November 24, 2024

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीतामढ़ी हरचौका में प्रभु श्रीराम की प्रतिमा का किया अनावरण

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360 करोड़ रुपए के विभिन्न विकास कार्यों का हुआ लोकार्पण, भूमिपूजन

मनेन्द्रगढ़ 20 सितम्बर 2023/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सोमवार 19 सितम्बर को नवगठित  मनेंद्रगढ़- चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी) जिले के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल सीतामढ़ी हरचौका में राम वन गमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की प्रतिमा का अनावरण किया। इसके साथ ही उन्होंने 156 करोड़ रुपए की लागत से 160 विकास कार्यों का लोकार्पण व 203 करोड़ रुपए की लागत से 165 विकास कार्यों का भूमिपूजन भी किया। हरचौका में आमनागरिकों और पर्यटकों की सुविधाओं के लिए कैफ़ेटेरिया का  शुभारंभ भी किया।

प्रमुख लोकार्पण कार्य-

श्रीराम वन गमन पर्यटन परिपथ के तहत सीतामढ़ी-हरचौका में राम वाटिका, रामायण व्याख्या केंद्र, कैफेटेरिया, पर्यटन सूचना केंद्र नदीतट व अन्य अधोसंरचना, लागत 7 करोड़ 45 लाख रुपए/ बहरासी से सनबोरा एमपी बार्डर सड़क निर्माण कार्य, लागत- 22 करोड़ 61 लाख रुपए/टी 2 किलोमीटर 26 से सोनहरी तक सड़क नवीनीकरण लागत- 1 करोड़ 90 लाख रुपए/अक्तवार से चुऊल तक सड़क नवीनीकरण, लागत 1 करोड़ 8 लाख रुपए/देवगढ़ से करवा तक सड़क नवीनीकरण, लागत 1 करोड़ 14 लाख रुपए

प्रमुख भूमिपूजन कार्य

ग्राम किशोरी से कचोहर मार्ग पर बनिया नाला में पुल निर्माण, लागत-करीब 9 करोड़ रुपए/कोतमा मार्ग पर बरने नदी पर उच्चस्तरीय पुल व पहुंच मार्ग, लागत-4 करोड़ 63 लाख रुपए/मनोड़, तोजी, जमथान, आमाडंड, बेलबहरा, कोचका आदि ग्रामों में 21 करोड़ रुपये की लागत नल जल योजना के तहत विकास कार्य/ ग्राम बहरासी मेव132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र, लागत-23 करोड़ रुपए/ गिरवानी से डौकादण्ड पहुंच मार्ग पर पुल-पुलिया निर्माण, लागत-7 करोड़ रुपए/ उजियारपुर से राधारमन नगर पहुँच मार्ग, लागत-8 करोड़ रुपए/ पहाडपारा से करीछापर तक पक्का सड़क, लागत-4 करोड़ रुपए/ विशेष पिछड़ी जनजाति(बैगा) आवासीय विद्यालय नोउड़िया, लागत- करीब 50 लाख रुपए

इस तरह प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मनेंद्रगढ़-चिरमिरी- भरतपुर जिले को 360 करोड़ रूपये की सौगात दी।

जाने सीतामढ़ी- हरचौका

माना जाता है कि मनेन्द्रगढ़- चिरमिरी-भरतपुर जिले में सीतामढ़ी हरचौका ऐसी जगह है जहाँ वनवास के दौरान मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और माता सीता के कदम पड़े थे । भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास काल का अधिकांश समय दण्डकारण्य में व्यतीत हुआ था। वनवास काल में प्रभु श्रीराम, पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ जहां-जहां ठहरे, उनके चरण जहां पड़े, ऐसे 75 स्थानों को चिन्हांकित किया गया है। इनमें से प्रथम 9 स्थानों को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की शुरुआत छत्तीसगढ़ सरकार ने की है।

राम वनगमन पर्यटन परिपथ परियोजना की शुरूआत मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के ‘सीतामढ़ी हरचौका’ नामक स्थान से होती है। मवई नदी के किनारे स्थित सीतामढ़ी हरचौका, दण्डकारण्य का प्रारंभिक स्थल है, जहां से वनवास काल के दौरान भगवान श्री राम का आगमन छत्तीसगढ़ की धरती पर हुआ था। सीतामढ़ी-हरचौका के पुरातात्विक महत्व को संरक्षित करने के लिए इस परिपथ के प्रमुख स्थलों का पर्यटन तीर्थ के रूप में विकास किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा-

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि एमसीबी सहित 6 नए जिले, नई तहसील, नए अनुविभाग का गठन किया। श्री बघेल ने कहा हमने पौने पांच साल में कोरोना जैसे समस्या भी देखे तो अधोसरंचना के कार्य पुल-पुलिया, सड़क, अस्पताल, स्कूल, महाविद्यालय जैसे भवनों का निर्माण भी कराया।

