मोतियाबिंद ऑपरेशन में महारानी अस्पताल को राज्य में मिला दूसरा स्थान
जगदलपुर, राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के तहत संस्थागत मोतियाबिंद ऑपरेशन में महारानी अस्पताल जगदलपुर ने राज्य में दूसरा स्थान हासिल किया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. देवेन्द्र नाग ने बताया कि महारानी अस्पताल को यह उपलब्धि मात्र पांच माह में 761 मोतियाबिंद आॅपरेशन के कारण प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि मेडिकल काॅलेज जगदलपुर से अलग होने के बाद कलेक्टर डाॅ. अय्याज तम्बोली के मार्गदर्शन और प्रेरणा से यहां विशेष कार्ययोजना के साथ नेत्र विशेषज्ञ की पदस्थापना की गई और नियमित रुप से मोतियाबिंद के आॅपरेशन किए ग और मात्र पांच माह में ही 761 मोतियाबिंद का सफलतापूर्वक आॅपरेशन कर लोगों की नेत्रज्योति वापस लाई गई। उन्होंने बताया कि मोतियाबिंद आॅपरेशन में निःशुल्क लेंस, दवा, भोजन, ठहरने और परिवहन की व्यवस्था है, जबकि निजी अस्पतालों मंे इसी आॅपरेशन का खर्च 10 से 20 हजार रुपए के बीच होता है।
उन्होंने बताया कि महारानी अस्पताल में जगदलपुर के साथ ही पड़ोसी जिले सुकमा, दंतेवाड़ा और कोंडागांव जिले मोतियाबिंद के पीड़ित लोग आॅपरेशन के लिए पहुंचते हैं। वर्तमान में नेत्र विशेषज्ञ डाॅ. सरिता निर्मल एवं उनके स्टाॅफ द्वारा 40 वर्ष से अधिक उम्र के दृष्टिदोष से पीड़ित व्यक्तियों की जांचकर निःशुल्क चश्मा वितरण किया जा हा है। यहां आॅटो रिफ्रेटो मीटर से चश्मा के नम्बर निकाले जाते हैं और नेत्र संबंधी सभी जांच निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। बाह्य रोगी विभाग में औसतन 100 मरीज प्रतिदिन अपनी आंखों की जांच और उपचार करवा रहे हैं। उन्होंने 40 वर्ष से अधिक उम्र के हाई ब्लड प्रेशर और सुगर के मरीजों को नियमित तौर पर अपनी आंखों की जांच करवाने की सलाह दी, जिससे रेटिनोपेथी (अंधेपन) से बचें।