खग्रास चंद्र ग्रहण 27 जुलाई को :- क्या है ज्योतिषों की भविष्यवाणी ?
रायपुर ,खगोलशास्त्रियों की मानें तो 27 जुलाई को 21वीं सदी का सबसे लंबा खग्रास चंद्र ग्रहण होगा. वहीं ग्रहण पर ज्योतिषशास्त्र की भविष्यवाणी आपको खौफजदा कर सकती है. पं.(डॉ.) विश्वरँजन मिश्र ने बताया कि आषाढ़ पूर्णिमा पर 27 जुलाई की रात खग्रास चंद्र ग्रहण होगा. चंद्र ग्रहण शुरू होने से अंत होने तक करीब 4 घंटे का रहेगा. खगोल वैज्ञानिक मान रहे हैं कि यह 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण होगा. इसे पूरे देश में इसे देखा जा सकेगा. 104 साल बाद ये संयोग बन रहा है.ग्रहण 27 जुलाई की मध्य रात्रि में 11 बजकर 45 मिनट पर होगा और इसका मोक्ष काल यानी अंत 28 जुलाई की सुबह 2 बजकर 45 मिनट पर होगा. पं. मिश्र ने बताया कि ग्रहण के प्रभाव से विनाशकारी भूकंप, सुनामी, चक्रवात, ज्वालामुखी विस्फोट एवं आगजनी की घटनाएं हो सकती हैं।
बता दें कि 26 जुलाई 1953 को सबसे लंबा चंद्र ग्रहण पड़ा था. इस दौरान ग्रीस में भीषण भूकंप आया था. यह बीसवीं सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण था. भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, चीन, ताइवान, संयुक्त राज्य अमेरिका का हवाई द्वीप, मैक्सिको, बहामास, मुरितानिया, माली, अल्जीरिया, नाइजर, लीबिया, चाड, मिस्त्र, सउदी अरब, यूएई और ओमान देश में 27 जुलाई को पड़ने वाले चंद्र ग्रहण का बुरा प्रभाव हो सकता है.
उन्होंने बताया कि ग्रहण से भूकंप, चक्रवात, ज्वालामुखी व सुनामी की आशंका के अलावा उपग्रहों और विमानों के गड़बड़ाने की आशंका भी बढ़ जाती है. यह विभिन्न विनाशकारी भौगोलिक घटनाओं का कारक हो सकता है.
करीब 17-18 दिन बाद 27 जुलाई को साल 2018 का दूसरा चंद्रग्रहण पड़ने वाला है. यह ग्रहण खग्रास चंद्रग्रहण होगा. जिसे पूरे देश में देखा जा सकेगा. इस बार चंद्रग्रहण अशुभ योग में होने से कई लोगों को नुकसान हो सकता है. अशुभ योग के बनने के कारण इसे ज्योतिष में शुभ नहीं माना जा रहा है. ऐसे में लोगों को बेहद सावधानी बरतनी होगी।आषाढ़ पूर्णिमा की रात खग्रास चंद्रग्रहण होगा। 27 व 28 जुलाई को 3 घंटे 55 मिनट का खग्रास चंद्रग्रहण होगा। जिसे पूरे देश में एक साथ देखा जा सकेगा। ज्योतिषियों के अनुसार, खग्रास चंद्रग्रहण का ग्रह गोचर के अनुसार अलग-अलग प्रभाव होगा।
ग्रह गोचर में मकर राशि के केतु के साथ चंद्रमा का प्रभाव और राहु से उसका समसप्तक दृष्टि संबंध होना, युति कृत मान से कर्क राशि में राहु, सूर्य, बुध तथा मकर राशि में चंद्र, केतु, मंगल युति कृत दृष्टि संबंध होना। ज्योतिष में इसे अच्छा नहीं माना जाता है।
ग्रहण का इन राशि वालों पर पड़ेगा बुरा असर
इस बार कुछ राशि वालों को चंद्रग्रहण के दौरान संभलकर रहना होगा। मिथुन, तुला, मकर और कुंभ राशि वालों के लिए यह ग्रहण अशुभ हो सकता है। वहीं मेष, सिंह, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए यह ग्रहण सामान्य रहेगा। जबकि वृष, कर्क, कन्या और धनु राशि वालों के लिए शुभ रहेगा।
चंद्र ग्रहण कब होता है
जब पृथ्वी सूर्य और चाँद के बीच आ जाता है तो पृथ्वी सूर्य की किरणों को चाँद तक पहुंचे नहीं देता और चाँद हमें दिख लाई नहीं देता इसे चंद्र ग्रहण कहते है. यह अनेक प्रकार का होता है. अगर पृथ्वी सूर्य किरणों को पूरी तरह रोक लेता है तो उसे पूरा चंद्र ग्रहण कहते है. जब चाँद का एक भाग छिप जाता है तो उसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहते है।
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भविष्यवक्ता
पं.(डॉ.) विश्वरँजन मिश्र, रायपुर
एम.ए. (ज्योतिष), बी.एड., पी.एच.डी.
मोबा- 9806143000,
8103533330