किसानों का सरकार पर पहला हक, उनकी समस्याओं का प्राथमिकता से होगा हल
रसायनिक तत्वों से जमीन की उर्वरा शक्ति हो रही कम
चंद्रनाहू समाज के वार्षिक अधिवेशन में मुख्यमंत्री शामिल हुए
रायपुर-प्रदेश के संसाधनों और सरकार पर पहला हक यहां के किसानों का है, इसलिए उनकी समस्याओं का हल पहली प्राथमिकता से होगा। छत्तीसगढ़ देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां सरकार ने किसानों के परिश्रम का मर्म समझते हुए 2500 रूपए प्रति क्विंटल के मान से समर्थन मूल्य पर धान खरीदने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस आशय के विचार आज चंद्रनाहू समाज के दो दिवसीय वार्षिक अधिवेशन में व्यक्त किए। कुरूद के चंद्राकर समाज मंगल भवन में आयोजित चंद्रनाहू कुर्मी क्षत्रिय समाज के 50वें केन्द्रीय महाअधिवेशन में कहा कि राज्य शासन किसानों और जमीन से जुड़े लोगों के हितों की रक्षा करने के हर सम्भव प्रयास करेगी, इसके लिए संसाधनों की कमी नहीं होगी। श्री बघेल ने खेती की वर्तमान पद्धति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि रसायनिक तत्वों से जमीन की उर्वरा शक्ति का लगातार कम होते जा रही है, जिसका मानव जीवन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसी तरह जल संसाधनों के अत्यधिक दोहन से भूजल स्तर में लगातार गिरावट आ रही है, जो गम्भीर चिंता व चिंतन का विषय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हीं समस्याओं को दृष्टिगत करते हुए राज्य शासन ने नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना संचालित की है। इस ड्रीम प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य जैविक खेती को पुनर्जीवित करना, जल संरक्षण के उपाय करना गौवंश का संवर्धन करना और गोबर के माध्यम से कम्पोस्ट तैयार द्वारा पोषक सब्जी, फलों जैसे फसलों को बढ़ावा देना है। उन्होंने वॉटर रिचार्ज पर जोर दिया, जिससे कि जलस्रोतों में अधिक से अधिक समय पानी को बनाया रखा जाए एवं जल संकट जैसी भयावह स्थिति निर्मित न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चंद्रनाहू समाज के लोग जमीन से जुड़े, कर्तव्यनिष्ठ, परिश्रमी और स्वाभिमानी हैं। उन्होंने समाज के लोगों से शासन की योजनाओं को सफल बनाने सहयोग करने की अपील की। साथ ही समाज की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया।
धमतरी जिले के विकासखण्ड मुख्यालय कुरूद में आयोजित इस कार्यक्रम को सिहावा विधानसभा क्षेत्र की विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव, महासमुंद विधायक श्री विनोद चंद्राकर तथा पण्डरिया विधानसभा क्षेत्र की विधायक श्रीमती ममता चंद्राकर ने भी संबोधित किया। इसके पहले मुख्यमंत्री का स्वागत छत्तीसगढ़ की पारम्परिक प्रतीक नांगर (हल), कमरा और खुमरी भेंट कर किया गया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट एवं उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त करने वालों समाज के युवक-युवतियों व छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति-पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया।