बी पी ओ से छत्तीसगढ़ के युवाओं को मल्टीनेश्नल कंपनियों में रोज़गार के रास्ते खुलेंगे : श्री बघेल
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने किया बी.पी.ओ. सेंटर के लिए भूमिपूजन
दस करोड़ रूपए की लागत से नगर निगम बनाएगा 500 सीटर बी.पी.ओ. सेंटर
रायपुर, 17 अप्रैल 2023/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज रायपुर शहर में 500 सीटर बीपीओ सेंटर स्थापित करने के लिए भूमिपूजन किया। लगभग 10 करोड़ रूपए की लागत से यह बीपीओ सेंटर कलेक्टोरेट के सामने मल्टीलेवल पार्किंग के पाचवें तल पर शुरू होगा।
शिलान्यास के बाद मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि इस बी.पी.ओ. सेंटर की स्थापना से रायपुर के युवाओं को उन्नत व आधुनिक सुविधाओं के जरिए रोज़गार के नये रास्ते खुलेंगे।बीपीओ से मल्टीनेशनल बड़ी कंपनियों में नौकरी से युवाओं में आत्मनिर्भरता आएगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बी.पी.ओ. के जरिए कॉल सेंटर कस्टमर सपोर्ट, सेल्स एंड मार्केटिंग, डाटा एंट्री, टेक्निकल सपोर्ट, चौट सपोर्ट, बैंक एंड फ्रंट ऑफिस वर्क, सोशल मीडिया हैण्डलिंग, डाटा एनालिसिस जैसे आउटसोर्सिंग व्यवसाय से युवा जुड़ सकेंगे।
श्री बघेल ने कहा कि सूचना क्रांति के इस दौर में रायपुर में लम्बे समय से ऐसे आधुनिक बी.पी.ओ. सेंटर की आवश्यकता महसूस हो रही थी, जहां कार्य करते हुए कम लागत पर बेरोजगार व महाविद्यालयीन शिक्षा प्राप्त कर रहें युवाओं को पूरी दुनियां से जुड़कर अपने कौशल बढ़ाने का समुचित अवसर मिले। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान की परिस्थितियों को याद करते हुए कहा कि कोरोना काल में भी हर घर तक संदेशों को पहुंचाने के लिए ऐसे बीपीओ आधारित हाइटेक कॉल सेंटर की आवश्यकता शहर में महसूस की जा रही थी। अब इस बीपीओ के बन जाने से रायपुर शहर में भी कई जन सुविधाएँ शुरू हो सकेंगी जिनसे लोगो को त्वरित लाभ मिलेगा।
गौरतलब है कि रायपुर में इस तरह के कॉल सेंटर उपलब्ध नहीं होने के कारण यहां के युवाओं को इंदौर, बैंगलुरू जैसे अन्य महानगरों में जाकर रोजगार के अवसर तलाशने पड़ते थे। प्रतिस्पर्धा के दौर में सीमित संसाधनों के कारण यहां कें युवा रोजगार से वंचित हो जाते थे। अब रायपुर में बीपीओ सेंटर खुल जाने से ऐसे युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। सेंटर के मार्फत देश-विदेश की बड़ी कंपनियों और वाणिज्यिक सेवा संस्थानों से जुड़कर स्थानीय युवाओं की रोजगार और विकास में भागीदारी भी बढ़ेगी। इसके साथ ही नई तकनीकों के उपयोग से विभिन्न कंपनियों में संपर्क होने से युवाओं का संवाद कौशल भी बढ़ेगा, जिससे विकास के नए रास्ते खुलेंगे।