राज्य वीरता पुरस्कार के लिए 4 बच्चों का चयन · सोमनाथ वैष्णव, कुमारी पूनम, कुमारी कांति, प्रशांत बारिक को मिलेगा राज्य वीरता पुरस्कार
· छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष बृजमोहन अग्रवाल की अध्यक्षता में ज्यूरी ने लिया निर्णय.
· केंद्रीय परिषद् नई दिल्ली ने झगेन्द्र साहू, रितिक साहू व श्रीकांत गंजीर का चयन राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए किया.
रायपुर,छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद ने वर्ष 2018.19 के राज्य वीरता पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। इन पुरस्कारों के लिए परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की अध्यक्षता में ज्यूरी समिति की अनुशंसा पर प्रदेश के 4 बहादुर बच्चों का चयन किया गया है। जिन्हें गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में सम्मानित किया जाएगा। इन बच्चों ने साहस का परिचय देते हुए अपनी जान की परवाह किये बगैर अपनी सूझबूझ से दूसरों की जान बचाई है। बच्चों को पुरस्कार में 15.15 हजार रूपए की नगद राशिए प्रशस्ति पत्र और चांदी के मेडल प्रदान किया जाएगा।
राज्य वीरता पुरस्कार 2018.19 हेतु अध्यक्ष बृजमोहन अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इन बच्चों का चयन पुरस्कारों के लिए किया गया। इनमें से 4 बच्चों का चयन राज्य वीरता पुरस्कार 2017.18 के लिए किया गया।
बैठक में बाल कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष नरेशचंद्र गुप्ता- महासहिव अशोक त्रिपाठी एसचिव श्रीमती इंदिरा जैनएकार्यक्रम प्रभारी राजेन्द्र निगमएडिप्टी कलेक्टर पूनम शर्माएएआईजी सीआईडी पूजा अग्रवाल,पूजा अग्रवाल, उपसंचालक महिला बाल विकास समीर पांडे, बाल कल्याण अधिकारी प्रभा सेन्द्रे, इन्द्रसेन वर्मा आदि उपस्थित थे।
राज्य वीरता पुरस्कार के लिए चयनित बच्चों के संबंध में जानकारी निम्नानुसार है.
1- सोमनाथ वैष्णव पिता संतोष दास वैष्णव 11वर्ष, कुमारी पूनम यादव पिता राम चरण यादव 10 वर्ष ग्राम व पोस्ट खल्लारी जिला महासमुंद।
घटना. दिनांक 14 अप्रैल 2018 को ग्राम खल्लारी जिला महासमुंद छत्तीसगढ़ निवासी संतोष दास वैष्णव का पुत्र सोमनाथ तथा रामचरण यादव की पुत्री कुमारी पूनम दोपहर में गांव के तालाब के पास पचरी में नहा रहे थे।उसी समय ग्राम का ही एक और बालक परमेश्वर विश्वकर्मा उम्र 6 वर्ष तालाब में नहाते हुए गहराई में चला गया और डूबने लगा। पचरी में खेलते हुए सोमनाथ व पूनम ने परमेश्वर को डूबते देखा और अपनी जान की परवाह किए बगैर तालाब में छलांग लगा दी। उन्होंने पानी के अंदर डूबे हुए बालक का हाथ पकड़ कर तालाब के बाहर खींच कर ले आये और उसकी जान बचा ली। इस दौरान प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों द्वारा उनके परिवार को सूचना दी गई। पुलिस अधीक्षक महासमुंद द्वारा साहसी बालक सोमनाथ और पूनम को वीरता पुरस्कार प्रदान करने हेतु अनुशंसा की गई थी।
2- कुमारी कांति पिता विनोद सिंह कंवर 9 वर्ष ग्राम मोहनपुर पोस्ट उदयपुर जिला सरगुजा।
घटना. दिनांक 17 जुलाई 2018 को ग्राम – मोहनपुर, धावरापारा, पोस्ट – उदयपुर, जिला – सरगुजा (छ.ग.), में जंगली हाथियों का एक झुंड पहंुच गया और वे पूरे ग्राम में उपद्रव करने लगे। हाथियों का झंुड ग्राम निवासी श्री खोराराम कंवर के घर को तोड़ते हुए बाड़ी में पहुंच गया और वहां लगी मक्का की फसल को बर्बाद करने लगे। हाथियों से डर के कारण खोराराम के परिवार के समस्त सदस्य घर में तीन वर्ष की बच्ची सोनिया को भूलकर बाहर निकल गये। कुछ दूर जाकर अपने साथ सोनिया को न देखकर सभी सहम गये किन्तु घर में व आस-पास हाथियों के झुण्ड को देखकर घर के पास जाने की किसी की भी हिम्मत नहीं हो रही थी। सभी छोटी बच्ची सोनिया के लिए परेशान हो रहे थे।
श्री खोराराम की सात वर्षीय नातिन कु. क्रांति जो परिवार के साथ बाहर थी उसने जब देखा कि उसकी छोटी बहन सोनिया घर के अन्दर ही छूट गई है तब वह बिना समय गंवाए फुर्ति से दौड़ती हुई जंगली हाथियों के बगल से गुजरते हुए अपने घर के अन्दर गई व अपनी तीन वर्षीय छोटी बहन सोनिया को लेकर हाथियों की नजरों से बचते-बचाते हुए सकुशल घर से बाहर निकल आई।
हाथियों के झुण्ड द्वारा खोराराम के घर को बर्बाद कर उनके पड़ोसी श्री सुखराम कंवर की भैंस को कुचलकर घायल कर दिया और पड़ौसियों के घर के दरवाजों, सामानों को तोड़कर तहस-नहस कर दिए। साहसी कु. कांति ने अपनी जान की परवाह न करते हुए अपनी तीन वर्षीय छोटी बहन सोनिया की जान बचा ली अन्यथा कोई अनहोनी घटना घट सकती थी। स्थानीय लोगों द्वारा साहसी कु.कांति की बहादुरी की प्रशंसा की गई।
कलेक्टर, जिला – सरगुजा द्वारा (छ.ग.) साहसी कु. क्रांति को वीरता पुरस्कार प्रदान करने हेतु अनुशंसा की गई।
3- दिनांक 25 मई 2018 को ग्राम – सरिया, जिला – रायगढ़, (छ.ग.) के निवासी चक्रधर बारिक का पुत्र प्रशांत बारिक, आयु 10 वर्ष, अपने अन्य चार मित्रों – (लोकेश प्रधान, उम्र 08 वर्ष, आलोक सिदार उम्र 06 वर्ष, विक्की प्रधान उम्र 06 वर्ष, अखिलेश सिदार उम्र 06 वर्ष) के साथ प्रतिदिन की तरह शाम को महानदी में नहाने गये थे। पांचों मित्र नहाते हुए खेलते रहे, इस बीच बालक लोकेश प्रधान, 08 वर्ष खेलते – खेलते नदी के गहरे खाई में जा गिरा और डूबने लगा, उसके हाथ पानी के ऊपर थे। बालक प्रशांत बारिक अपने मित्र लोकेश को डूबते देख बिना समय गवांए लोकेश को खींचकर मौत के मूंह से बाहर निकाल लाया। स्थानीय लोगों द्वारा बालक प्रशांत बारिक को शाबाशी देते हुए उसके साहस की सराहना की गई।
प्राचार्य, शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल सरिया जिला रायगढ़ तथा संचालक, महिला एवं बाल विकास विभाग रायपुर, द्वारा बालक प्रशांत बारिक के साहसिक कार्य हेतु वीरता पुरस्कार प्रदान किये जाने बाबत् अनुषंसा किया गया है।
कलेक्टर, जिला – रायगढ़ द्वारा (छ.ग.) साहसी प्रशांत बारिक को वीरता पुरस्कार प्रदाय हेतु अनुमोदित पत्र प्रेषित किया गया है।
इसी तारतम्य में भारतीय बाल कल्याण परिषद् नई दिल्ली द्वारा राज्य के झगेन्द्र साहू, रितिक साहू व श्रीकांत गंजीर का चयन राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2018.19 हेतु किया गया। ये बच्चे नई दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होंगे.
