अभिभावक बच्चों की सृजनात्मक प्रवृत्ति को बढ़ावा दें: राज्यपाल
रायपुर – हर बच्चे के अंदर सृजनात्मक प्रवृत्ति होती है। अभिभावकों को अपने बच्चे की इस सृजनात्मक प्रवृत्ति को बढ़ावा देना चाहिए। यह बात राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में चल रहे पन्द्रह दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर के समापन समारोह के अवसर पर कही। ग्रीष्मकालीन शिविर का कार्यक्रम राजभवन के अधिकारी-कर्मचारियों के बच्चों के लिए किया गया था।
राज्यपाल ने कहा कि अभिभावकों को समय निकाल कर अपने बच्चों में छिपी प्रतिभा को पता लगाना चाहिए और उसे निखारने का प्रयास करना चाहिए। किसी बच्चे का प्राकृतिक सृजनात्मक झुकाव उससे बातचीत कर आसानी से पता किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे ग्रीष्मकालीन शिविर बच्चों की सृजनात्मक प्रवृत्ति को एक दिशा देने, उनकी प्रतिभा को निखारने का अच्छा माध्यम है। इससे उनकी कला तो निखरती ही है, व्यक्तित्व का विकास भी होता है।
उन्होंने कहा कि पहली बार मंच पर दर्शकों का सामना करना अत्यंत कठित होता है पर धीरे-धीरे इससे आत्मविश्वास भी बढ़ता है। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि भविष्य में राजभवन के आंतरिक कार्यक्रमों के संचालन का काम इन बच्चों की ओर से कराया जाना चाहिए।
शिविर के दौरान बच्चों की ओर से बनाई गई कलाकृतियों की प्रशंसा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिविर में विभिन्न विधाओं के प्रशिक्षक इन विधाओं में रूचि लेने वाले और आगे सिखने के इच्छुक बच्चों को चिन्हांकित करें। इनके लिए भविष्य में साप्ताहिक अवकाश के दिनों में प्रशिक्षण दिया जाए। यदि आवश्यक हो तो प्रशिक्षकों को मानदेय की व्यवस्था भी की जाए। राज्यपाल पटेल ने इस अवसर पर स्वास्थ्य की महत्ता का जिक्र करते हुए राजभवन में कर्मचारियों के लिए जिम स्थापित किए जाने के लिए भी कहा।
इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सुरेन्द्र कुमार जायसवाल ने शिविर का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि राज्यपाल पटेल नवाचारों के लिए जानी जाती है। इसी तारतम्य में राजभवन कॉलोनी में निवासरत् कर्मचारियों के बच्चों के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में कुल 50 बच्चे शामिल हुए। इनमें योग में 30, रंगोली में 13, क्राफ्ट में 19, ड्राइंग और पेंटिंग में 23, मूर्तिकला में 9, शास्त्रीय नृत्य में 15, अभिनय में 17 बच्चों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
कार्यक्रम में बच्चों ने भरत नाट्यम की प्रस्तुति दी और नाटक `गिरगिटÓ का मंचन किया। राज्यपाल ने सभी बच्चों को प्रमाण-पत्र वितरित किए। इस अवसर पर उप सचिव रोक्तिमा यादव, नियंत्रक हरवंश मिरी, प्रशिक्षक, पालक और राजभवन के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।