पोलिंग बूथ कमेटी गठन को लेकर रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग संभागीय समीक्षा बैठक संपन्न
रायपुर/। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल के द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राहुल गांधी से दिल्ली में मुलाकात कर लौटने के पश्चात कांग्रेस भवन में पोलिंग बूथ कमेटी गठन को लेकर समीक्षा बैठक ली। समीक्षा बैठक में पूर्व विधायक दल के नेता रविन्द्र चैबे, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष द्वय डाॅ. शिवकुमार डहरिया, रामदयाल उईके, प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री राजेश तिवारी, पूर्व सांसद करूणा शुक्ला मौजूद रहे। रायपुर संभाग के रायपुर, धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद, बलौदाबाजार, बिलासपुर संभाग के बिलासपुर, जांजगीर, रायगढ़, मुंगेली, कोरबा, दुर्ग संभाग के दुर्ग, कवर्धा, बालोद, राजनांदगांव, बेमेतरा जिलों की बूथ कमेटी गठन पर कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्षों, ब्लाक अध्यक्षों, ब्लाक प्रभारियों से बैठक सुबह 11 बजे से शुरू हुई जो इन पंक्तियों के लिखे जाने तक जारी थी।
संगठन चुनाव के बाद जारी जिला अध्यक्षों और ब्लाक अध्यक्षों की सूची में इन तीनों संभागों रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में जहां-जहां परिवर्तन हुआ है, वहां निवृतमान जिला और ब्लाक अध्यक्ष के साथ-साथ वर्तमान जिला एवं ब्लाक अध्यक्ष उपस्थित रहे।
बैठक के बीच में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा कर समीक्षा की स्थिति की जानकारी देते हुये कहा कि आज रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग के जिला अध्यक्ष, ब्लाक अध्यक्ष और उनके प्रभारी के साथ अलग-अलग बैठक हम लोग ले रहे है। प्रत्येक ब्लाक में हमारे बूथ कमेटी है, हम हर अनुभाग तक जा रहे है उसमें कितनी कमेटी गठित हुई उसकी समीक्षा आज हम कर रहे है। बूथ कमेटी रहेगी और अनुभाग में हमारे साथी रहेगे उनके माध्यम से हम मतदाता तक पहुंचेंगे, हमारी जो बात है, एआईसीसी की बात है, पीसीसी की बात है, प्रत्याशी की बात है वो इस संगठन के माध्यम से मतदाता तक अपनी बात पहुंचायें। पहुंचाने का काम साथ ही उस कमेटी की जिम्मेदारी मतदाता को बूथ तक ले जाने की और उसके साथ-साथ जो मतदाता की तकलीफ है, जो परेशानी है वो चाहते है, पार्टी से जो अपेक्षा है वो भी उस कमेटी के माध्यम से हम लोगो तक पहुंचे।
जिस प्रकार से हम लोग हर विधानसभा क्षेत्र में बुथ कमेटियों के गठन का काम कर रहे है संगठन चुनाव लड़ेगा। ये जो चुनाव है केवल प्रत्याशी अकेले नहीं लड़ेगा। संगठन के माध्यम से चुनावी लड़ाई लड़ी जायेगी। निश्चित रूप से इससे हमको बड़ी सफलता मिलेगी। ऐसा नहीं है कि पहले संगठन नहीं है या नहीं था। संगठन था लेकिन धीरे-धीरे हम लोग प्रत्याशी पर ही निर्भर रहने लगे। जो निर्भरता है उसमें प्रत्याशी पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है और संगठन का काम भी प्रत्याशी कर रहे है, इससे प्रत्याशी का नुकसान होता था, रिजल्ट में प्रभाव भी पड़ता था और प्रत्याशी को अतिरिक्त बोझ भी पड़ता था। अब जो है संगठन के माध्यम से जब हम चुनावी लड़ाई लड़ेंगे और सब अपनी भागीदारी निभायेंगे तो ये सबके हिस्से में जिम्मेदारी होगी। सब लोग मिलकर लड़ेंगे और सभी लोग अपने आप को प्रत्याशी मानकर लड़ेगे और कांग्रेस को सफलता निःसंदेह मिलेगी।