आम महोत्सव में छत्तीसगढ़ के स्वर्ण-प्रभा किस्म को मिला प्रथम पुरस्कार
बीजापुर का ’हाथी-झूल’ आम रहा आकर्षण का केंद्र
राज्यपाल रामनाईक ने छत्तीसगढ़ को 12 प्रशस्ति पत्रों से नवाजा
रायपुर- उत्तर प्रदेश के लखनऊ में गत 22 एवं 23 जून को आयोजित “आम महोत्सव – 2019’’ में छत्तीसगढ़ के स्वर्ण-प्रभा किस्म के आम को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। इसी तरह शासकीय नारियल प्रक्षेत्र, पामलवाया, जिला-बीजापुर का हाथी-झूल किस्म के आम ने महोत्सव आए सभी आगंतुकों को आकर्षित किया। इसी तरह उत्कृष्ट प्रदर्शनी हेतु छत्तीसगढ़ के स्टाल को प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री रामनाईक ने छत्तीसगढ़ राज्य को विभिन्न वर्गों में 12 प्रशस्ति पत्रों से नवाजा।
महोत्सव में छत्तीसगढ़ के स्टाल में यहां के हाथी-झूल प्रजाति के बड़े आकर को देख उसके साथ फोटो खीचने की भीड़ दोनों दिन निरंतर देखी गयी।
छत्तीसगढ़ राज्य उद्यानिकी विभाग से श्री आर के यादव, उद्यान विकास अधिकारी, जिला बिलासपुर एवं उनकी टीम द्वारा राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए कुल 25 किस्म के आम, महोत्सव में प्रदर्शित किया गया। महोत्सव में अन्य राज्यों से भी कई किस्म के आम प्रदर्शित किये गये थे। लगभग 700 प्रजातियों के आम जिसमें मलिहाबाद का दशहरी, छत्तीसगढ़ का हाथी-झूल एवं छत्तीसगढ़ स्वर्ण-प्रभा मुख्य आकर्षण के केंद्र रहे।
विदित हो कि छत्तीसगढ़ स्वर्ण-प्रभा प्रजाति इसी वर्ष छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अनुशंसित की गयी है। यह प्रजाति इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर छत्तीसगढ़ के फल वैज्ञानिक मुख्यतः डॉ. प्रभाकर सिंह, वर्तमान में उद्यानिकी विभाग के संचालक, डॉ. विजय जैन, डॉ. जी एल शर्मा और डॉ. हेमंत पाणिग्रही द्वारा विकसित की गई है।
छत्तीसगढ़ स्वर्णप्रभा की खास बात यह है कि इनका नियमित फलन होता है और यह स्वादिष्ट होते हैं। इनमे रेशे कम होते हैं एवं पल्प मक्खन की तरह होता है। यह फल टेबल तथा प्रसंस्करण दोनो दृष्टि से उपयोगी है।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव उद्यान श्री अमित मोहन प्रसाद, निदेशक उद्यान श्री आर पी सिंह तथा उद्यान मंत्री श्री दारा सिंह चौहान ने भी छत्तीसगढ़ के स्टाल में शिरकत की तथा इसके उत्कृष्ट प्रदर्शनी की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।