November 24, 2024

दलगत आधार पर सुरक्षा देना हटाना भाजपा की मानसिकता कांग्रेस की नहीं

0

भाजपा ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा हटाया था जिसमें 31 नेता शहीद हुये थे

भाजपा डरें नहीं छत्तीसगढ़ में हालात बदल गये है बेखौफ यात्रा निकाले

रायपुर/08 सितंबर 2023। भाजपा द्वारा अपनी परिवर्तन यात्रा के पहले उसकी सुरक्षा को लेकर जताई जाने वाली चिंता चोर की दाढ़ी में तिनका के जैसे है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा ने अपने शासन काल में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा को घोर नक्सली इलाकों में सुरक्षा नहीं दिया जिसके कारण कांग्रेस ने अपने नेताओं की पूरी पीढ़ी को खोया था जिसमें 31 लोगों की शहादत हुई थी। भाजपा को इस बात का डर सता रहा है कि कांग्रेस सरकार भी उन्हीं के समान सुरक्षा में कटौती न कर दे। दलगत आधार पर सुरक्षा देना और सुरक्षा हटाना भाजपा की मानसिकता रही है। कांग्रेस पार्टी के लिये हर नागरिक की सुरक्षा देना और हर नागरिक का जीवन अनमोल है। भाजपा की तरह कांग्रेस दोहरी मानसिकता से काम नहीं करती। भाजपा की सरकार ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा को सुरक्षा नहीं दिया था। जिसके कारण कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की पूरी पीढ़ी की हत्या हो गयी थी।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुये जीरम का क्रूर नरसंहार हुआ था जिसमें कांग्रेस के बड़े नेताओं की पूरी पीढ़ी की हत्या कर दी गयी थी। प्रदेश की जनता जानना चाहती है बस्तर के घोर नक्सल क्षेत्रों में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को रमन सिंह ने क्यों हटवाया था? परिवर्तन यात्रा के ठीक एक हफ्ता पहले रमन सिंह स्वयं विकास यात्रा लेकर बस्तर गये थे उनकी विकास यात्रा में पूरी सुरक्षा दी गयी थी। नंदकुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल, महेन्द्र कर्मा जैसे नेताओं की उपस्थिति वाली कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को पूरी तरह हटा लिया गया था? रमन सिंह बतायें उन्होंने किस उद्देश्य से कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को हटाया था?

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपाई अनावश्यक डर रहे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद हालात में परिवर्तन आ गया है। अब वे बिना सुरक्षा के भी भयमुक्त होकर अपनी राजनैतिक गतिविधियां संचालित करें। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद राज्य के नक्सल घटनाओं में 80 प्रतिशत तथा नक्सल हत्या में 50 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2008 से लेकर 2018 तक के आंकड़ों को यदि देखा जाए तो इस दौरान राज्य में नक्सली हर साल 500 से लेकर 600 हिंसक घटनाओं को अंजाम देते थे, जो कि बीते पांच वर्षों में घटकर औसतन रूप से 250 तक रह गई है। वर्ष 2022-23 में मात्र 134 नक्सल घटनाएं हुई हैं, जो कि 2018 से पूर्व घटित घटनाओं से लगभग चार गुना कम हैं। राज्य में 2018 से पूर्व नक्सली मुठभेड़ के मामले प्रतिवर्ष 200 के करीब हुआ करते थे, जो अब घटकर दहाई के आंकड़े तक सिमट गए हैं। इन आंकड़ों को देख कर भाजपा अपने अंदर का डर निकाल दे और अपनी यात्रा निशि्ंचत होकर निकाले।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *