खाद्य मंत्री भगत ने जैविक फसलों व लघु वनोपजों से बने उत्पादों का लिया स्वाद
किसानों से चर्चा कर उत्पादन की भी ली जानकारी : अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में स्टॉलों का किया अवलोकन
तीसरे दिन विक्रय-सह-प्रदर्शन स्टॉलों में 10 लाख रूपए से अधिक के उत्पादों की बिक्री
रायपुर.खाद्य, नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण और संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने आज तीन दिवसीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन के आखिरी दिन यहां विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया। फसल उत्पादक, फल और फूल उत्पादक, जैविक एवं औषधीय उत्पादों के प्रसंस्करण में लगे उद्यमियों तथा हथकरघा उत्पाद के निर्माताओं द्वारा यहां विक्रय-सह-प्रदर्शन स्टॉल लगाए गए हैं। सम्मेलन के तीसरे और अंतिम दिन इसे आम लोगों के लिए भी खोला गया था। लोगों की भारी भीड़ के बीच आज 10 लाख रूपए से अधिक के खाद्य, वनौषधि एवं हथकरघा उत्पादों की बिक्री हुई।
श्री भगत ने स्टॉलों के अवलोकन के दौरान विभिन्न जैविक और औषधीय उत्पादों से तैयार खाद्य पदार्थों का स्वाद लिया। उन्होंने एथनिक इको आर्गेनिक फूड्स के स्टॉल पर अमारी (भाजी) फूल से बनाए गए सॉफ्ट-ड्रिंक का स्वाद लिया। उन्होंने यहां लाल चावल, रागी, ज्वार और नारियल से निर्मित बिस्किट भी चखे। खाद्य विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने यहां कांकेर के सीताफल से बनाया गया आइसक्रीम खाया। श्री भगत ने अन्य कई स्टालों पर भी स्थानीय कृषि और उद्यानिकी जैविक फसलों से बनाए गए उत्पादों को चखकर देखा। उन्होंने इनके स्वाद और पोषण गुणवत्ता की तारीफ भी की।
खाद्य मंत्री श्री भगत ने स्टॉल में किसानों से चर्चा कर उनके द्वारा उगाए जा रहे फसलों के उत्पादन और उनकी बिक्री की व्यवस्था के बारे में भी जानकारी ली। खाद्य मंत्री को यहां कई उत्पादकों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन के दौरान विदेशी खरीदारों ने उनके उत्पादों में रूचि दिखाई है और उन्हें इनकी आपूर्ति के लिए सहमति बनी है। भारत के अनेक राज्यों से आए प्रतिनिधियों से भी इन उत्पादों की आपूर्ति के लिए चर्चा हुई है।
उल्लेखनीय है कि कृषि और ग्रामोद्योग विभाग द्वारा रायपुर में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन के दौरान छत्तीसगढ़ के कृषि, उद्यानिकी, लघु वनोपज और हथकरघा उत्पादों की विदेशों और देश के दूसरे राज्यों में बिक्री एवं बाजार उपलब्ध कराने के लिए व्यावसायिक संस्थानों व खरीदारों तथा विक्रेताओं के बीच 33 एम.ओ.यू. हुए हैं।