बड़ेकनेरा के गौठान में काटा चारा
बस्तर के व्यस्ततम दो दिवसीय दौरे में गौ सेवा का लोभ संवरण नहीं कर पाए मुख्यमंत्री
रायपुर-मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बस्तर के व्यस्ततम दो दिवसीय दौरे में गौ सेवा का लोभ संवरण नहीं कर पाए। मुख्यमंत्री श्री बघेल आज कोण्डागांव जिले के ग्राम बड़ेकनेरा के आदर्श गौठान पहुंचे तो गायों के लिए हरे चारे का इंतजाम देखकर प्रफुल्लित हो गए। मूलतः किसान श्री भूपेश गायों को चारा खिलाने के लिए स्वयं चारा कटाई करने लगे। उन्होंने वहां उपस्थित ग्रामीणों से हंसिया मांग कर पशुओं के लिए चारा कटाई की और पशुओं को खिलाया। उन्हें गौठान में चारा कटाई करते देख ग्रामीण अभिभूत हुए।
मुख्यमंत्री ने गौठान में पशुओं के लिए की गई व्यवस्था पर प्रसन्नता व्यक्त की। अवलोकन के दौरान उन्होंने वहां पशुओं के रख-रखाव, चारे-पानी एवं उपचार के लिए की गई व्यवस्था देखी और वहां उपस्थित ग्रामीणों से गौठान की व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए उनसे सुझाव लिए। ग्रामीणों से चर्चा करते हुए उन्होंने गौवंश के सरंक्षण और संवर्धन के लिए गोठान की स्थापना को जरुरी बताया। इसके बाद उन्होंने चौपाल में ग्रामीणों के बीच बैठकर सीधे संवाद किया।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से कहा कि नरवा, गरूवा, घुरवा, और बाड़ी छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और ये चारों आपस में एक दूसरे से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि सभी गांवों में पशुधन है, लेकिन परम्परागत गोठान, चारागाह की कमी के कारण इनका सदुपयोग नहीं हो पा रहा है। गोठान की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी के संवर्धन और विकास से सशक्त छत्तीसगढ़ के निर्माण में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि गौवंशी पशुओं के संवर्धन से दूध का उत्पादन बढ़ेगा। गोबर से कम्पोस्ट खाद मिलने से खेती समृद्ध होगी। वहीं घरेलू उपयोग के लिए बायोगैस भी मिलेगी। गांव के नाले बारहमासी होते थे, परन्तु भूमिगत जल के अत्यधिक दोहन से जलस्तर अब नीचे चला जाता है, अतः नालो के किनारांे पर वृक्षारोपण करने से भूमिगत जल में वृद्धि होगी इसलिए शासन द्वारा ‘नरवा‘ योजना के तहत पुनः रिचार्ज करने का निर्णय लिया है। नालों में पानी होने से बाडि़यों का विकास होगा। इससे आय के साधन बढ़ेंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी।