विशेष लेख,विष्णु सरकार के फैसलों से किसानों के खिले चेहरे
विष्णु सरकार के फैसलों से किसानों के खिले चेहरे
नसीम अहमद खान, उप संचालक
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में गठित छत्तीसगढ़ द्वारा मात्र तीन माह की अल्पावधि में राज्य के किसानों के हित में लिए गए फैसले से राज्य भर के किसान बेहद खुश है। उनके चेहरे खिल गए हैं और मन में एक नई उम्मीद जागी है। प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी तथा दो साल के बकाया धान बोनस की राशि 3716 करोड़ रूपए का भुगतान होने से किसान खुश हैं।
किसानों संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्होंने यह सोचा नहीं था कि धान खरीदी और बकाया बोनस को लेकर विष्णु देव सरकार इतनी तेजी से फैसला लेकर उसे लागू भी कर देगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी में शामिल किसानों के हित से जुड़े मामलों को जिस तेजी से छत्तीसगढ़ सरकार ने अमल में लाया है, यह स्वागत योग्य है।
छत्तीसगढ़ की जनता ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी पर भरोसा जताया है। इस भरोसे को राज्य सरकार ने सर्वाेच्च प्राथमिकता दी है। राज्य सरकार ने राज्य के 18 लाख से अधिक पात्र परिवारों को प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति दी है। किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी की गई है।
किसानों का मानना है कि राज्य सरकार के अब तक के फैसलों से यह स्पष्ट हो गया है कि यह सरकार किसानों की हितैषी है। राज्य के किसान भाईयों को 2183 रूपए प्रति क्विंटल के मान से समर्थन मूल्य का भुगतान 48 घण्टे के भीतर उनके बैंक खातों में किया गया है। किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार ने कृषक उन्नति योजना के माध्यम से 24.72 लाख किसानों को धान के मूल्य के अंतर की राशि 13320 करोड़ रूपए का भुगतान का प्रदेशव्यापी शुभारंभ भी हो चुका है।
भारत कृषि प्रधान देश है। देश की जीडीपी में कृषि का बड़ा योगदान है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का मूल आधार भी कृषि ही है और यह राज्य धान का कटोरा कहलाता है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय कहते है कि एक दौर ऐसा था जब किसानों के पास उन्नत और बेहतर खेती के लिए पूंजी नहीं होती थी। किसानों को साहूकारों से ऊंची ब्याज दर पर रकम लेकर खेती-किसानी करनी पड़ती थी। किसान हमेशा कर्ज में फंसे रहते थे। इस स्थिति को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किसानों के हित में सबसे बड़ा कदम उठाया और किसान क्रेडिट कार्ड की योजना लागू की। इससे किसानों को कम दर पर सोसायटियों एवं बैंकों से कर्ज मिलने लगा।
छत्तीसगढ़ में वर्ष 2003 में छत्तीसगढ़ में डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में पहली बार भाजपा की सरकार बनी, उस समय सहकारी बैंकों से किसानों को रियायती ब्याज दर पर खेती के लिए कर्ज मिलता था, जिसे धीरे-धीरे घटाकर शून्य प्रतिशत कर दिया गया। किसानों को बिना ब्याज के खेती-किसानी के लिए ऋण देने का काम छत्तीसगढ़ की रमन सरकार के दौर में शुरू हुआ था। आज भी किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर खेती के लिए लोन मिल रहा है। फसल बीमा जिसका लाभ पूरे देश के किसानों को सहजता से मिल रहा है। इसका श्रेय भी तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को जाता है। उनके कार्यकाल में ही फसल बीमा योजना का सरलीकरण किया गया।
छत्तीसगढ़ में किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री सिंचाई योजना लागू की गई है। सौर सुजला योेजना के माध्यम से सरकार ने दूरस्थ वनांचल में, जहां बिजली की सुविधा नहीं है, वहां किसानों के खेतों में भी इस योजना के माध्यम से सौर सुजला सिंचाई पंप स्थापित कर सिंचाई की व्यवस्था की गई है। राज्य में सिंचाई रकबे में विस्तार के लिए नवीन सिंचाई योजना के लिए 300 करोड़ रूपए, लघु सिंचाई की चालू परियोजनाओं के लिए 692 करोड़ रूपए, नाबार्ड पोषित सिंचाई परियोजनाओं के लिए 433 करोड़ रूपए एवं एनीकट तथा स्टाप डेम निर्माण के लिए 262 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान छत्तीसगढ़ सरकार ने किया है।
छत्तीसगढ़ में किसानों एवं भूमिहीन मजदूरों की स्थिति में सुधार, कृषि एवं सहायक गतिविधियां के लिए समन्वित प्रयास पर राज्य सरकार का फोकस है। कृषि विभाग के बजट में बीते वर्ष की तुलना में वर्ष 2024-25 में 33 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 13 हजार 435 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। किसानों को सहकारी एवं ग्रामीण बैंकों से ब्याज मुक्त कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए 8500 करोड़ रूपए की साख सीमा छत्तीसगढ़़ सरकार ने तय की है।
मुख्यमंत्री ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास‘ का उल्लेख करते हैं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सभी वर्गों के विकास और उत्थान के लिए प्रयासरत् है। उन्होंने दूरस्थ वनांचल में रहने वाले आदिवासी भाईयों विशेषकर पिछड़ी जनजाति के लोगों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना शुरू की है। छत्तीसगढ़ में निवासरत् विशेष पिछड़ी जनजातियों की बसाहटों में पक्का मकान, रोड, नाली, बिजली-पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य की बेहतर व्यवस्था के साथ ही सरकार की 11 योजनाओं का लाभ दिलाने का काम तेजी से किया जा रहा है। यह योजना छत्तीसगढ़ में 9 सरकारी विभागों के समन्वय से क्रियान्वित की जा रही है।