मामला दर्ज होते ही गायब हो गया नर्सिंग होम ,भूमि गत हुई संचालिका कटघरे में पुलिस
कत्लगाह बने नर्सिंगहोम पर पड़ा छापा, मामला दर्ज होने के बाद भूमिगत हुई डा0 लकड़ा,
जनता कांग्रेस के चिरमिरी उप जिला अध्यक्ष शाहिद महमूद ने लगाया पुलिस व जिला प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप, मामले से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्य को भी नस्ट करने की जताई आशंका ,
जोगी एक्सप्रेस
ए. एन. अशरफ़ी
कोरिया [छ .ग .]चिरमिरी प्रसूता की मौत के दो माह बाद पुलिस ने सामाजिक और राजनीतक दवाब के बाद आखिर कर मामला तो दर्ज किया लेकिन इसी बीच अवैध नर्सिंग होम की संचालिका वर्सो से संचालित नर्सिंग होम सहित भूमिगत हो गयी पुलिस सांप निकलने के बाद लकीर पटने की कहवत को चरितार्थ कारने में लगी है वही पीड़ित इस मामले में पुलिस पर जानबूझ कर लेट लतीफी कारने और आरोपी के भागने में मदद का आरोप लगा रही ! इलाज के दौरान प्रसूता रेशमा की संदिग्ध परिस्थियो में हुई मौत के बाद से ही लोगो के बीच चर्चा के केन्द्र में आये तुलसी अमृत हास्पीटल की संचालिका डा0 फोलरेस नाईटिंगल सागर उर्फ लकड़ा मैडम चिरमिरी थाने में गैर इरादतन हत्या मामला पंजीबद्ध होने के बाद नर्सिंग होम से सारा सामान समेटकर तथा बाहर लगे बोर्ड में लिखे नाम को मिटाकर फरार हो गई । वहीं चिरमिरी पुलिस द्वारा पिछले दो माह से चल रहे जांच के दौरान अभी तक हास्पीटल से कोई सी.सी.टी.वी. फुटेज, एडमिट रजिस्टर या अन्य कोई दस्तावेज जप्त नहीं किया जाना लोगो के बीच चर्चा का विसय बना हुआ है और पुलिस की कार्यप्रणाली को संदिग्ध भी बता रहा है । मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के चिरमिरी उप जिला अध्यक्ष शहिद महमूद नें उपरोक्त पूरे मामले में जिला प्रशसन एवं स्थानीय पुलिस पर मिलीभगत करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि पहले तो पुलिस नें हास्पीटल तुलसी अमृत को उपरोक्त मामले में क्लीन चिट दे दिया था लेकिन जनता कांग्रेस द्वारा चक्काजाम करने की चेतावनी देने के बाद पुलिस नें उपरोक्त मामले में अपराध पंजीबद्ध किया लेकिन आरोपी को गिरफ्तार करने के बजाय उन्हे फरार होने का मौका दे दिया । शाहिद महमूद नें हास्पीटल की संचालिका द्वारा मामले के महत्वपूर्ण साक्ष्यो को मिटाने या नस्ट कर देने की भी आशंका जताई है ।
ज्ञात हो कि उपरोक्त मामले में चिरमिरी पुलिस की भूमिका शुरू से ही संदिग्ध रही है । घटना के दो माह बीत जाने के बाद भी पुलिस नें अभी तक हास्पीटल से कोई भी साक्ष्य जप्ती की कार्यवाही नहीं की है । यहां तक कि मामले के सबसे अहम साथ सीसीटीवी फुटेज को जप्त करने का भी कोई प्रयास नहीं किया । स्थानीय नागरिको एवं जनता कांग्रेस के दबाव में पुलिस ने आरोपी महिला चिकित्सक के विरूद्ध मामला तो दर्ज कर लिया लेकिन गिरफ्तारी में कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी जिसके कारण महिला चिकित्सक को साक्ष्य मिटाने और फरार होने का पूरा मौका मिल गया ।
विदित हो कि लगभग दो माह पहले पहले चिरमिरी के एक निजी चिकित्सालय तुलसी अमृत हॉस्पिटल में हल्दीबाड़ी के हैदर ने अपनी पुत्री रेशमा को प्रसूति के एडमिट कराया था । जहाँ हॉस्पिटल की इंचार्ज डॉ एफ एन लकड़ा ने मामला गंभीर बताते हुए सीजर ऑपरेशन करने की बात कही । परिजनों की सहमति के बाद रेशमा के ऑपरेशन की तैयारी चालू की गई । ऑपरेशन से पूर्व मरीज को बेहोश करने के लिए एनेस्थीसिया का इंजेक्शन दिया गया । लेकिन एनेस्थीसिया की मात्रा ज्यादा होने के कारण मरीज दुबारा होश में नहीं आई और उसकी मौत हो गई । मृतका के परिजनों ने उसी समय इस पर हंगामा किया और चिरमिरी थाने में इसकी शिकायत देकर हॉस्पिटल की इंचार्ज डॉ. एफ एन लकड़ा के ऊपर इलाज में लापरवाही बरतने पर हुई मौत में अपराध दर्ज करने की मांग की जिसके बाद पुलिस ने मृतका के शव का पी. एम. कराया और पी. एम रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही करने की बात कही ।
