सफल नहीं हो रहा जिले मे कोरिया नीर, हमेशा बंद रहते है अधिक्तर नीर
रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून |
पानी गये ना ऊबरे, मोती मानुष चून ||
बैकुण्ठपुर। छत्तीसगढ़ कोरिया जिला जहाँ पानी के अनगिनत स्रोत्र है वही रोज हजारो लीटर पानी बेकार फेका जाता है। सरकार ने अच्छी पहल करते हुए कोरिया वासियों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कर कोरिया नीर मे करोर्ड़ो रुपये बहाए क्या वह सही ढंग से जनता तक पहोच रही? यदि यह सवाल यहाँ के स्थानीय लोगो से पुछा जाये तो आप को समझते देर नहीं लगेगी की इस योजना को सिर्फ दिखावे के लिए ही क्रिय्वान्वित किया गया है, न तो पर्याप्त पानी न ही यहाँ इस्तेमाल की जाने वाली दवाओ की गुणवत्ता कुल मिला कर देखा जाये तो यह योजन और इसका उद्देश ही जनता और सरकार के पैसो की बंदर बांट ही साबित हुआ यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो कोरिया जिले वाशियों का भगवन ही मालिक है वही इस समस्या से निजात मिल सकेगी। कोरिया नीर ओडगी नाका छिन्दांड़ मे पानी की समस्या दिनों दिन बढती ही जा रही है। जिला मुख्यालय में नपा द्वारा भी पानी की समस्या दुर करनें की हर संभव प्रयास भी नपा अध्यक्ष भी हमेशख तत्पर रहते है। जिससे आम जानों को काफी सहोलियत हो रही है। चरचा नपाध्यक्ष एसईसीएल पूरा पानी कोयले में लगी आग को बुझाने में खर्च कर रहा है, और चरचा की जनता को पानी नसीब नहीं हो रहा है। जबकि खदानों के अंदर इतना पानी है कि पूरे चरचा की जनता को पानी की पूर्ति की जा सकती है। ऐसे में बरसात का पानी संरक्षित कर इस आसन्न संकट से उबरा जा सकता है। केन्द्रीय मौसम विज्ञान के मुताबिक देश में सालाना औसतन 1,170 मिमी बारिश होती है- वह भी महज तीन महीने में। लेकिन इस अकूत पानी का इस्तेमाल महज बीस प्रतिशत हो पाता है और अस्सी प्रतिशत बगैर इस्तेमाल के बह जाता है। इसका खामियाजा हम हर साल पानी की बेहद कमी के रूप में भुगतते हैं। जिला मुख्यालय सहित जिले के कई जगह कोरियि नीर पिछले क ई दिनों से बंद पड़ी है। जिस वजह से नागरिकों को पेयजल की किल्लत बनी हुई है। इधर, कोरिया नीर को चालू नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में पानी के लिए लोगों को जूझना पड़ सकता है। क्योंकि जिला मुख्यालय में पेयजल की बड़ी किल्लत है जबसे कोरिया नीर का स्तमाल होनें लगा है। लेकिन कोरिया नीर के स्थापना के बाद कुछ हद तक लोगो की समस्या सुलझ गयी थी। कोरिया नीर के बंद होने की वजह कोरिया नीर के लिए सप्लाई के लिए लगी ट्यूबवेल के सूखने को बताया जा रहा है। ट्यूबवेल के सुख जाने के बाद भी कोरिया के लिए पानी की व्यवस्था प्रशासन द्वारा नहीं की जा रही है। नगर वाशियों का कहना है, की या तो दूसरे किसी हैंडपंप से कनेक्ट कर कोरिया नीर को चालू करें। या फिर कोरिया नीर को ही मुख्यालय में ही ऐसे जगह पर पुनः स्थापित कराये जहां पर हैंडपंप या ट्यूबवेल में पर्याप्त पानी हो। इससे लोगों को साफ पानी हमेशा मिलेगा। नीर से लोगों को 1 रु में 5 लीटर शुद्ध पेयजल मिलता था।