November 22, 2024

माहवारी अभिशाप नहीं सृष्टि सृजन है

0

.
एमसीबी/28 मई 2024/ विदित हो की प्रतिवर्ष 28 मई को विश्व माहवारी दिवस मनाया जाता है। आज आधुनिक युग में भी जहां इंसान अंतरिक्ष तक पहुंच रहा है, वही दूसरी और जागरूकता के अभाव में आज ग्रामीण अंचलों की महिलाएं, किशोरी, बालिकाएं माहवारी स्वच्छता के प्रति अनभिज्ञ है। माहवारी आज भी कई कुरूतियों को समेटे हुए है। जिनसे आत्मसम्मान और मासिक धर्म के दौरान महिलाओं और किशोरियों को पारिवारिक कार्यों जैसे भोजन न बनाना, पूजा घर में प्रवेश वर्जित, सबके साथ घुलमिल कर न रहना और तो और उन 5, 7 दिनों तक अलग आवास में रहना मानो माहवारी श्राप सा बना बैठा है, जबकि वास्तविकता यह है की मासिक धर्म अभिशाप नहीं सृष्टि सृजन का स्रोत है। आज मासिक धर्म के प्रति भ्रांतियों को समाप्त करने हेतु संकल्पित होने का दिन है। आज हर महिला और किशोरी बालिकाओं के अधिकारों को दिलाने का दिवस है। आज मासिक धर्म पर खुलकर चर्चा और सहज बनाकर चुप्पी तोड़ने का दिन है। ताकि मासिक धर्म के दौरान महिलाएं एवं किशोरी बालिकाओं कपड़े के उपयोग को छोड़कर सेनेट्री पैड के उपयोग को समझे और अस्वच्छता के कारण होने वाले बिमारियों सरवाइकल कैंसर , गर्भाशय के केंसर, फंगल इन्फेक्शन, स्किन संक्रमण से निजात पा सके। इस महत्वपूर्ण विषय पर अपनी कलम से एक महिला के मार्मिक भावनाओं को कविता के रूप में पिरोकर कवि राजेश जैन बुंदेली ने बड़े ही मार्मिक रूप से लिखा है।

सृष्टि सृजन
रक्त के जमते थक्कों को, जब देह में समाया
अतिसूक्ष्म से भ्रूण को, जब अपनी कोख में पाला
असहनीय पीड़ा सहते रहे हम, उस समय
तब मानवता का अंश, सृष्टि में आया
दाग के दर्द को तो हम, सदियों से सहते आ रहे है
कभी छिपाते कभी लजाते, कभी सताते आ रहे है
छोटे रक्त के धब्बे ने, हमे बदनाम कर दिया
फिर भी हम रक्त के दागों से सृष्टि सृजन
करते आ रहे है
दाग माहवारी का हो या, देह पर ताना शाही का
हर जख्म को हमी तो छिपाते आ रहे है
रक्त के दागों से सृष्टि सृजन करते आ रहे है
माहवारी अभिशाप नहीं यह तो वरदान है
हम औरतों का, यही तो स्वाभिमान
गर न बनी माँ तो, बांझ कह लाऊंगी
समाज के तानों में, हरदम लजाऊँगी
त्रिया के त्रिंचो को सुनते आ रहे है
रक्त के दागों से सृष्टि सृजन
करते आ रहे है।।
राजेश जैन बुंदेली
समाचार क्रमांक/221/लोकेश/फोटो/01

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *