सी.आई.डी. सब इंस्पेक्टर ऑन लाइन ठगी का शिकार
जोगी एक्सप्रेस
छत्तीसगढ़ सीआईडी के सब इंस्पेक्टर ऑन लाइन ठगी का शिकार हो गए। पांच साल से बंद पॉलिसी चालू कराने के नाम पर जालसाज उन्हें पिछले डेढ़ साल से लगातार फोन करता रहा और अलग-अलग किश्तों में उनसे पैसे बैंक में जमा करवाता रहा। करीब पांच लाख देने के बाद उनके सामने हकीकत आई। उनकी शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस आरोपी के मोबाइल नंबर और जिस बैंक खाते में पैसा जमा किए गए उसका ब्योरा निकाल रही है। वीओ – बंद बीमा पॉलिसी शुरू करने लुभावनी स्कीम का झांसा देकर पीएचक्यू में सीआईडी के उपनिरीक्षक (एसआई) से करीब पांच लाख का ठगी का मामला सामने आया है….चौंकाने वाली बात यह है कि आम आदमी की तरह एसआई को भी थाने में शिकायत दर्ज कराने 2 महीने चक्कर काटने पड़े….मामला वरिष्ठ अफसरों तक पहुंचा तब जाकर एफआईआर लिखी गई…2010 में टाटा एआईजी कंपनी की बीमा पॉलिसी ली थी। कुछ महीने किस्त पटाने के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई…नियमित किस्त नहीं पटाने से कंपनी ने बीमा पॉलिसी बंद कर दी…प्रबोध के मुताबिक 7 जुलाई 2015 को उनके मोबाइल पर कॉल आया कि बंद पॉलिसी को दोबारा शुरू करने अच्छी स्कीम है। बकाया किस्तों की राशि 3 किस्त में भुगतान करने पर आप अपना पैसा निकाल सकेंगे….इस पर पूरा ब्याज भी मिलेगा….जालसाज के झांसे में आकर प्रबोध ने उसके बताए गए बैंक अकाउंट नंबर 9150200289070665, 20152296437, 3469510597 में जुलाई से फरवरी 2017 के बीच शास्त्री मार्केट चौक स्थित एसबीआई शाखा से 4.50 लाख रुपए जमा करा दिए…..कई दिनों बाद भी न तो बीमा पॉलिसी शुरू हुई और न ही कंपनी की तरफ से रसीद भेजी गई…..शंका होने पर प्रबोध ने बीमा कंपनी में संपर्क किया तो पता चला कि ऐसी कोई स्कीम नहीं है और न ही कंपनी की तरफ से फोन कर पैसा जमा कराया गया है….यह सुनकर प्रबोध को ठगी का एहसास हुआ….तब पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई.. प्रारंभिक विवेचना के बाद यह संभावना जताई गई है कि ठगी करने वाले उप्र के गाजियाबाद या बिहार गैंग के सदस्य हो सकते हैं…हाल ही में इसी तरह की यह गैंग पकड़ाई है ।