श्री बघेल ने कहा एमसीबी  जिले में 1240 करोड़ रुपए का विकास कार्य हुआ है, जो कम समय में अपने आप में एक कीर्तिमान है। उन्होंने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा पिछले कुछ वर्षाे से मध्यप्रदेश से बिजली आती थी, लेकिन हमारी सरकार आने के बाद मध्यप्रदेश के भरोसे नहीं है। पहुंचविहीन गांवों में बिजली, स्कूल, पीने की पानी, अस्पताल जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में आगे बढ़े हैं।

हमने आम जनता का ध्यान रखा। हमने चप्पल, मोबाइल बांटने के बजाय लोगों के जेब में नगद राशि देने पर भरोसा किया। राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मुख्यमंत्री भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, सुराजी योजना, गोधन न्याय योजना शुरू की ताकि ग्रामीणों, किसानों और आदिवासियों की जिंदगी में बदलाव आए, आर्थिक रूप से सक्षम हो सके। हमने आम लोगो के जेब में 1 लाख 75 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि डालने का काम किया हैं।

हमने शहरी बच्चों की तरह ग्रामीण बच्चे भी अंग्रेजी स्कूल में पढ़ सके इसके लिए पूरे प्रदेश में करीब 700 स्वामी आत्मानन्द स्कूल खोले हैं ताकि आम लोगो के बच्चे भी अंग्रेजी स्कूल में पढ़-लिख व बोल सके।

श्री बघेल ने आगे कहा कि  स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी हमने बहुत काम किया है। डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना, मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना, मुख्यमंत्री हाट बाज़ार क्लीनिक, मुख्यमंत्री दाई दीदी क्लीनिक, मुख्यमंत्री सुपोषण योजना आदि प्रभावी योजनाओं ने प्रदेश को एक खुशहाल प्रदेश के रूप में भी पहचान दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक संस्कृति, परम्परा, आस्था व खानपान, खेलकूद को बढ़ावा दिया है ताकि यहां की रीतिरिवाज और संस्कृति को पहचान मिले और यही वजह ह अब श्रमिक दिवस के दिन छोटे-बड़े अधिकारी भी बोरे बासी खा रहे हैं।

श्री बघेल ने कहा कि हमने आदिवासियों की बेहतरी के लिए अनेक निर्णय लिए। वन अधिकार पट्टा, सामुदायिक वन अधिकार पट्टा बाँटने में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्य है। हमने आदिवासी संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्थान देने का काम किया है। आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया, जिसमे 27 देशों से रायपुर आकर अपनी कला का अदभुत प्रदर्शन किया। दुनिया का एकमात्र कौशल्या मन्दिर का हमने जीर्णाेद्धार किया। अभी तक चंदखुरी, शिवरीनारायण, राजिम, रामगढ़, सिहावा, सीतामढ़ी में मर्यादा पुरुषोत्तम राम की प्रतिमा का अनावरण किया है।

श्री बघेल ने कहा कि कोरोना जैसे संकट के समय में भी हमने गांव गांव, घर घर राशन पहुंचाने का काम किया ताकि कोई भूखे पेट न रहे।

ने प्रदेश को एक खुशहाल प्रदेश के रूप में भी पहचान दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक संस्कृति, परम्परा, आस्था व खानपान, खेलकूद को बढ़ावा दिया है ताकि यहां की रीतिरिवाज और संस्कृति को पहचान मिले और यही वजह ह अब श्रमिक दिवस के दिन छोटे-बड़े अधिकारी भी बोरे बासी खा रहे हैं।

श्री बघेल ने कहा कि हमने आदिवासियों की बेहतरी के लिए अनेक निर्णय लिए। वन अधिकार पट्टा, सामुदायिक वन अधिकार पट्टा बाँटने में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्य है। हमने आदिवासी संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्थान देने का काम किया है। आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया, जिसमे 27 देशों से रायपुर आकर अपनी कला का अदभुत प्रदर्शन किया। दुनिया का एकमात्र कौशल्या मन्दिर का हमने जीर्णाेद्धार किया। अभी तक चंदखुरी, शिवरीनारायण, राजिम, रामगढ़, सिहावा, सीतामढ़ी में मर्यादा पुरुषोत्तम राम की प्रतिमा का अनावरण किया है।

श्री बघेल ने कहा कि कोरोना जैसे संकट के समय में भी हमने गांव गांव, घर घर राशन पहुंचाने का काम किया ताकि कोई भूखे पेट न रहे।

रामायण महोत्सव

रामायण महोत्सव के अवसर पर कोरिया, जशपुर और एमसीबी जिले के प्रथम स्थान पर आए रामायण मंडलियों की संगीतमय प्रस्तुति हुई।  इस मंच से मुंबई की प्रसिद्ध गायिका सुश्री तृप्ति साकिया और सुनील मानिकपुरी द्वारा गीत-संगीत प्रस्तुत किए गए। श्रोताओं ने रामधुनी सुनकर मंत्रमुग्ध हो गए। श्री मानिकपुरी ने अपने अंदाज में सरगुजिहा गीत-संगीत सुनाया तो दर्शकों ने अपने सीट से उठकर झूमने लगे।

किसानों को मिलेगा इसी माह तीसरा क़िस्त

श्री बघेल ने आमसभा को सम्बोधित करते हुए वादा किया कि इसी माह की आखिरी सप्ताह तक राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को उनकी खरीफ फसल के तीसरी क़िस्त की आदान राशि खाते में डाल दी जाएगी।

छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा पहली बार सांसद बना तब से लेकर हरचौका के विकास को लेकर सोच रहा था आज वह पूरा हुआ। यहाँ की सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत जी आज दिल्ली में होने कारण यहाँ नहीं पहुंच पाई है।अत्यंत खुशी की बात है कि श्री बघेल जी ने इस अंचल को विकास की सौगात खूब दी है। डॉ महंत ने कहा हमारी आस्था का प्रतीक सीतामढ़ी के विकास का उद्घाटन श्रीगणेश चतुर्थी के दिन हो रहा है। डॉ महंत ने कहा बापू के राम राज्य के सपने को भूपेश सरकार पूरे करने में जुटे हैं । डॉ महंत ने कहा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, प्रेम, करुणा, सहयोग, मानवता के आदर्श है।  डॉ. महंत ने कहा मुख्यमंत्री श्री बघेल किसानों के सुख दुख के साथी है।आज हरचौका का विकास कार्य कराया गया है उसके लिए सभी को धन्यवाद। हमारी सरकार प्रेम, मोहब्बत, करुणा, दया पर भरोसा करती है। नफरत करना इस सरकार ने कभी नहीं सीखा। आज यह ऐतिहासिक अवसर है हमारी आस्था और विश्वास का प्रतीक है श्रीराम और सीता जी। इस हरचौका का विकास बहुत तेजी से किया गया है। यह माँ कौशल्या की धरती है, श्री राम घर घर मे बसे हैं। जो लोग राम के नाम पर बांटने का काम करते हैं वे राम के नहीं हो सकते हैं! मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हमारे आदर्श है, प्रेरणस्रोत है। आज हमें मोहब्बत और प्रेम के साथ रहना है।

घोषणा

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने केल्हारी से हरचौका तक सड़क चौड़ीकरण व जनकपुर में 100 बिस्तर के अस्पताल बनाने हेतु आगामी बजट में शामिल करने की घोषणा की।

राम वन गमन पर्यटन परिपथ

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की लोक परम्परा, आस्था, संस्कृति को बढ़ावा देने अनेक उपाय किए हैं। छत्तीसगढ़ में भगवान श्रीराम के वनवास काल से जुड़े स्थलों को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित की जा रही है।

नवगठित जिला मनेंद्रगढ़- चिरमिरी-भरतपुर ज़िले के सीतामढ़ी में हरचौका से लेकर सुकमा के रामाराम तक लगभग 2260 किलोमीटर का राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकसित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम के ननिहाल के रूप में संपूर्ण विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है। इस पर्यटन परिपथ में एमसीबी ज़िले से सुकमा तक कदम-कदम पर भगवान श्रीराम के दर्शन होंगे और उनसे जुड़ी महत्त्व की कथाएँ देखने और सुनने को मिलेंगी।

राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना में सीतामढ़ी हरचौका (एमसीबी), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाज़ार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) को पर्यटन की दृष्टि से विकास  कार्य किया जा रहा है। इस पर्यटन परिपथ के माध्यम से राज्य में न केवल ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन के नए वैश्विक अवसर बढ़ेंगे।

सीतामढ़ी-हरचौका में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर मंत्री श्री अमरजीत भगत, श्री मोहन मरकाम, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष, महंत राम सुंदर दास, सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व विधायक श्री गुलाब कमरो ने भी जनसभा को सम्बोधित किया। मंच में संसदीय सचिव श्रीमती अम्बिका सिंहदेव,  संसदीय सचिव श्री चिंतामणि महराज, विधायक डॉ विनय जायसवाल, छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिक निगम चिरमिरी के महापौर, कलेक्टर श्री नरेन्द्र दुग्गा, पुलिस महानिरीक्षक श्री अंकित गर्ग, पुलिस अधीक्षक, श्री सिद्धार्थ तिवारी, जिला पंचायत सीइओ श्री आशुतोष चतुर्वेदी व अनेक जनप्रतिधि व सरपंच उपस्थित रहे।

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