फॉरेंसिक ऑडिट एवं फ्रॉड डिटेक्शन(FAFD) की 7 दिवस की कार्यशाला प्रारम्भ
इंस्टीटूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की मध्य भारत के क्षेत्रीय समिति की रायपुर शाखा द्वारा आयोजित कार्यशाला
पूरे प्रदेश भर से लगभग 60 चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ने हिस्सा लिया
रायपुर-चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की रायपुर शाखा ने प्रदेश में कार्य कर रहे अपने सदस्यों के लिए सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। देश में बढ़ रहे आर्थिक अपराध को अच्छी तरह से जांचने एवं मामले की तह तक जाने के लिए इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ने कुछ ही साल पहले यह कार्यप्रणाली का विमोचन किया था। रायपुर इकाई के अध्यक्ष CA CP भाटिया एवं कार्यक्रम संयोजक CA रवि ग्वालानी ने बताया कि फॉरेंसिक ऑडिटर की कार्यप्रणाली के लिए यह सदस्यों को सात दिवस की कार्यशाला के साथ साथ 17 घंटे की इलेक्ट्रॉनिक पढ़ाई भी करनी पड़ती है उसके बाद सदस्यों को दो परीक्षाएं देनी पड़ती है और फॉरेंसिक से संबंधित एक रिपोर्ट जमा करनी पड़ती है तब जा कर कोई चार्टर्ड एकाउंटेंट् फॉरेंसिक ऑडिटर बनता है।
फॉरेंसिक ऑडिटर की मदद बैंक, राज्य सरकार, केंद्र सरकार, आदि किसी भी प्रकार के आर्थिक अपराध को अच्छी तरह से जांचने के लिए लेते हैं।
कार्यशाला को संबोधित करने नागपुर से CA चारुदत्त मराठे रायपुर आये थे,उन्होंने सदस्यों को बताया कि फॉरेंसिक ऑडिट में एक ऑडिटर से कई सारी अपेक्षाएं रखी जाती हैं, ऑडिटर को न सिर्फ ऑडिट करनी है बल्कि जंच एजेंसी के समक्ष ऐसे तथ्य भी देने पड़ते हैं जिससे वो अपनी रिपोर्ट को ज़रूरत पड़ने पर माननीय न्यायालय के समक्ष भी रख सके और न्यायालय उस रिपोर्ट में तथ्य एवं सबूत के आधार पर अपना फैसला सुना सके। एक ऑडिटर को बहुत ही बारीकी से खातों को देखना पड़ता है एवं किसी भी लेन देन को सहीं मानने से पहले हर पहलू से जांचना पड़ता है कि वो लेन देन वास्तविक में हुआ भी था या महज़ कागजों में हुआ।
चूंकि यह कार्यशाला सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे ताल चलती है तो समय को ध्यान रखते हुए यह कार्यशाला केवल शनिवार एवं रविवार को लगाई जाएगी जिसमें अभी दो दिवस हो चुके हैं।