बिमला सिलाई के साथ खेती-किसानी कर परिवार की आमदनी में कर रही इजाफा
नारायणपुर नारायणपुर जिले के ग्राम डुमरतराई के चिहरीपारा की श्रीमती बिमला बाई पति श्री आनंदराम पात्र महिलाओं के कपड़े सिलाई के साथ-साथ खेती-बाड़ी का भी काम कर अपनी घर-गृहस्थी भी संभाल रही है। उनके इस कार्य से परिवार के लोग काफी प्रसन्न है। उनके चार बच्चे हैं, जिनमें तीन लड़की और एक लड़का है।
श्रीमती बिमला ने बताया कि वह सरगुजा की रहने वाली है। उनकी शादी लगभग 12 साल पहले हुई थी। परिवार का खर्च खेती किसानी पर निर्भर था, जो पूरा नहीं पड़ता था। तब उनका हुनर काम आया और उन्होंने घर पर सिलाई का काम शुरू किया, जो चल निकला और पैसे भी
आने लगे। तब गांव की स्थिति आज से अलग थी । अब गांव में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि पहले सरगुजा बहुत दूर लगता था लेकिन अब नारायणपुर से रायपुर तक कई बस चलने लगी है। रायपुर से सरगुजा तक रेल की सुविधा है। अब बस्तर से सरगुजा की दूरी अब कम लगती है।
श्रीमती बिमला ने बताया कि शादी से पहले सरगुजा में महिलाओं के कपड़े सलवार सूट, ब्लाउज आदि का सिलाई का काम सीख था, जो आज काम आ रहा है। शादी के मौसम में दो-तीन ब्लाउज एवं सलवार सूट की सिलाई कर लेती है। प्रति सलवार सूट 200 रूपए और ब्लाउज का 100 रूपए की दर से सिलती है। शादी के सीजन में 12 से 15 हजार रूपए कमा लेती है। बारिश में सिलाई का काम कम हो जाता है। तब खेती-किसानी में परिवार का हाथ बंटाती है। घर की बाड़ी में काम करती है, जिससे घर के लिए ताजा साग-सब्जी मिलती है।