बघेल को वोट देना नवाज, अकबर, ढेबर और सौम्या को वोट देने जैसा ही है : भाजपा
रायपुर उप मुख्यमंत्री शर्मा ने भगवा ध्वज के अपमान और बिरनपुर की मॉब लिंचिंग की याद दिलाकर तुष्टीकरण व वोट बैंक की राजनीति को लेकर हमला बोला, कहा : उस समय बहुसंख्यक समाज की भावनाओं की सुध किसी ने नहीं ली
भाजपा प्रदेश महामंत्री वर्मा ने नवाज खान के भ्रष्ट कारनामों का हवाला देकर सवाल दागा : भूपेश सरकार के संरक्षण में छत्तीसगढ़ को लूटने वाला एक तरफ नवाज और दूसरी तरफ सौम्या है, तो क्या हमें इन्हें वोट देना चाहिए?
रायपुर। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री/गृह मंत्री विजय शर्मा और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री भरतलाल वर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री और राजनांदगाँव लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल पर तुष्टीकरण और भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर हमला बोला है। श्री शर्मा और श्री वर्मा ने कहा कि भूपेश बघेल को वोट देना यानी नवाज खान, मो. अकबर, एजाज ढेबर को वोट देने जैसा ही है। कवर्धा में भगवा ध्वज के अपमान, बिरनपुर में भुनेश्वर साहू की बर्बरतापूर्ण हत्या और राजनांदगाँव जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के पूर्व जिलाध्यक्ष नवाज खान के भ्रष्ट कारनामों का हवाला देकर भाजपा नेता द्वय ने दो टूक कहा है कि भूपेश बघेल को वोट देने का सीधा मतलब है कि छत्तीसगढ़ को लूटने वालों को वोट देना, भ्रष्टाचारियों को वोट देना, नवाज खान, अकबर, ढेबर और सौम्या चौरसिया को वोट देना।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री/गृह मंत्री श्री शर्मा ने कहा है कि पाँच सालों तक सरकार चलाते समय कांग्रेस की सरकार भूपेश बघेल ने नहीं, बल्कि मो, अकबर और ढेबर ने चलाई है। अकबर-ढेबर की जो सरकार चली है तो उस समय क्या-क्या अंधेरगर्दी मची थी, यह सब जान रहे हैं। किस तरह से कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति परवान चढ़ी थी, यह भी सब जानते हैं। श्री शर्मा ने कवर्धा में भगवा ध्वज के अपमान की याद दिलाते हुए कहा कि उस समय बहुसंख्यक समाज की भावनाओं व आस्था की सुध लेने वाला कोई नहीं था। बिरनपुर में मॉब लिंचिंग करके भुनेश्वर साहू की बर्बर हत्या की घटना की भी कोई सुध लेने वाला नहीं था। मुख्यमंत्री रहते हुए भूपेश बघेल और उनके मंत्रियों ने पीड़ितों और परिजनों को कभी नहीं पूछा और सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करते रहे, तुष्टिकरण की राजनीति करते रहे। श्री शर्मा ने कहा कि कवर्धा में भगवा का अपमान, बिरनपुर में मासूम भुनेश्वर साहू की बर्बरपूर्वक की गई हत्या बघेल की सरकार के संरक्षण में हुई।