भ्र्ष्टाचार में अव्वल रहे जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की एक जमात मुख्यमंत्री के चौखट पर इस समय रगड़ रहे नाक
Raipur:अज़ब और गज़ब से किस्से हमेशा छत्तीसगढ़ में सुर्खियां बटोरते है और बात जब भ्रष्टाचार की हो और अधिकारी शामिल न हो तो मज़ा आता नही है। विभाग भी भिन्न भिन्न और अधिकारी भी तो गोल माल कैसे न होगा आज की यही कहानी आप के साथ साझा है जो सूत्रों के हवालों से निकल कर हमारे कार्यालय तक पहुँची पिछले 15 सालो मैं भ्रष्टाचार का एक लंबा खेल चला यह खेल कुछ इस तरह से चला कि हर 5 साल के बाद भ्रष्टाचार करने के नए-नए तरीकों का आविष्कार नए रास्ते निकाले गए भ्रष्टाचार करने के लिए पूर्व सरकार की सरकार के द्वारा ही इन 15 सालों में भ्रष्टाचार नहीं किया गया बल्कि अधिकारी भी भ्रष्टाचार में लिप्त थे इन अधिकारियों को भ्रष्टाचार को लेकर किसी प्रकार का भय नहीं था इसका कारण था कि ऊपर से यानी सरकार के द्वारा भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई नहीं करना और भ्रष्टाचार के लिए प्रोत्साहित करना नतीजा यह हुआ प्रदेश में विकास के नाम पर सिंचाई के लिए तमाम तरह के सिंचाई की योजनाएं बनाई गई उन पर ₹1 का खर्च किया गया लेकिन यह योजनाएं कुछ इस तरह की थी किए सिर्फ कागजों पर ही बेहतरीन नजर आती थी इसके अलावा वास्तविकता में निर्माण कार्यों में धांधली की गई नतीजा यह हुआ कि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ बताए गए निर्माण कार या तो निर्माण के दौरान ही टूट गए या फिर एक 2 साल के बाद भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए कांग्रेस की सरकार आने के बाद एक जो खास काम किया गया है वह यह है कि जल संसाधन विभाग में भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों की पहचान कर उनका स्थानांतरण किया गया उनकी जगह अधिकारियों को लाया गया जो अपने काम के लिए जाने जाते हैं एक अच्छे अधिकारियों की बड़ी जमात जो 15 सालों से हाशिए पर रख दी गई थी उन्हें फिर से नई जिम्मेदारी के साथ प्रदेश के विकास में नई गाथा लिखने की जिम्मेदारी सौंपी गई लेकिन इन 15 सालों में भ्रष्टाचारी अधिकारियों की लंबी जमात तैयार हो चुकी थी अरे जमात और किसी काम में निपुण हो या ना हो लेकिन भ्रष्टाचार करने में पूरी तरह से निपुण हो चुकी थी और इनके इसी की वजह से यह कई सालों से एक जहां पर टिके हुए थे स्थानांतरित होने के बाद इन भ्रष्ट अधिकारियों की फौज अब राजधानी रायपुर में जुट गई है और प्रदेश के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर एक तरह की सौदेबाजी करना चाहता है कि फिलहाल मुख्यमंत्री अभी तक इन भ्रष्ट अधिकारियों की मुलाकात तो नहीं हुई है लेकिन इतना तो तय है कि भ्रष्टाचार के कई मामलों में आरोपी इन अधिकारियों को सीएम से भी कोई राहत मिलने के आसार नज़र नहीं आ रहे हैं।जिन पैसों से विकास कार्य करने थे डैम बना था सिंचाई परियोजना का संचालन किया जाना था उन पैसों का स्वागत द्वार बनवाया गया उन पैसों से सिर्फ कार्यालय और अपने घरों में ऐसी लगवाए जमीनी हकीकत यह है लेकिन कागजों में पूरे पैसे का उपयोग कर लिया गया है योजनाओं को दुरुपयोग किया गया है और विकास कार्यों के मत के पैसों का उपयोग अपने सुख संसाधन और पिछले सरकारों में का बीज राजनेताओं को खुश करने में किया गया