राज्य में नाबार्ड से एक हजार 816 करोड़ रूपए से ज्यादा का ऋण लेने का प्रस्ताव
नाबार्ड ऋण पोषित विकास कार्यों की समीक्षा
रायपुर,राज्य शासन के विभिन्न विभागों द्वारा इस चालू वित्तीय वर्ष में विभागीय परियोजनाओं को पूरा करने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से एक हजार 816 करोड़ 58 लाख रूपए का ऋण लेने का प्रस्ताव है। नाबार्ड के पास सभी विभागों की विभिन्न परियोजनाओं के एक हजार 220 करोड़ 11 लाख रूपए के प्रकरण उपलब्ध है। यह जानकारी मंत्रालय (महानदी भवन) में वित्त विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमिताभ जैन की अध्यक्षता में हुई नाबार्ड ऋण पोषित विकास कार्यों की समीक्षा हेतु गठित उच्चाधिकार समिति की बैठक में दी गई। बैठक में पिछले वित्तीय वर्ष में नाबार्ड के आधारभूत ग्रामीण संरचना निकाय निधि (आर.आई.डी.एफ) के अंतर्गत विभागवार नाबार्ड को प्रेषित ऋण प्रकरण और प्रतिपूर्ति दावा प्रस्तावों तथा नाबार्ड से प्राप्त स्वीकृति की समीक्षा की गई।
बैठक में नाबार्ड के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2018-19 के लिए आर.आई.डी.एफ नाबार्ड के अंतर्गत राज्य शासन के विभिन्न विभागों की परियोजनाओं के लिए ऋण प्रस्ताव के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इनमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पेयजल परियोजनाओं के लिए 70 करोड़ रूपए, जल संसाधन विभाग की सिंचाई योजनाओं के लिए 630 करोड़ रूपए, खाद्य विभाग को गोदाम निर्माण के लिए 16 करोड़ 11 लाख रूपए और ऊर्जा विभाग की सौर सुजला योजना के लिए 435 करोड़ रूपए के ऋण प्रस्तावों का लक्ष्य निर्धारित हैं। अधिकारियों ने बताया कि लोक निर्माण विभाग में सड़कों के निर्माण के लिए 250 करोड़ रूपए, पंचायत तथा ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सड़क निर्माण के लिए 315 करोड़ रूपए और आदिम जाति तथा अनुसूचित विभाग द्वारा आश्रम भवनों के निर्माण के लिए 100 करोड़ 47 लाख रूपए नाबर्ड से ऋण लिए जाने का लक्ष्य है। बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव श्री सोनमणि बोरा, खाद्य विभाग की सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, ऊर्जा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, सहकारिता विभाग की सचिव सुश्री रीता शांडिल्य, सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, क्षेत्रीय कार्यालय राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) रायपुर के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।