डेंगू से मरने वालों आश्रितों को 10 लाख मुआवजा देने की मांग – जे,सी.सी.जे
राजस्व पुस्तक परिपत्र की धारा 6 में सांप, बिच्छु, मधुमक्खी के
काटने से मरने पर आश्रितों को मिलता 4 लाख का मुआवजा
बारिश के कहर और डेंगू के जहर से जनता हलाकान – भगवानू
स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार, नहीं दे सकी तीन बार की सरकार
रायपुर, छत्तीसगढ़, डेंगू बीमारी से लगातार हो रही मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश प्रवक्ता भगवानू नायक ने डेंगू बीमारी से मरने वाले आश्रित परिवारों को तत्काल 1000000 (दस लाख रूपया) मुआवजा देने की मांग की है। नायक ने कहा राजस्व परिपत्र की धारा 6 के अंतर्गत प्राकृतिक आपदाओं में मरने वालों आश्रित परिवार को 400000 (चार लाख रुपया) दिए जाने का प्रावधान है । जिसमें विशेष रुप से सांप , बिच्छू और मधुमक्खी के काटने पर पीड़ित परिवारों को भी यह राशि मुआवजा के रूप में दी जाती है। ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ में अगर डेंगू की बीमारी फैली है इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार है और आश्रित परिवार मुआवजा के हकदार है। एक तरफ स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर शासन के द्वारा करोड़ों रुपया खर्च किया गया, जनता की गाढ़ी कमाई को बर्बाद कर दिया गया परिणाम डेंगू के रूप में सामने है। लगातार बारिश का कहर और डेंगू के जहर ने स्वच्छ भारत अभियान की पोल खुल गई है। डेंगू बीमारी से जितने भी लोग मारे जा रहे हैं सरकार उनकीसुरक्षा नहीं कर पा रही है । नायक ने कहा प्रदेश की जनता असुरक्षित है,बीते 15 साल में सरकार ने छत्तीसगढ़ की जनता को मूलभूत सुविधाएं देने में असफल रही है आज भी छत्तीसगढ़ की जनता स्वास्थय, शिक्षा और रोजगार से वंचित है। साफ पानी के अभाव में देवभोग सुपेबेड़ा में किडनी रोग से 100 से भी अधिक लोगों की मृत्यु एक बड़ा उदाहरण के रूप में सामने है।