, दक्षिण अफ्रीका ने दिन की शुरुआत आठ विकेट के नुकसान पर 385 रनों के साथ की थी। मेहमान टीम के निचले क्रम में भारतीय गेंदबाजों के लिए मुश्किलें पैदा कीं। खासकर 33 रन बनाकर नाबाद लौटने वाले सेनुरान मुथुसामी ने। महाराज (9) को अश्विन ने अपना छठा शिकार बनाया था, लेकिन मुथुसामी ने दूसरे छोर से संघर्ष जारी रखा। अश्विन ने दूसरे छोर से कगीसो रबाडा (15) के संघर्ष को खत्म कर दक्षिण अफ्रीकी पारी का अंत किया। उसे पहली पारी में अच्छे स्कोर तक पहुंचाने में एल्गर (160), क्विंटन डी कॉक (111) और कप्तान फाफ डु प्लेसिस (55) का भी अहम योगदान रहा। भारत के लिए अश्विन ने 7 विकेट लिए। जडेजा ने 2 और ईशांत शर्मा ने 1 विकेट हासिल किया।