महासमुंदअंचल के युवा चला रहे निशुल्क ऑनलाईन ब्लड कॉल सेंटर
0 रंग ला रही रक्तदान सेवा समिति की मुहिम
0 व्हाट्सएप्प ग्रूप के माध्यम से लगातार हो रहा रक्तदान
जोगी एक्सप्रेस
महासमुंद। अंचल के युवाओं को रक्तदान को लेकर बड़ी कामयाबी मिलने लगी है, करीब एक वर्ष पूर्व बनाये गये रक्तदान महादान के दर्जनों व्हाट्सएप्प ग्रूप एवं लगभग 5000 सक्रीय रक्तदाता जुड़ चुके हैं, जो हमेंशा रक्तदान करने को तत्पर रहते हैं, साथ ही रक्तदान सेवा समिति के माध्यम से मरीज के परिजनों को जागरूक कर रक्तदान के पूर्वाग्रह से पीडि़त आमजनों को अधिक से अधिक रक्तदान करवाया जा रहा है तथा रक्तदान से होने वाले लाभ से अवगत करवाया जा रहा है। गौरतलब हो कि नगर के युवाओ द्वारा मुस्तफीज आलम एवं हरदीप सिंह रैना ने 11 नवम्बर 2013 को व्हाट्सएप्प पर रक्तदान महादान नामक ग्रूप की स्थापना की थी। इसका एकमात्र उद्देश्य ग्रूप से सदस्यों द्वारा रक्तदान के माध्यम से जरूरतमंद मरीजों को रक्त उपलब्ध कराना था। ग्रूप के सभी सदस्यों के सम्मिलित प्रयासों से रक्तदान महादान की मुहिम सफल रही और सैकड़ों जरूरमंदों की जान बचाई गई। रक्तदान का सिलसिला आज भी रक्तदान सेवा समिति के रूप में बदस्तुर जारी है। ग्रूप के सक्रीय सदस्य, पुलिस विभाग में पदस्थ पुरूषोत्तम प्रधान ने जानकारी देते हुए बताया कि रक्तदान सेवा समिति के नाम से वर्तमान में 15 ग्रूप संचालित हैं जिसमें लगभगत 3500 सक्रीय रक्तदाता जुड़ें हैं, सभी ग्रूप के लगभग 400 – 400 डोनर हमेंशा कहीं भी, कभी भी रक्तदान के लिये तत्पर रहते हैं। ग्रूप के सदस्य, पंचायत सचिव उमेश प्रधान ने बताया कि रक्तदान सेवा समिति का उद्देश्य रक्तदान के प्रति लोगों के दिल में बैठे डर को बाहर निकालना है, तथा अधिक से अधिक लोगों को रक्तदान के लिये प्रेरित कर रक्त के अभाव में होने वाले मृत्यु को रोकना है। ग्रूप के सदस्य शिक्षक, शुभम साहू ने जानकारी देते हुए कहा कि महासमुंद, सरायपाली, बसना, पिथौरा अंचल क्षेत्रों के अस्पतालों में रक्तदान सेवा समिति के सक्रीय सदस्यों का मोबाईल नंबर दे दिया गया है, किसी जरूरत मंद को रक्त की आवयश्यकता होने पर सबसे पहले मरीज के परिजनों को जागरूक कर रक्तदान करने प्रेरित किया जाता है, जिस मरीज के परिवार में कोई सक्षम न होने पर नाम, पता, उम्र, बीमारी, ब्लड ग्रूप, यूनीट संख्या, अटेंडर का मोबाईल नंबर और अस्पताल या जिस डॉक्टर की देखरेख में रक्तदान कराया जाना है, का पता लेकर एक पोस्ट बनाया जाता है, जिस पर दिनांक तथा समय लिखा होता है, पश्चात उसे रक्तदान सेवा समिति के ग्रूपों में वायरल किया जाता है, ग्रूप के सदस्यों के द्वारा मैसेज देखते ही अपनी सुविधानुसार डोनर तय स्थान पर पहुच कर अनुभवी डॉक्टरों के निर्देशन में नियमानुसार नि:शुल्क रक्तदान करते हैं, इसके पश्चात रक्तदान करते हुए एक फोटो ग्रूप में बधाईयां और शुभकामनाओं के साथ वायर कर अन्य लोगों को भी रक्तदान के लिये प्रेरित कर इस महाअभियान से जोड़ा जाता है। ग्रूप के युवा शिक्षक प्रवीण प्रधान ने कहा कि यूं तो रक्तदान को लेकर सैकड़ों ग्रूप कार्यरत् है लेकिन रक्तदान महादान की कुछ बाते सभी ग्रूप से हमें अलग करती है वो है पारदर्शिता, मरीज के परिजनों को जागरूक करने पर अधिकतर परिजन नहीं मानते थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से फोटोग्राफ्स दिखाने पर उन्हें भी रक्तदान करने में कोई संकोच नहीं होता और अटेंडर के नंबर से चर्चा करने पर रक्तदाता और मरीज के बीच एक खून का रिश्ता बन जाता है, मरीज तथा मरीज के परिजन रक्तदाताओं को खूब दुआएं और साधुवाद देते हैं जिससे रक्तदाताओं को प्रसन्नता के साथ मानसिक शांति प्राप्त होती है। समिति के सद्स्यों ने बताया कि रक्तदान सेवा समिति से जुड़कर युवा दम्पत्ति अपने वैवाहिक वर्षगांठ, जन्मदिन पर रक्तदान करने ललायित रहते हैं, ग्रूप में जुडऩे के लिये अपना नाम, पता और ब्लड ग्रूप व्हाट्सएप्प या एसएमए कर सकते हैं या फेसबुक में रक्तदान महादाय, रक्तदान सेवा समिति की आईडी में मैसेज कर सकते हैं। ग्रूप के संचालन में तरूण बारीक, कमलेश चौधरी, सुनील साहू, मनीष प्रधान, जुगल साहू, गुमान सिंह दीवान, सुनील सागर आदि सक्रीय रूप से लगे हुए हैं।