November 24, 2024

जिला खनिज न्यास निधि शासी परिषद की बैठक संपन्न

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दुर्ग, जिला खनिज न्यास निधि की शासी परिषद की बैठक आज दुर्ग जिले के प्रभारी मंत्री श्री मोहम्मद अकबर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में सबसे पहले कलेक्टर श्री अंकित आनंद द्वारा जिला खनिज संस्थान न्यास से संबंधित संशोधित नियमों की संक्षिप्त जानकारी दी गई।
प्रभारी मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि डीएमएफ मद से खनन प्रभावित क्षेत्रों में प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित लोगांे का जीवन स्तर ऊंचा उठाने और उनके कल्याण के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा जनहित में नियमों में संशोधन किया गया है, जिससे निश्चित रूप से जनता को फायदा पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, पेयजल आदि क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर इस राशि का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के उद्देश्य के अनुरूप परिषद के सभी सदस्यों से जरूरत के मुताबिक प्रस्ताव आमंत्रित करें और खनन प्रभावित ग्रामों में प्राथमिकता तय करते हुए कार्य करें।
प्रभारी मंत्री श्री अकबर ने कहा कि प्रदेश के मुखिया की स्पष्ट मंशा है कि कुपोषण के खिलाफ बड़ा अभियान चलाकर प्रदेशभर में लइका और महतारी के जीवन स्तर को बेहतर किया जाए। इसके लिए डीएमएफ की राशि का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खनन प्रभावित क्षेत्रों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों में सघन सर्वे कर आंगनबाड़ी की भौतिक स्थिति का आंकलन कर कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि जमीनी स्तर पर मजबूती से काम करना होगा। उन्हांेने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से संचालित सेवाओं के द्वारा महिलाओं और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए डीएमएफ की राशि का इस्तेमाल किया जाएगा।
बैठक में कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्राथमिकता तय करते हुए डीएमएफ की राशि का इस्तेमाल किया जाएगा। जिला अस्पताल में आम जनता के लिए अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल पाएं। बैठक में बताया गया कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए 13.83 करोड़ रूपए के 98 कार्य स्वीकृत किए गए हैं। जिसमें से 49 कार्य पूर्ण एवं शेष प्रगतिरत् है। बैठक में वित्तीय वर्ष 2019-20 की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की गई। कलेक्टर श्री अंकित आनंद ने बताया कि उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र जैसे पेयजल, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, महिला एवं बाल विकास विभाग, निःशक्तजन, कौशल विकास और स्वच्छता सेक्टर में लगभग 36 करोड़ रूपए के 97 कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। मंत्री श्री चौबे ने निर्देश दिए कि चालू सत्र में उपलब्ध राशि के आधार पर प्राथमिकता तय करते हुए ही प्रस्ताव स्वीकृत करें। बैठक में समिति के सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों में समस्याओं के बारे में प्रभारी मंत्री को अवगत कराया। विधायक एवं महापौर श्री देवेन्द्र यादव ने भिलाई नगर निगम क्षेत्र में प्रस्तावित मदर्स मार्केट के निर्माण के लिए अतिरिक्त राशि की मांग की। उन्होंने बताया कि मदर्स मार्केट में महिला स्व-सहायता समूह को स्वरोजगार प्रदान किया जाएगा। जिससे महिलाएं आर्थिक रूप से सबल बनेंगी। उन्होंने बताया कि मदर्स मार्केट में ऐसी वस्तुओं का उत्पादन किया जाएगा, जिसकी मांग बाजार में है। जैसे कापियां, लेटरपेड, फिनाइल, डिटर्जेंट पाउडर आदि। महिलाओं को उत्पादन से लेकर बिक्री तक की सुविधा एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा निर्मित सामग्री की समुचित बिक्री सुनिश्चित करने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। मंत्री श्री अकबर ने कहा कि इस प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा कर आगे की कार्यवाही की जाएगी। महापौर श्री देवेन्द्र यादव ने शहरी क्षेत्र में आवारा पशुओं की समस्या की ओर समिति का ध्यान आकर्षित किया और समस्या की निराकरण की दिशा में कार्य करने की बात कही। मंत्री श्री अकबर ने बैठक में आमंत्रित शासी परिषद के सभी सदस्यों से प्राप्त सुझावोें पर पृथक से चर्चा की बात कही।
बैठक में बताया गया कि जिले में 49 मुख्य खनिज पट्टेदार है। जिसमें 47 चूना पत्थर और 02 मोल्डिंग सेंड के पट्टेदार है। इसी प्रकार 151 गौण खनिज पट्टेदार जिसमें से 81 चूना पत्थर, 67 मिट्टी और 3 क्वार्टजाईट के पट्टेदार है। उल्लेखनीय है कि 92 ग्राम खनन से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित है। बैठक में दिसम्बर 2015 में डीएमएफ की स्थापना से लेकर अब तक के आय-व्यय की जानकारी भी दी गई। बैठक में बताया गया कि विगत तीन वर्षों में 121.50 करोड़ रूपए की राशि डीएमएफ मद में प्राप्त हुई है। जिसमें से लगभग 73 करोड़ रूपए के 2857 कार्य स्वीकृत हुए हैं। जिसमें से उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में लगभग 82 प्रतिशत् और अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में 18 प्रतिशत् राशि व्यय की गई है। बैठक में विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

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