प्रदेश में भूपेश सरकार बनने के बाद भाजपा ने चार प्रदेश अध्यक्ष, दो नेता प्रतिपक्ष, तीन प्रदेश प्रभारी बदले
अरुण साव को ठीक से भाजपा के कार्यकर्ता ही नहीं पहचानते जनता दूर की बात
रायपुर/11 अगस्त 2023। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पिछले साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के दिन आदिवासी अध्यक्ष हटाने वाली भाजपा साल भर बाद भी जहां की तहां खड़ी है। यह पार्टी दिसंबर 2018 की स्थिति में स्थिर है। बल्कि और अधिक दयनीय हो गई है। जब भाजपा सत्ता में थी और कांग्रेस वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में संघर्ष कर रही थी तब छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा की 15 साल की सरकार को उखाड़ कर फेंक दिया। कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने 36 में से 34 वादे पूरे कर दिए हैं। कांग्रेस के प्रति जनता का भरोसा बढ़ा है, तब तय है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को दहाई का आंकड़ा भी नसीब नहीं होगा।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने एक साल का सफर तय कर लिया है। वे एक साल में भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच भी पहचान नहीं बना सके। प्रदेश की जनता से उनके संपर्क की तो बात ही नहीं है। एक साल में एक बार भी नहीं लगा कि विपक्ष के संगठन का कोई अध्यक्ष भी है। साफ दिखता है कि हर मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ही भाजपा को हांक रहे हैं। उनके सामने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कुछ नहीं कर पाते। भाजपा अब भी रमन गैंग के हिसाब से संचालित हो रही है। विष्णुदेव साय उनकी कठपुतली थे। धरमलाल कौशिक भी रमन सिंह की गुलामी करते रहे। उन्हीं के संगठन नेतृत्व में भाजपा 15 सीट पर सिमट गई। तब भी रमन सिंह की सेटिंग से उन्हें नेता प्रतिपक्ष के पद पर बैठाया गया। तब भाजपा में मची महाभारत पूरे छत्तीसगढ़ ने देखी है। 4 साल बाद कौशिक को हटाया गया तो ऐसे नेता प्रतिपक्ष बना दिए, जिनके पुत्र आदिवासी महिला से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार हुए। भाजपा का चरित्र छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने देखा है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भानुप्रतापपुर उपचुनाव में भाजपा ने बलात्कारी को उम्मीदवार बनाया। रमन बृजमोहन, अरुण साव से लेकर किसी को भी शर्म महसूस नहीं हुई। एक साल का समय पूरा करने वाले अरुण साव के खाते में एक ही उपलब्धि है, वह है भानुप्रतापपुर उपचुनाव में बेहद शर्मनाक पराजय। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर साव अब चार माह के मेहमान हैं। विधानसभा चुनाव में हार के बाद उनकी भी छुट्टी होने वाली है। भाजपा अध्यक्ष रहते सांसद की टिकट काट देती है। साव अपनी लोकसभा टिकट की चिंता करें तो बेहतर होगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एक सांसद के तौर पर भी अपनी निर्वाचक जनता के किसी काम नहीं आये। बिलासपुर जोन मुख्यालय का सांसद छत्तीसगढ़ की जनता को रेलवे के ढर्रे से राहत दिलाने की हिम्मत नहीं कर सके तो जनता ऐसे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष से कोई उम्मीद कैसे कर सकती है। साव ने साल भर केवल सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने का षड्यंत्र किया। उसे भी छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था ने विफल कर दिया।