प्रतिबंधित नशीली दवाओ सहित जिले भर में फल फूल रहा अवैध नशे का काला कारोबार
जोगी एक्सप्रेस
ब्यूरो अजय तिवारी
सूरजपुर – जिले में नशीले पदार्थां की तस्करी प्रशासन की नाक के नीचे बिना किसी रोक टोक धड़ल्ले से जारी है जिससे सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिबंधित नशीली दवाओं की खाली शिशी फेंकी भी आसानी से दिखाई दे रही है | नगर सहित पूरे जिले में नशे के सौदागरो की दबंगई इस कदर जारी है की प्रशासनीक अधिकारी भी इनके विरुध कार्यवाही करने से मुह चुराने लगे है जिससे इस गैर कानूनी कारोबार को बल मिल रहा है ।
छोटे करोबारियों पर होती है कार्यवाही
जिले भर में जहाँ एक ओर युवा वर्ग तेजी से नशिली दवाइयों के गिरफ़्त मे आकर अपना भविष्य चौपट कर रहा है वहीं दूसरी ओर जिले में धड़ले से जारी मादक पदार्थ गाँजा व शराब की बिक्री भी गांव-गांव को खोखला करने का कार्य बखुबी कर रही है सुत्रों की माने तो गाँवों में किराना दुकानों से लेकर गांजे के बडे कारोबारियों के पास यह जहर आसानी लोगो को प्राप्त हो रहा है। तो वहीं पुलिस प्रशासन के अथक प्रयासों के बाद भी गाँव गाँव में अवैध शराब भठ्ठी का संचालन किया जा रहा है |
पडोसी राज्य से पहुंचता है मीठा जहर
गांजा, कोरेक्स, फेन्सिड्रील आदि दवाइयों का उपयोग नशे के आदी व्यक्तियों द्वारा धड़ल्ले से किया जा रहा है तथा उन्हे यह मिठा जहर जिले में आसानी से कुछ पैसों के दम पर आसानी से उपलब्ध हो जा रहा है सुत्रों की माने तो पडोसी राज्य उड़ीसा, झारखण्ड जो की संभाग मुख्यालय की सीमा से लगा हुआ है उक्त राज्य का गांजा जिले में लाकर खपाया जा रहा है यह छोटी जहर की पुडिया गाँव गाँव में किराना दुकान से लेकर गांजे के फुटकर व्यापारियों तक उपलब्ध हो रही है, जिले के ग्राम करौन्दामुड़ा, केंवरा, कुसमुसी, दतिमा मोड़, लटोरी, सिलफिली, अजिरमा, भटगांव, जरही, बिश्रामपुर, करंजी, बतरा, नवापारा, कसकेला, रामानुजनगर, सुरता, प्रेमनगर, प्रतापपुर, ओड़गी, खर्रा, मदनेश्वरपुर, भुवनेश्वरपुर, कृष्णपुर, भंवराही, जूर, बंजा, लांजित, तारा, रघुनाथपुर, भैंसामुड़ा, सरहरी, खड़गवां सहित पड़ोसी जिला कोरिया में सूरजपुर जिले से गांजे की सप्लाई कीया जा रही है।
नशिली दवाओं के उपयोग कर रहा युवा वर्ग
नशिली दवाईयों का उपयोग आज के दौर में सबसे ज्यादा युवा वर्ग अपना गम कम करने के लिये कर रहा है | जिसमे कफ सीरप फेन्सिड्रील, कोरेक्स, टोसेक्स, सी-सीरप, आरसी सीरप समेत दर्द निवारक व प्रशान्तक दवाईयां स्पास्मों प्रॉक्सीवॉन, ट्रांक्विल, कम्पोज, फोर्टविन, अल्प्राक्स आदि बडी ही आसानी से कई मेडिकल स्टोर व दलालों के पास उपलब्ध हो जाती है । तो वहीं बूक स्टाल पर आसानी मिलने वाले व्हाइटनर और मेक्सोबोन्ड़ का उपयोग नशेडीयों द्वारा सूंघने कर नशे की तलब को शान्त करने में किया जाता है।
इनका कहना है……
मुखबिर से सूचना प्राप्त होने पर त्वरित कार्यवाही हमारे द्वारा की जाती है ऐसे संगीन मामलो में सूचना देने वालो का हम स्वागत करते है जब भी ऐसी सूचनायें प्राप्त होंगी हमारे द्वारा त्वरित कार्यवाही की जावेगी |
एस आर भगत
अतरिक्त पुलिस अधिक्षक सूरजपुर
नशा हमारे देश की सबसे गंभीर समस्या है इससे निपटने के लिये हमारे युवाओं को जहाँ जागरूक होने की आवश्कता है, वहीं उनके परिजनो को भी अपने बच्चों के लिये वक्त निकालने की जरूरत है तथा युवा अपनी रुचि कुरीतियों से हटाकर रचनात्मक कार्यों में लगायें और शारीरिक व्याम करें जिनसे उनका स्वास्थ अच्छा रहे |
डॉ अजय मरकाम
चिकित्सा अधिकारी
जिला चिकित्सालय सूरजपुर