कांग्रेस घोषणा पत्र जनआवाज में गाँव गरीब, युवा, एवं किसान सबके भलाई के लिए राहुल गांधी की दूरदर्शी सोच। पप्पू बंजारे
रायपुर,छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव एवं पूर्व जनपद अध्यक्ष राजेंद्र पप्पू बंजारे ने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस घोषणा पत्र को जन आवाज का नाम देते हुए घोषणा पत्र में गाँव, गरीब , युवा,एवं किसानो के लिए कल्याण कारी योजना लाये है जो राहुल गांधी जी की दूरदर्शी सोच को दर्शाता है राहुल गांधी ने कहा कि इसमें सिर्फ पांच बातों पर फोकस है, क्योंकि कांग्रेस का लोगो ही पंजा है। सबसे पहले बात न्याय की आय, जिसके जरिए हम सभी के खातों में पैसा डालेंगे, “गरीबी पर वार, 72 हजार” ये पैसे हर साल दिए जाएंगे। इससे सीधे तौर पर अर्थव्यवस्था को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि 2019 में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी तो युवाओं को 3 साल तक परमिशन की जरूरत नहीं होगी।
कांग्रेस प्रदेश सचिव राजेन्द्र बंजारे ने कहा कि राहुल गांधी ने अपने घोषणा पत्र में कहा कि हम 6 फीसदी से अधिक शिक्षा पर खर्च करेंगे। उन्होंने कहा कि हम प्राइवेट इंशोरेंस पर भरोसा नहीं करते हैं, गरीब व्यक्ति को भी हाई क्वालिटी अस्पताल का एक्सेस हो। बीजेपी की सरकार ने देश को बांटने का काम किया, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाएं बढ़ रही हैं। देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंरिक सुरक्षा पर कांग्रेस का पूरा फोकस होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने ऐलान किया कि हम किसानों के लिए अलग से बजट लाएंगे। जैसे रेल के लिए अलग बजट होता था, वैसे ही किसानों के लिए भी अलग से बजट होगा ताकि उन्हें पता चल सके कि उनके लिए कितना खर्च हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर किसान कर्ज ना चुका पाता है तो वह आपराधिक मुकदमा नहीं बल्कि सिविल मुकदमा के तहत आएगा।
कांग्रेस प्रदेश सचिव राजेन्द्र बंजारे ने कहा कि घोषणापत्र जारी करने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि हम चाहते थे कि इसमें जनता की आवाज हो इसलिए मैंने कमेटी से कहा था कि आम लोगों से बात करना जरूरी है। मेरा कहना साफ था कि इसमें कोई झूठ नहीं होना चाहिए, क्योंकि हम प्रधानमंत्री की तरह झूठ नहीं बोलते हैं।
घोषणापत्र जारी करने से पहले घोषणापत्र कमेटी के सदस्य राजीव गौड़ा ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चाहते थे कि इस बार का घोषणापत्र कुछ अलग हो। जो ना सिर्फ पार्टी के इतिहास बल्कि देश में भी अलग हो। जिसके बाद कमेटी ने कई तरह से इसे तैयार करने में कोशिश की। इस घोषणापत्र को ‘जन आवाज घोषणापत्र’ नाम दिया गया है।
उन्होंने बताया कि किस तरह ये मैनिफेस्टो तैयार हुआ…- NRI नागरिकों से बात की – हर क्षेत्र के एक्सपर्ट से बात की- दलित, अल्पसंख्यक, डॉक्टर, शिक्षक, व्यापारियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की- ऑनलाइन भी लोगों से राय ली, फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप पर लोगों ने अपने सुझाव भेजे- 1 लाख से भी अधिक लोगों ने विस्तार में अपनी बात रखी- 20 से अधिक राज्यों में आम लोगों से सीधा संवाद हुआ।