करोडों की धान की अफरा तफरी करने वाले 24 घंटे के भीतर अस्पताल पहुचे :बीमारी या बहाना
जेल दाखिल होने के 24 घंटे में पड गए बीमार
गौरेला,सोहैल आलम -पिछले दिनों करोडों की धान की अफरा तफरी कर फरार रसूखदार मिल मालिक मात्र 24 घंटे में ही जेल की चार दीवार में बीमार पडने का कारण बताकर अस्पताल में भर्ती हो गए । इस पूरे मामले में डाक्टर भी बीमारी और ब्लड प्रेशर बढने की बात कह रहे है । ज्ञात हो कि दिनांक 2.3.2018 को आरोपी हेमंत श्रीवास्तव जो छत्तसीगढ राईस मिल संचालक हैं कि तबियत खराब होने पर अस्पताल दाखिल किया गया । ठीक 24 घंटे के अंदर एक और आरोपी हरिहर राइसमिल के संचालक अशोक कुमार गोयल की तबियत खराब होने पर अस्पताल में दाखिल करा दिया गया । इन दोनों आरोपियों पर साल 2014.15 में धान संग्रहण केंद्र लोहराझोरकी में 5 हजार किं्वटल कीमत का लगभग ढाई करोड़ का धान उठाव करने के बाद जमा नहीं करने का आरोप लगा है शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने दोनों ही आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी लेकिन जब तक दोनों राइस मिलर की गिरफ्तारी हो पाती उसके पहले ही दोनों आरोपी फरार हो गये इसके बाद ये दोनों आरोपी पिछले तीन साल से पुलिस की नजर में फरार चल रहे थे लेकिन क्षेत्र में नये आईजी के कमान संभालते ही ये राइस मिलर धर लिए गए और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इन दोनों राइस मिलर को 1 मार्च को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया बाद दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जहा से उन्हें जेल भेज दिया गया लेकिन यहां भी दोनों आरोपी अपने रसूख का फायदा उठाते हुए बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल पहुंच गये इतना ही नहीं अस्पताल में भी इन आरोपियों का रूतबा कम नहीं हुआ यहां भी वे लगातार स्मार्ट फोन का इस्तेमाल कर अपने चहेतों को फोन करते नजर आए । जब मीडियाकर्मी ने वहां तैनात जेल प्रहरी आर दृडी. गोस्वामी से इस मामले में जानकारी ली तो प्रहरी का कहना था कि मोबाइल का इस्तेमाल करना तो गलत है पर ये मोबाइल जो मिलने आये हैं उन्होंने आरोपी को दिया है । वहीं जब आरोपी के स्वास्थ्य के बारे में अस्पताल में मौजूद डॉक्टर डॉ. ए.आई.मिंज से बात की गई तो उनका कहना था कि जेल के अंदर इन्होंने घबराहट और धड़कन बढ़ने की बात कही थी जिसके कारण इन्हें अस्पताल लाया गया है । इनका ईसीजी सहित अन्य जांच कराया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आरोपी को अस्पताल में रखना है या नहीं इसका निर्णय लिया जायेगा।
नूतन कंवर:-अनुविभागीय अधिकारी– मामले की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी ।