भारत के माओवादियों को नेपाल के माओवादियों से सबक लेना चाहिए:दिग्विजय सिंह
जोगी एक्सप्रेस
जे. डी. रायपुर
रायपुर छत्तीसगढ़ बीते गुरुवार को छतीसगढ़ दौरे पर आए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा की भारत के माओवादियों को नेपाल के माओवादियों से सबक लेना चाहिए। ये भी बंदूक-गोली छोड़कर प्रजातंत्र का हिस्सा बनें। चुनाव लड़ें और जो भी आर्थिक-सामाजिक समस्या है, उन्हें दूर करने के लिए सरकार व प्रशासन पर दबाव बनाएं।माओवादियों के विचारों में यह बदलाव तभी आ सकता है, जब नक्सलवाद के खिलाफ सब राजनीतिक दृष्टिकोण से भी मिलकर प्रयास करेंगे। झीरम घाटी कांड की चौथी बरसी पर गुस्र्वार शाम को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने एयरपोर्ट में यह बातें कही।दिग्विजय सिंह ने कहा कि भारत महावीर, गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी वाला देश है। सद्भावना, अहिंसा और प्रेम के माध्यम से देश संगठित हुआ है। ऐसे देश के माओवादी हिंसा के रास्ते पर चल रहे हैं। लंबी लड़ाई के बावजूद उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ है। उनका और सरकार का केवल नुकसान ही हुआ। हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। माओवादी जंगल में लड़कर अपनी जो मांग कर रहे हैं, उसे वे प्रजातंत्र के माध्यम से विधानसभा और संसद में आकर कहें।सिंह ने झीरम घाटी कांड पर कहा कि हमने अपनी पार्टी के बड़े नेताओं को खोया है। कांग्रेस के इस नुकसान से भाजपा सरकार को कोई मतलब नहीं है। वह इस घटना की गंभीरता से जांच कराएगी, यह उम्मीद नासमझी है।सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टारगेट कहते हुए कहा कि उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद से आतंकवाद और नक्सलवाद की घटनाएं बढ़ी हैं। आतंकवाद और नक्सलवाद को खत्म करने में पूरी तरह से फेल रहे हैं। मोदी का कार्यकाल तीन साल पूरा होने पर भाजपा किस बात का जश्न मना रही है। बेरोजगारी बढ़ी है, सीमा पर रोज जवान शहीद हो रहे हैं, महंगाई पर कंट्रोल नहीं है, कालाधन वापस नहीं आया।छत्तीसगढ़ में अगले साल विधानसभा चुनाव के लिए हाईकमान क्या दिग्विजय सिंह को प्रभारी बना सकती है? इस सवाल पर सिंह ने कहा कि बीके हरिप्रसाद अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने यहां कांग्रेस को संगठित करके रखा है। चुनाव में कांग्रेस की स्थिति पर कहा, हमारी पार्टी मजबूत स्थिति में है। भाजपा भ्रष्टाचार से घिरी है, इसलिए इसके नेताओं को चिंता करनी चाहिए,काँग्रेस की स्थित समय अने पर खुद ब खुद दिख जाएगी