November 24, 2024

अमित शाह के आरोप पत्र लॉन्चिंग कार्यक्रम से जनता तो दूर रही भाजपाई भी नहीं पहुंचे

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भाजपा कार्यकर्ताओं को भी पता है 15 साल तक रमन सरकार में कमीशनखोरी भ्रष्टाचार हुआ था

रायपुर/03 सितंबर 2023। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के आरोप पत्र लॉन्चिंग कार्यक्रम से जनता तो दूर रही भाजपा के नेता और कार्यकर्ता भी नहीं पहुंचे कुर्सियां खाली रही है। प्रदेश की जनता और भाजपा के नेता और कार्यकर्ता जो 15 साल तक शोषित और प्रताड़ित थे। वो अमित शाह के साथ मंच में बैठे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, अजय चंद्राकर, नारायण चंदेल के भ्रष्ट और कमीशनखोरी वाले चरित्र को जानते और पहचानते हैं। उन्हें पता है की 15 साल तक इन्हीं नेताओं ने इस प्रदेश को लूटने का काम किया था जो आज एक जनकल्याणकारी सरकार के ऊपर झूठे आरोप लगाकर ओछी राजनीति कर रहे हैं इसलिए अमित शाह के कार्यक्रम से दूरी बना लिये।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के आरोप पत्र लॉन्चिंग कार्यक्रम से जनता ने दूरी बनाकर चुनाव के पहले ही भाजपा को परिणाम बता दिया। एक ओर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के खुले मैदान में हुई सभा में युवाओं का जनसैलाब उमड़ा था चार लाख से अधिक युवा राहुल गांधी को सुनने आये। वहीं दूसरी ओर भाजपा के नेता अमित शाह के कार्यक्रम की कुर्सियां खाली थी भाजपा का चरित्र प्रदेश की जनता जानती है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रायपुर में अमित शाह के कार्यक्रम की जो दुर्दशा हुई वही हाल सराईपाली  के कार्यक्रम में हुई कार्यक्रम में भीड़ जुटाने उड़ीसा से लोगों को लाया गया तब कहीं जाकर कुछ भीड़ इकट्ठा हो पाई थी।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार विधानसभा में विधेयक पारित कराकर 76 प्रतिशत आरक्षण का कानूनी अधिकार दिया है। वह सिर्फ राजभवन में हस्ताक्षर नही होने के चलते लंबित है। अमित शाह को प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि आखिर प्रदेश के आरक्षण बिल को राजभवन में क्यों रुकवाया गया? राजभवन किसके इशारे के चलते उक्त बिल पर साइन नहीं कर रही है? इसे समझ में आता है कि भाजपा आरक्षण विरोधी है और आरक्षित वर्ग को उनके अधिकार से रोकने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। प्रदेश सरकार के द्वारा सदन में  बहुमत से पारित कराई गई बिल को भी रोकने षड्यंत्र कर सकती है।

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