स्थानीय महोत्सवों में सरस बिहान मेले लगाकर महिला स्व सहायता समूहों ने बेचे स्वनिर्मित उत्पाद
स्थानीय महोत्सवों में सरस बिहान मेले लगाकर महिला स्व सहायता समूहों ने बेचे स्वनिर्मित उत्पाद
अमृतधारा और झुमका महोत्सवों में ग्रामीण क्षेत्रों में बने उत्पादों को ग्राहकों ने हाथों हाथ लिया
बैकुण्ठपुर/एमसीबी दिनांक 27/2/23 – ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सषक्तिकरण के लिए बिहान के द्वारा स्व सहायता समूहों का गठन कर उन्हे आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए विभिन्न स्वरोगार की गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। समय के साथ अब महिलाओं के स्वावलंबन के अच्छे परिणाम भी सामने आने लगे हैं। अपने उत्पादों के लिए महिला समूहों ने अब अलग पहचान बनाई है। इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती नम्रता जैन ने बताया कि कोरिया जिले में आयोजित हुए झुमका जल महोत्सव और एमसीबी जिले में आयोजित किए गए अमृतधारा महोत्सव के अवसर पर स्व सहायता समूह की महिलाओं ने तीन दर्जन से ज्यादा स्व निर्मित उत्पादों के लिए अलग अलग स्टाल लगाकर अपने उत्पाद बेचे और लाखों रूपए का व्यवसाय किया। इससे महिला समूहों का आत्मविष्वास भी बढ़ा है। जिला पंचायत सीइओ ने बताया कि झुमका जल महोत्सव के दौरान आयोजित सरस मेले में कोरिया जिले के 16 स्व सहायता समूहों ने 20 स्टाल लगाए। इनमें मिलेटस से बनने वाले व्यंजनों के अलावा टेराकोटा, बैग, स्लीपर, टैडीबियर, आर्टिफिषियल ज्वेलरी, कपड़ो के उत्पाद, प्रसाधन सामग्री, दोना, पत्तल सहित अन्य खाद्य उत्पाद षामिल रहे। यहां लगाए गए उत्पादों को ग्राहकों ने अच्छा प्रतिसाद दिया और समूहों ने करीब दस लाख रूपए का व्यवसाय कर दो लाख पचहत्तर हजार रूपए का सीधा लाभ अर्जित किया।
एमसीबी जिले मे आयोजित हुए अमृतधारा महोत्सव के दौरान जिले भर के महिला समूहों ने पहुंचकर अपने उत्पादों का विक्रय किया। यहां कुल 30 समूहों ने अपने स्टाल लगाकर स्वनिर्मित उत्पाद बेचे। इनमें मिलेटस के अलावा गोबर पेंट के उत्पाद, प्रदेष के पारंपरिक व्यंजन, टेराकोटा, कोसा की साड़ी, कोदो ,कुटकी के खाद्यान्न, जीराफूल चावल, मसाला उत्पाद, विभिन्न तरह के अचार, टेडीबियर, खिलोने, बांस से बने बर्तन, आदि प्रमुख रहे। इस बिहान सरस मेले में उत्पादांे को ग्राहकों ने हाथों हाथ लिया। यहां लगभग नौ लाख का व्यवसाय करके बिहान की महिलाओं ने दो लाख साठ हजार रूपए का लाभ अर्जित किया है। कोरिया एंव एमसीबी जिले के दोनो महोत्सवों में सरस मेले में हिस्सेदारी से एक ओर महिला समूहों को आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ है वहीं उनका आत्मविष्वास भी बढ़ा है। जिला पंचायत सीइओ ने बताया कि महिला समूहों के स्वनिर्मित उत्पाद जिला मुख्यालयों में सीमार्ट के माध्यम से बेचे जा रहे हैं और साथ ही अच्छी गुणवत्ता के अन्य उत्पादों को आनलाइन बाजार उपलब्ध कराने के लिए खादी इंडिया से भी जोड़ा गया है। इसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं और आने वाले समय में महिलाओं को और अच्छा व्यवसाय मिलने की उम्मीद है।