वन अधिकार केे निरस्त आवेदनों की होगी फिर से जांच : राज्य निगरानी समिति की बैठक सम्पन्न
रायपुर, मुख्य सचिव सुनील कुमार कुजूर की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए गठित राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि वन अधिकार पत्र के निरस्त आवेदनों की जांच की जाएगी और दिसम्बर 2005 के पूर्व काबिज व्यक्तियों के वन अधिकार पत्र संबंधी आवेदनों पर विचार किया जाएगा। इसके लिए दिशा निर्देश जारी किये जाएंगे। सामुदायिक उपयोग के लिए वन अधिकार पत्रों के वितरण में तेजी लायी जाएगी।
बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि राज्य में वन अधिकार पत्र के लिए कुल आठ लाख 90 हजार 240 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। जिनमें से चार लाख 23 हजार 218 आवेदन स्वीकृत करते हुए वन अधिकार पत्र वितरित किये गये हैं। विभिन्न कारणों से व्यक्तिगत वन अधिकार पत्रों के चार लाख 54 हजार 212 और सामुदायिक प्रयोजन के सात हजार 378 आवेदनों को निरस्त किया गया है। मुख्य सचिव ने कहा है कि निरस्त किये गये आवेदनों का परीक्षण किया जाए और 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व निवास करने वाले आवेदकों को वन अधिकार पत्र दिए जाने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जाए।
राज्य में वन अधिकार पत्र धारकों को कुल 11 लाख 66 हजार एक हेक्टेयर भूमि का वितरण किया गया है। व्यक्तिगत वन अधिकार पत्रों के लिए कुल आठ लाख 58 हजार 682 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमें से चार लाख एक हजार 251 आवेदनों को स्वीकृत करते हुए तीन लाख 41 हजार 191 हेक्टेयर भूमि का वितरण किया गया है। इसके तहत सामुदायिक उपयोग के लिए प्राप्त 31 हजार 558 आवेदनों में से 21 हजार 967 आवदेनों को स्वीकृत करते हुए आठ लाख 24 हजार 809 हेक्टेयर भूमि का वितरण किया गया है। बैठक में अपर मुख्य सचिव वन सी.के. खेतान, सचिव राजस्व एन.के.खाखा, सचिव कृषि डी.डी. सिंह, मुख्य वन संरक्षक मुदित कुमार, सी.ई.ओ. एलेक्स पाल मेनन सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।