November 23, 2024

सोन के सीने में वंशिका का खंजर

0


नदी के अस्तित्व के लिए खतरा बनी वंशिका
प्रशासन के गठजोड़ से चल रहा अवैध कारोबार

इन्ट्रो- रेत खदान के संचालन में रेत ठेकेदार की ओर से मनमानी करते हुए नदी की धार को रोककर रेत का उत्खनन किया जा रहा है। जिसके लिए ठेकेदार की ओर से नदी के बहाव को रोकने के लिए और रेत संग्रहित करने के लिए खदान के चारों तरफ रेत का ऊंचा टीला बना दिया गया है। जिसके कारण नदी का बहाव अवरुद्ध हो रहा है। जिसके कारण नदी का स्वरूप भी परिवर्तित होते जा रहा है।
फोटो क्रमांक-
शहडोल (अविरल गौतम )व्यवहारी नदियों से रेत खनन को लेकर सरकारी नियम स्पष्ट है कि नदी में पानी के अंदर से रेत नहीं निकालना है, लेकिन जिले की नदियों में दिन-रात खुलेआम नदियों में बहते पानी के अंदर मशीन लगातकर रेत निकाली जा रही है। सबसे बड़ा सवाल यह कि सरकार ने जिसे वैध तरीके से रेत का खनन करके का ठेका दिया है, वही ठेकेदार नदियों को छलनी करने में जुटा है। ठेकेदार नदी किनारे तट पर जमा रेत को निकाल सकता है, लेकिन पानी के अंदर से रेत निकालना अवैधानिक व नियम विरुद्ध है। सरकार के नियमों का जिले की रेत खदानों के समूह का ठेका लेने वाली वंशिका कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है।
नदी की धार को रोका
पेशा एक्ट प्रभावशील क्षेत्र विकास खण्ड जयसिंहनगर के ग्राम पोंडी में संचालित रेत खदान तथा ग्राम ठारीपाथर घियार, कोटिगढ़, चरकवाह, सेमरपाखा में संचालित अवैध रेत खदानो से वंशिका कान्सट्रक्शन द्वारा नियमों एवं अनुबंधो का उल्लंघन कर रेत खनन किया जा रहा है, वंशिका कान्सट्रक्शन ्द्वारा खदानों में 5 से 6 पोकलेन मशीनो द्वारा खनन कार्य किया जा रहा है, मशीन द्वारा 25-30 फिट गहराई से रेत निकाली जा रही है, नदियों का धार रोक कर पत्थर, मिट्टी, मुरूम डाल कर बहाव को मोडकर उत्खनन किया जा रहा है, नदी का अस्तित्व समाप्त किया जा रहा है जो पर्यावरण के लिए अत्यन्त घातक है।
बफर सीमा में घुसी कंपनी
रेत ठेका कंपनी द्वारा किसी भी नियमों का एवं एनजीटी के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिस पर जिले के शासन एवं प्रशासन की मौन सहमति है। खदानो से रेत निकालने के लिए रैम्प (रास्ता) बनाने में उपयोग की गई गिट्टी मुरूम भारी मात्रा में पोडीकला एवं रेउसा की शासकीय भूमि से बिना अनुमति के खनन किया गया है। रेत खदान बफर जोन के वन सीमा से लगे है, कंपनी द्वारा वन क्षेत्र के अंदर भी उत्खनन भारी मशीनों से किया जा रहा हैं। जहाँ पर तीन महीनो से हाथी एवं बाघो का मूवमेंट है जो प्रभावित होकर गांव की ओर मुवमेंट करते है। कई गांव में बाघो एवं हाथी से जनहानि भी हुई है ।
नियमों का खुलकर उल्लंघन
खदानों में जहां नदी से रेत निकालना है, वहां नियमों का पालन नहीं हो रहा है। नदी के बीच तक रैम्प बनाते हुए पानी के अंदर से रेत निकाली जा रही है। कई बार मामला सामने आया, लेकिन प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं होने से ठेकेदार अपने हिसाब से रेत निकाल रहा है। वनविभाग द्वारा ठेकेदार के विरूद्ध आज दिनांक तक किसी प्रकार की कार्यवाही नही की गई। इस अवैध कार्य में वन विभाग की मौन सहमति है। ठेका कंपनी द्वारा खनिज नियमावली का उल्लघंन तथा एनजीटी के नियमों का उल्लंघन कर भारी मात्रा में रेत उत्खनन किया जा रहा है।
लीज से हटकर उत्खनन
बीते माहों में ग्राम पंचायत पोंड़ी के सरपंच ने वंशिका कंपनी पर मनमानी और गुंडागर्दी का आरोप लगाया था। शिकायत में उन्होंने बताया है पोंडी क्रमांक-3 में रेत खदान स्वीकृत की गई है। ठेका कंपनी रायल्टी में हेरफेर कर रेत बिक्री कर रही है। नदी में बड़ी-बड़ी मशीनें लगाकर, लीज से हटकर अवैध उत्खनन किया जा रहा है। रायल्टी में मनमानी की जा रही है। रायल्टी स्टॉक की दी जा रही है, जबकि नदी की रायल्टी दी जानी चाहिए। सरपंच ने कलेक्टर को दी गई शिकायत में उल्लेख किया था कि ग्रामवासियों ने विरोध किया तो, कंपनी के कर्मचारी बंदूक दिखाकर धमकाते हैं। सरपंच ने कलेक्टर को शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन पूरे मामले में खनिज सहित जिला प्रशासन को सांप सूंघ गया।
बीच नदी में भारी वाहन
सोन नदी के घाटों से वंशिका ग्रुप द्वारा रेत का उत्खनन जा रहा है, कंपनी द्वारा खनिज व एनजीटी के सभी नियमों को ताक में रखकर बेधडक़, बेरोकटोक, धड़ल्ले से किया जा रहा है। खनिज एवं एनजीटी के नियमों के अनुसार रेत का खनन सूखे भाग व माइनिंग प्लान में स्वीकृति स्थान से होता है, तो जल जीव प्रभावित नहीं होते, नदी में रैंप नहीं बनाया जा सकता, स्टॉक पांइंट तक ट्रैक्टर से परिवहन होता है और परिवहन के दौरान तिरपाल का उपयोग किया जाना चाहिए, लेकिन जिम्मेदारों के संरक्षण में बीच नदी में बड़े-बड़े वाहनों के सहारे पोकलेन और जेसीबी से उत्खनन कराकर नदी सोन का सीना वंशिका द्वारा छलनी किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *