त्रिपुरा में 75 फीसदी मतदान, EVM में कैद उम्मीदवारों की किस्मत
अगरतला: वामदलों के गढ़ त्रिपुरा में रविवार को राज्य विधानसभा की 60 में से 59 सीटों के चुनाव के लिए वोट पड़े। इसमें 75 फीसद से अधिक वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पिछली बार के विधानसभा चुनावों में इससे अधिक 91.82 प्रतिशत मतदान हुआ था। माकपा की अगुआई वाले वाम मोर्चा सरकार को इस बार भाजपा की ओर से तगड़ी चुनौती मिल रही है।
निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य की 59 सीटों के लिए चुनाव में शाम पांच बजे तक 75 फीसद से अधिक लोगों ने वोट डाले। चुनावों में मुख्यमंत्री माणिक सरकार सहित 292 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
वोटों की गिनती 3 मार्च को होगी। त्रिपुरा में कुल 25,73,413 पंजीकृत मतदाता हैं। इनमें से 12,68,027 महिला मतदाता हैं। पहली बार मतदान करने वाले वोटरों की संख्या 47,803 है। निर्वाचन आयोग ने बताया कि वीवीपैट मशीनों से जुड़े 180 पोलिंग बूथों की ईवीएम में शुरुआती गड़बड़ी की शिकायतों के अलावा पूरे राज्य भर में मतदान पूरी तरह से शांत रहा।
त्रिपुरा में इस बार का विधानसभा चुनाव कई मायनों में अहम रहा। पहली बार यहां पर माकपा और भाजपा में सीधी टक्कर देखने को मिली। वाममोर्चा के 25 वर्षो के शासन को उखाड़ फेंकने के लिए भाजपा ने पूरा दमखम लगाया। उसने आदिवासी पृष्ठभूमि की पार्टी आइपीएफटी से तालमेल कर माकपा को कड़ी चुनौती पेश की।
त्रिपुरा में भाजपा ने 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि बाकी सीटों पर वह आइपीएफटी प्रत्याशियों का समर्थन कर रही है। भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी प्रमुख अमित शाह सहित कई दिग्गज नेताओं ने राज्य भर में जोरदार चुनाव अभियान चलाकर सत्ताधारी माकपा की सत्ता में वापसी की राह को मुश्किल कर दिया है।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने अगरतला के पोलिंग बूथ पर वोट डाला। वह धनपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।