December 13, 2025

सौर सुजला योजना बनी के किसानों के लिए वरदान

0
IMG-20250227-WA0015

वन क्षेत्र बारनवापारा के 1222 किसानों को सोलर पम्प से मिली सिंचाई सुविधा

रायपुर 27 फरवरी 2025/ आजादी के दशकों बाद भी परंपरागत बिजली से वंचित रहे बलौदाबाजार जिले बारनवापारा क्षेत्र के किसानों के लिए छत्तीसगढ़ शासन की सौर सुजला योजना वरदान साबित हो रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साथ के नेतृत्व में क्रेडा विभाग द्वारा अब तक बारनवापारा क्षेत्र में 1222 किसानों के खेतों में सौर सिंचाई पम्प स्थापित किए गए हैं, जिससे अब किसान बिना किसी चिंता के सिंचाई सुविधा का लाभ उठाकर लाभकारी खेती कर रहे हैं।

सौर सुजला योजना के तहत बार नावापारा क्षेत्र में 2 हार्स पावर के 03, तीन हार्स पावर के 615 और 5 हार्स पावर के 604 सोलर पम्प स्थापित किए गए हैं। यह योजना उन किसानों के लिए वरदान साबित हुई है, जिनके खेतों तक बिजली नहीं पहुंची थी या जिनके पास सिंचाई के अन्य संसाधन नहीं थे।

ग्राम डेबी के किसान नित्यानंद बताते हैं कि पहले सिंचाई की सुविधा न होने के कारण उनकी सालाना आमदनी मात्र 25 से 30 हजार रुपये थी। लेकिन सोलर पम्प लगने के बाद अब वे धान के साथ सब्जियां जैसे आलू, टमाटर और बरबटी उगाकर तीन से चार गुना अधिक आय प्राप्त कर रहे हैं। इसी तरह, बंशराम चौहान, बसंत कुमार कैवर्त्य, अमरू राम, धनीराम बिंझवार और गौरी बाई दीवान सहित कई अन्य किसानों की आमदनी में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

पहले किसान नदी-नालों से डीजल पम्प के जरिए सिंचाई करते थे, जिससे उनकी आय का बड़ा हिस्सा ईंधन पर खर्च हो जाता था। लेकिन सौर सुजला योजना के तहत मात्र 24,800 रुपये में सोलर पम्प मिलने से अब उनकी यह समस्या समाप्त हो गई है। छत्तीसगढ़ शासन किसानों को बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर सौर पम्प उपलब्ध करा रही है। तीन हार्स पावर के पम्प के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के किसानों को मात्र 10,000 रुपये, अन्य पिछड़ा वर्ग के किसानों को 15,000 रुपये, सामान्य वर्ग के किसानों को 21,000 रुपये का अंशदान देना होता है, जबकि 5 हार्स पावर के पम्प के लिए अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को 15,000 रुपये, अन्य पिछड़ा वर्ग को 20,000 रुपये तथा सामान्य वर्ग के कृषक को 25,000 रुपये का अंशदान देना होता है। बलौदाबाजार जिले में अब तक 5198 सौर पम्प लगाए जा चुके हैं।

सौर सुजला योजना का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और क्रेडा विभाग के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। सिंचाई के लिए नदी, नाले, कुएं और नलकूप प्राथमिकता पर चिन्हांकित किए जाते हैं। छत्तीसगढ़ शासन की यह योजना किसानों के लिए कम लागत में सिंचाई की बेहतर और स्थायी व्यवस्था है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *