गरीबों को खुद मिट जाने मजबूर कर रही भूपेश सरकार – उसेंडी
–पहले कभी कोई भूखा नहीं सोता था अब भूखी बच्ची के लिए दुखी पिता रेत रहा अपना गला
रायपुर। रमन राज में छत्तीसगढ़ में कोई भूखे पेट नहीं सोता था। कांग्रेस के सौ दिनों की सरकार में हालात इतने बद से बदतर हो गये कि 2 माह की बच्ची के लिए दूध का इंतजाम न कर पाने से दुखी एक पिता ने अपना गला रेतकर खुदकुशी करने की कोशिश की, यह इसका उदाहरण है कि महज 3 माह में सामाजिक सरोकारों की क्या स्थिति हो गई है! प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने रायगढ़ में सामने आई इस घटना पर अत्यन्त दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार में यदि तनिक भी नैतिकता शेष बची है तो वह फौरन पीडि़त परिवार को यथा संभव शासकीय सहायता उपलब्ध कराये। ऐसे मामलों में कोई चुनाव आचार संहिता बाधक नहीं बनती। भाजपा भी इस बाबत सहमति देने तैयार है कि बिना किसी राजनीतिक ढिंढोरे बाजी के गरीब जनता के प्रति राजधर्म निभाया जाये।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्री उसेंडी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में ऐसा एक भी अवसर नहीं आया जब किसी गरीब को इस कदर लाचारी के दौर से गुजरना पड़ा हो। हमारी सरकार ने आदिवासियों के पांव से लेकर हर गरीब के पेट की चिंता की। राज्य के बजट का बहुत बड़ा हिस्सा सामाजिक सरोकारों को समर्पित किया। कांग्रेस की सरकार आते ही गरीबों की दशा यह है कि नन्हीं सी जान के लिए दूध का इंतजाम न कर पाने पर बेबस पिता आत्महत्या करने पर विवश हो गया। गरीबों के नाम पर हर रोज नये नये तरीके से स्वांग रचने वाली भूपेश सरकार का असली चेहरा इस घटना ने सामने लाकर रख दिया है। छत्तीसगढ़ के गरीब यह अच्छी तरह समझ सकते हैं कि कांग्रेस की सरकार गरीबी मिटाने वाली नहीं है बल्कि गरीबों को खुद मिट जाने के लिए मजबूर करने वाली सरकार है।