November 22, 2024

सौभाग्य योजना: छत्तीसगढ़ में अब तक 1.86 लाख से ज्यादा घरों को मिला बिजली का कनेक्शन

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रायपुर : प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) शुरू होने के बाद छत्तीसगढ़ में एक लाख 86 हजार से ज्यादा गरीबों के घरों को बिजली का कनेक्शन देकर रौशन किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 25 सितंबर 2017 को इस योजना की घोषणा की गई थी। उनकी घोषणा पर अमल के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने तत्परता से तैयारी शुरू कर दी। योजना के तहत राज्य में एक अप्रैल से शुरू हुए नये वित्तीय वर्ष 2018-19 में छह लाख 24 हजार 806 विद्युत विहीन घरों को बिजली का कनेक्शन देने का लक्ष्य है। राज्य विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों के अनुसार 04 अप्रैल 2018 तक योजना के तहत एक लाख 86 हजार 538 घरों को रौशन किया जा चुका है। प्रदेश के लगभग 45 हजार परिवार ऐसे क्षेत्रों में निवास करते हैं, जहां बिजली की लाइन पहुंचाना तकनीकी रूप से संभव नहीं है। ऐसे घरों को सौर ऊर्जा प्रणाली के जरिए रौशन किया जाएगा।
योजना का निःशुल्क लाभ उन हितग्राहियों को दिया जा रहा है, जिनका नाम वर्ष 2011 की सामाजिक-आर्थिक गणना की सूची में शामिल है। जिनका नाम उस सूची में नहीं है उनसे 500 रूपए शुल्क लिया जा रहा है, जो 50 रूपए की दस किश्तों में जमा करना होगा। हर कनेक्शन के साथ पांच एलईडी बल्ब और एक पंखा दिया जाएगा। जिन घरों में सोलर कनेक्शन दिया जाएगा वहां 200 से 300 डब्ल्यू पी का एक सोलर पावरपैक बैटरी और डीसी से चलने वाला एक पंखा दिया जाएगा। इस योजना का लाभ दिलाने के लिए गांवों में शिविर लगाए जा रहे हैं। आवेदन भरने वालों को आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड पहचान पत्र के रूप में जमा करना होगा। बिजली विभाग की वेबसाईट सीएसपीडीसीएल डॉट को डॉट इन पर ऑनलाइन आवेदन भरने की सुविधा भी दी गई है।
लोक सुराज अभियान में सौभाग्य योजना के तहत निःशुल्क विद्युत कनेक्शन देने का कार्य प्राथमिकता से किया गया है। मुंगेली जिले के लोरमी विकासखंड के ग्राम बुधवारा की सुनीता, देवकी यादव, भगौतीन, रामप्रसाद, शिवदयाल आदि गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले लोगों को अभियान के दौरान ही विद्युत कनेक्शन मिला। आवेदन पत्र देने पर तत्काल उनके घरों में बिजली कनेक्शन दिया गया। जांजगीर चांपा जिले के ग्राम गोधना निवासी अशोक कुमार, लोकेश्वर साहू ऐसे हितग्राही है, जिनका नाम वर्ष 2011 की सर्वेक्षण सूची में नहीं था। उन्हें सिर्फ 50 रूपए की दस मासिक किश्त में योजना का लाभ मिला। रोजी मजदूरी करने वाले अशोक ने बताया कि उन्हें विद्युत कनेक्शन के लिए पैसे जमा नही करने पड़े और न ही बिजली कार्यालय तक जाना पड़ा। अपने परिवार के भरण पोषण के साथ वह 50 रूपए का मासिक किश्त आसानी से जमा कर सकेगा। योजना से लाभांवित सुनीता, देवकी आदि महिलाओं का कहना है कि लालटेन और चिमनी की रौशनी से शाम का भोजन पकाना मुश्किल होता था। विशेषकर बारिश के दिनों में बहुत दिक्कत होती थी। अब सौभाग्य योजना से उनकी समस्या दूर हो गई है। बच्चों की पढ़ाई भी आसानी से होगी तथा उनके घरों की सुरक्षा भी अच्छी होगी। घर-घर बिजली पहुंचने से शैक्षणिक स्थिति में सुधार हो रहा है तथा रेडियो, टेलीविजन, मोबाइल से संचार के साधन बेहतर हो रहे हैं और रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।
योजना के तहत अब तक बस्तर जिले में 15 हजार 181 घरों को रौशन किया जा चुका है। रायगढ़ जिले में 14 हजार 479, बलौदाबाजार में 12 हजार 89, बिलासपुर में 10 हजार 846, दंतेवाड़ा में 9 हजार 667, राजनांदगांव में 09 हजार 845, कोण्डागांव में 8 हजार 478, सरगुजा में 10 हजार 235, बेमेतरा में 9 हजार 23, सूरजपुर में 8 हजार 62, जशपुर में 8 हजार 52, गरियाबंद में 6 हजार 334, कबीरधाम में 7 हजार 233, कोरबा में 6 हजार 264, कांकेर में 6 हजार 124, मुंगेली में 5 हजार 514, बालोद में 4 हजार 775, रायपुर में 4 हजार 482, बीजापुर में 4 हजार 105, दुर्ग में 4 हजार 332, जांजगीर-चांपा में 4 हजार 10, कोरिया में 4 हजार 13, बलरामपुर में 3 हजार 543, नारायणपुर में 2 हजार 756, सुकमा में 3 हजार 481, महासमुंद में 2 हजार 110, धमतरी में 905 घरों में बिजली कनेक्शन दिया गया है।

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