November 23, 2024

धरमलाल कौशिक मामले में कांग्रेस की प्रतिक्रिया

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रायपुर- प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस व्यक्तिगत प्रतिशोध की राजनीति में विश्वास ही नहीं करती है। धरमलाल कौशिक जी के खिलाफ शिकायत की गई है उस शिकायत से कांग्रेस का कोई संबंध नहीं है। धरमलाल कौशिक जी एक जिम्मेदार सम्मानित नेता हैं और उन्हें मंत्री का दर्जा प्राप्त है। अभी तो सरकार ने या पुलिस ने कोई कार्यवाही ही धरमलाल कौशिक जी के विरुद्ध नहीं की है। ऐसी स्थिति में धरमलाल कौशिक मामले में सरकार और कांग्रेस के खिलाफ बयान बेहद गैर जिम्मेदाराना है। अगर धरमलाल कौशिक जी के खिलाफ कोई षड्यंत्र हो रहा है तो उन्हें स्वयं सामने आकर षड़यंत्र के बारे में पुलिस को बताना चाहिए। महिला ने गंभीर शिकायत की है। धरमलाल कौशिक जी को तो स्वयं इस शिकायत की जांच की मांग करनी चाहिये। जिस एजेंसी से धरमलाल कौशिक चाहे उसी एजेंसी से इस प्रकरण की जांच के लिये हम तैयार है। धरमलाल कौशिक जी को अपनी सरकार मंत्री एम जे अकबर का अनुसरण करना चाहिये, जिन्होने ऐसी ही शिकायतों पर पद छोड़कर स्वयं जांच की मांग की और जांच का सामना भी किया है।

एनआईए जांच में कांग्रेस की प्रतिक्रिया

भाजपा की नीयत हुयी उजागर

भीमा मंडावी के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा था कि हम हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं।एनआईए की जांच की घोषणा जिस तरीके से आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद की गयी और राज्य सरकार की अनुशंसा तक नहीं होने की मूलभूत जरूरत को अनदेखी किया गया है, यह भाजपा की नीयत को दर्शाता है। हमने भी अपने नेताओं की एक पूरी पीढ़ी को माओवादी हमले में गंवाया है। भीषण हत्याकांड में गंवाया है। हम शहीदों के परिजनों के दर्द को जानते हैं, समझते हैं। जीरम मामले में भी एनआईए की जांच की घोषणा की गई थी। एनआईए ने क्या किया था? इस बेहद गंभीर मामले में जिन गवाहों की सूची एनआईए ने स्वयं न्यायालय को दी थी, उन सभी गवाहों से पूछताछ नहीं की। जीरम मामले में षड़यंत्र की जांच तक नहीं की। जीरम मामले में एनआईए बार-बार मांगने के बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार को एनआईए जीरम मामले की जांच की फाइल तक क्यों नहीं दे रही है? छत्तीसगढ़ में बीजेपी की रमन सिंह सरकार ने भी जीरम मामले में क्या किया था? शहीदों के परिजनों ने मांग की थी कि हमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलाया जायें, शहीदों के परिजनों को मिलाया तक नहीं। भाजपा सरकार ने जीरम मामले की सीबीआई जांच विधानसभा के पटल में घोषणा करने के बावजूद नहीं कराई और रमन सिंह सरकार के नोडल ऑफिसरों ने एनआईए की जांच में उस समय बाधा डालने की कोशिश की। छत्तीसगढ़ के लोगों को यह जानने का अधिकार है कि रमन सिंह सरकार जीरम मामले में क्या छुपाने में लगी है।

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