घटना का संक्षिप्त विवरण
तैरना नहीं आने के बाद भी ग्राम – भुरसीडोंगरी के ब्लाॅक नगरी, जिला 7 धमतरी के 10 वर्षीय बालक श्रीकांत गंजीर ने ग्राम के ही चि. आषीश नेताम, आयु 09 वर्ष की ग्राम के तालाब में डूबने से जान बचाई। घटना का संक्षिप्त विवरण यह है कि ग्राम – भुरसीडोंगरी का एक बालक चि. आशीष नेताम ने खेल-खेल में अपने घर में मिट्टी की एक मूर्ति बनाई और बच्चों ने मिलकर उस मूर्ति की पूजा की और बाल सुलभ आचरण के चलते वे सब उस मूर्ति को गा्रम के ही तालाब में विसर्जित करने पहुंच गये। आशीष नेताम को तैरना नहीं आता था और वह मूर्ति को विसर्जित करते हुए ही गहरे पानी में चला गया और बचाओ-बचाओ चिल्लाने लगा। तालाब के किनारे बैठे उसके साथी बच्चे डर गये और चिल्लाने लगे क्योंकि उनमें से किसी को तैरना नहीं आता था। इसी समय तालाब के पास के रास्ते में साइकिल से गुजर रहे बालक चि. श्रीकांत गंजीर, पिता – श्री बिटेश्वर गंजीर, आवाज सुनकर तालाब के पास पहंुचा वहां उसने देखा कि उसके स्कूल का ही कक्षा चैथी का छात्र आशीष नेताम पानी में डूब रहा है। उसे डूबता हुआ देख साइकिल छोड़कर उसने दौड़कर तालाब में छलांग लगा दी और डूबते हुए बालक को पकड़कर खींचते हुए बाहर निकाल लाया। चि. श्रीकांत को भी तैरना नहीं आता था किन्तु उसने अपने मित्र को डूबते देख अपनी जान की परवाह नहीं की और तालाब में छलांग लगा कर अपने मित्र की जान बचा ली। बालक आशीष नेताम के पानी में डूबने से उसकी तबियत खराब हो गई थी जिसे ग्रामीणों ने अस्पताल पहंुचाया और उसकी जान बच गई।
स्थानीय लोगों ग्राम सरपंच, परियोजना अधिकारी द्वारा बालक चि. श्रीकांत गंजीर की बहादूरी की प्रशंसा की गई है और उसे वीरता पुरस्कार प्रदान हेतु अनुशंसा किया गया।
जिला कलेक्टर जिला – धमतरी द्वारा (छ.ग.) साहसी चि. श्रीकांत गंजीर को वीरता पुरस्कार प्रदाय हेतु अनुशंसा किया गया है।
भारतीय बाल कल्याण परिषद् नई दिल्ली द्वारा चि. श्रीकांत गंजीर को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2018.19 हेतु चयन किया गया।
घटना का संक्षिप्त विवरण
दिनांक 29 जुलाई 2017 को शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला विवेकानन्दनगर, रायपुर (छ.ग.), के कक्षा सातवी में अध्ययनरत कुछ मित्र – साहिल टण्डन, छत्रपाल टण्डन, झगेन्द्र साहू, रितिक साहू व कृष्णा महानंद, आकाश साहू, आयु- लगभग 11-13 वर्ष, सभी खारून नदी भाटागांव एनीकट गये और नदी में नहाने लगे। नहाते हुए साहिल टण्डन और आकाश पानी में कुछ आगे तक चले गए। कुछ देर तक सभी बच्चे खुश थे, नदी में तेज बहाव के कारण साहिल भंवर में फंस गया, आकाश को लगा कि पानी उसे भी खींच रहा है तब वह हाथ ऊपर करके मदद के लिए आवाज लगाई। अन्य दोस्तों का ध्यान उनकी ओर गया और चि. रितिक साहू ने अपने दोस्तों को बचाने के लिए बिना समय गवांए वह पानी में कूद गया। डूबते हुए आकाश को रितिक ने पकड़ लिया किन्तु उसकी पकड़ कमजोर होने लगी तब उसने झगेन्द्र को आवाज लगाई। झगेन्द्र को ठीक से तैरना नहीं आता था किन्तु उसने भी बिना समय गंवाए उनकी मदद के लिए नदी में कूद पड़ा फिर दोनों मिलकर आकाश को बाहर निकाला। इस बीच अन्य मित्रों द्वारा लोगो को मदद के लिए पुकारने पर भीड़ जमा हो गई। नदी में गहराई तक चले जाने के कारण आकाश के पेट में पानी भर गया था। लोगों की मदद से आकाश का पेट दबाकर पानी बाहर निकाला गया। आकाश को होश आने पर उसकी मां को फोन पर सूचना दी गई। इस बीच साहिल का कुछ पता नहीं लगने पर पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस द्वारा गोताखोरों की मदद से दो घण्टे बाद साहिल का शव नदी से बाहर निकाला गया।
रितिक व झगेन्द्र को अपने दोस्त साहिल को नहीं बचा पाने का दुख था किन्तु आकाश को सुरक्षित बचा लेने की खुशी भी थी। साहसी रितिक व झगेन्द्र साहू ने अपनी जान की परवाह न करते हुए अपने मित्र की जान बचा ली। स्थानीय लोगों द्वारा इन दोनों साहसी बालकों की बहादुरी की प्रशेसा की गई।
प्रधान पाठक, शास. पूर्व मा. शाला विवेकानंदनगद, रायपुर व जिला शिक्षा अधिकारी, जिला – रायपुर द्वारा चि. रितिक साहू व चि. झगेन्द्र साहू को वीरता पुरस्कार प्रदाय हेतु अनुशंसा किया गया है तथा जिला कलेक्टर जिला – रायपुर द्वारा (छ.ग.) इन साहसी बालकों को वीरता पुरस्कार प्रदाय हेतु अनुमोदन किया गया है।
भारतीय बाल कल्याण परिषद् नई दिल्ली द्वारा झगेन्द्र साहू, तथा रितिक साहू को संयुक्त रूप से को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2018.19 हेतु चयन किया गया।