गांधी जयंती पर खादी को भूल जाना दुर्भाग्यपूर्ण -मूणत
नकली गांधियों ने हड़प ली बापू की विरासत
रायपुर। भाजपा नेता पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने गांधी को लेकर कांग्रेस की समझ पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। मूणत ने कहा कि गांधी हमेशा खादी के लिए संघर्षरत रहे। बापू ने खादी को आजादी की लड़ाई का हथियार बनाया। उन्होंने विदेशी वस्त्रों की होली जलाकर खादी के माध्यम से देश भर में उत्साह का संचार कर दिया था। श्री मूणत ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ विधानसभा ने 150वीं जयंती मनाने का सोचा, तब उस खादी का भूल जाना दुर्भाग्यजनक है। प्रधानमंत्री मोदी ने जब गांधी की 150वीं जयंती पर राष्ट्रीय स्तर पर अनेक कार्यक्रमों की कल्पना की थी तो इसके पीछे मूल भावना यही थी कि देश दुनिया गांधी के विचारों के प्रकाश में समस्याओं का समाधान तलाशने, गांधी के विचारों को प्रचारित-प्रसारित करते लेकिन कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में जिस तरह इस बड़े मौके को अपनी सस्ती और स्तरहीन राजनीति करने में बर्बाद कर दिया वह निंदनीय है।
श्री मूणत ने कहा कि गांधी आजन्म खादी के लिए संघर्षरत रहे, खादी को उन्होंने आजादी की लड़ाई का प्रतीक बना दिया था, उसी खादी की उपेक्षा कर कोसा को गांधी से जोडऩा-दुखद ही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोगों को तो यह तक समझ नहीं है कि यह गांधी की जयंती थी, पुण्यतिथि नहीं। उन्होंने कहा कि सही अर्थों में कहें तो कांग्रेस ने गांधी के विचारों की तिलांजलि दे दी। श्री मूणत ने कहा कि अनेक गुटों में बंटी कांग्रेस के विधायक अमितेष शुक्ल ने इस अवसर पर कोसा पहनना शायद इसीलिए उचित नहीं समझा।
श्री मूणत ने कहा कि सवाल किसी कपड़े के विरोध का नहीं है, कोसा भी हमारी पहचान है लेकिन सवाल यह है कि जिस खादी के समर्थन में गांधी ने विदेशी वस्त्रों की होली जलाई, उसे भूलकर नकारात्मक चीजों और झूठ फरेब में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए था।