मृतका के परिजनों का आरोप है कि उक्त निजी हॉस्पिटल में एनेस्थीसिया का इंजेक्शन देने मनेंद्रगढ़ के सेंट्रल हॉस्पिटल आमखेरवा से विशेषज्ञ डॉक्टर आते थे लेकिन घटना दिनांक को उनके घर में कोई जरूरी काम आ जाने से वे जल्दी वापस लौट गए जिसके बाद हॉस्पिटल के ही एक कंपाउंडर ने मरीज को उक्त इंजेक्शन दिया जिसके अधिक डोज होने के कारण मरीज की मौत हो गई । मृतका के परिजनों का यह भी आरोप है कि घटना से पूर्व हॉस्पिटल के सभी कमरों में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ था । जिसमे कंपाउंडर द्वारा इंजेक्शन देने का फुटेज मौजूद था । लेकिन घटना के बाद हॉस्पिटल प्रबंधन ने हॉस्पिटल से सभी सीसीटीवी निकाल लिया । जो एक प्रकार से साक्ष्य मिटाने का प्रयास है ।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद भी जब पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की तो पीड़ित परिवार जनता कांग्रेस के पास न्याय दिलाने के लिए गया । जिसके बाद जनता कांग्रेस ने मृतका के परिजनों का प्रेस कांफ्रेंस कराकर मिडिया के समक्ष उनका पक्ष रखा जो कई अखबारों में प्रकाशित भी हुआ । इसी बीच जिला चिकित्सा एवं स्वस्थ अधिकारी ने चिरिमिरी पुलिस को उसके आवेदन पर यह जानकारी दिया कि हॉस्पिटल तुलसी अमृत छत्तीसगढ़ नर्सिंग होम एक्ट के तहत रजिस्टर्ड ही नहीं है । उसे किसी भी प्रकार का कोई ऑपरेशन करने का अधिकार नहीं है । इसके बाद भी जब चिरिमिरी पुलिस को कोई कार्यवाही नही किया तब जनता कांग्रेस ने चक्काजाम का अल्टीमेटम प्रशासन को दिया ।
चक्काजाम के अल्टीमेटम के बाद दो कार्यपालक दंडाधिकारी एवं चिरमिरी थाना प्रभारी की उपस्थिति में जनता कांग्रेस के पदाधिकारियो से चिरमिरी थाने में चर्चा हुई जिसमें कार्यवाही के आष्वासन के बाद जनता कांग्रेस नें अपना आन्दोलन स्थगित कर दिया । इसके बाद चिरमिरी पुलिस नें हास्पीटल तुलसी अमृत की संचालिका फ्लोरेंस नाईटिंगल सागर उर्फ लकड़ा मैडम के विरूद्ध आईपीसी की धारा 304 ए भाग-2 तथा छत्तीसगढ़ राज्य उपचार गृह तथा रोगोपचार संबंधित स्थापना अधिनियम 2010 की धारा 12 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया जिसके बाद डा0 लकड़ा हास्पीटल से अपना बोरिया बिस्तर समेटकर फरार हो गई तथा जाते जाते हास्पीटल के बोर्ड को भी पेंट से पुतवाकर चली गई जिससे ये लगे कि यहां कभी कोई हास्पीटल था ही नहीं ।
जनता कांग्रेस चिरमिरी के राजेन्द्र सालूजा ने उपरोक्त मामले में चर्चा करते हुए कहा कि इस मामले में चिरमिरी पुलिस की मिलीभगत की चर्चा दबे जुबान से पूरे क्षेत्र में चल रही है । ऐसा लगता है कि चिरमिरी पुलिस अपने वरिस्ठ अधिकारियो को भी गुमराह कर रही है । बीते 20 मई को जब जनता कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल पूर्व विधायक गुलाब सिंह के नेतृत्व में इस मामले में कार्यवाही की मांग को लेकर खड़गंवा के ग्राम जिल्दा में जिले के एस. पी. सुजीत कुमार से मिला था तो सुजीत कुमार ने उन्हे एफआईआर दर्ज होने की बात कही थी जबकि एफआईआर उसके कई दिनो बाद 04 जून को चिरमिरी थाने में दर्ज की गई ।
पूरे घटनाक्रम से मृतका रेषमा परवीन के परिजनो सहित पूरे क्षेत्र के लोगो में चिरमिरी पुलिस के विरूद्ध नाराजगी है तथा पीड़ित परिवार अब न्याय की आस खो रहा है । मृतका रेशमा परवीन के पिता हैदर नें पुलिस के उच्चाधिकारियो से अपील की है कि वे उपरोक्त मामले में हस्तक्षेप कर आरोपी महिला चिकित्सक को गिरफ्तार करें ताकि उन्हे न्याय मिल सके ।
इनका कहना है…..
शासन प्रशासन की इसे घोर लापरवाही ही कही जाएगी खुले आम आरोपी हॉस्पिटल से सामान ले जा रहे जबकि जगह जगह चौक चौराहे में सी.सी. टी.वी कैमरे लगे हुए है !और पुलिस आरोपी को भागने का पूरा मौका दे रही है .इस तरह से तो पीड़ित को न्याय नहीं मिल सकता ,पुलिस यदि चाहती तो समय रहते ही आरोपी को सजा दिला सकती थी परन्तु इस तरह खुली छूट देना कई तरह के संदेह को जन्म देता है .जिसकी जाँच की मांग हम शासन प्रशासन से करते है
शाहिद महमूद
उप जिला अध्यक्ष
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे ,
पुलिस ने मिली भगत कर आरोपी को भागने का पूरा मौका दिया ,जाँच की प्रक्रिया का बहाना बना कर आरोपी को साक्ष्य और पर्याप्त सबूतों से छेड़ छाड़ का पूरा अवसर दिया ,इस तरह कर के पीड़ित परिवार के साथ अन्य्याय हुआ जिसकी जनता कांग्रेस निंदा करती है ,और हम पुलिस महानिरीक्षक महोदय से इस घटनाक्रम की निष्पक्ष जाँच की मांग करते है , दोसी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध जाँच की मांग करते है
संजीव अग्रवाल
कोरिया जिला सह प्रभारी
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़[जे ]