छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद खात्में की ओर – कांग्रेस
विश्वास विकास और सुरक्षा के नीति के आगे नक्सलियों के कमर टूटी अब नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे है
रायपुर/ 15 फरवरी 2023। बस्तर में 33 नक्सलियों के द्वारा आत्मसमर्पण किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेश संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश सरकार के द्वारा नक्सलवाद को खत्म करने चलाई जा रही विश्वास विकास और सुरक्षा के नीति स्पष्ट दबाव नक्सलियों के ऊपर दिख रहे हैं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य कराए जा रहे हैं शिक्षा का प्रकाश फैलाया जा रहा है रोजगार दिया जा रहा है उनके कानूनी अधिकार दिए जा रहे हैं और सुरक्षा दी जा रही है जिसके चलते आज नक्सलियों की कमर टूटी है सुरक्षा में लगे जवानों नक्सलियों के गोली का जवाब गोली से दे रहे हैं नक्सलियों को पीछे खदेड़ हैं और सरकार की नीतियों का स्पष्ट दबाव नक्सलियों पर दिख रहे हैं नक्सली अब हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण करें और समाज के मुख्यधारा में जुड़ रहे हैं बीते 4 साल में प्रदेश में नक्सलवादी गतिविधियों में 80 प्रतिशत की कमी हुई है नक्सलियों के बड़े नेताओं की गिरफ्तारी हुई है एनकाउंटर हुआ है अब नक्सली छत्तीसगढ़ छोड़कर भाग रहे।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि वर्ष 2008 से लेकर 2018 तक के आंकड़ों को यदि देखा जाए तो इस दौरान राज्य में नक्सली हर साल 500 से लेकर 600 हिंसक घटनाओं को अंजाम देते थे, जो कि बीते साढ़े तीन वर्षों में घटकर औसतन रूप से 250 तक रह गई है। वर्ष 2022 में अब तक मात्र 134 नक्सल घटनाएं हुई हैं, जो कि 2018 से पूर्व घटित घटनाओं से लगभग चार गुना कम हैं। राज्य में 2018 से पूर्व नक्सली मुठभेड़ के मामले प्रतिवर्ष 200 के करीब हुआ करते थे, जो अब घटकर दहाई के आंकड़े तक सिमट गए हैं। वर्ष 2021 में राज्य में मुठभेड़ के मात्र 81 और वर्ष 2022 में अब तक 41 मामले हुए हैं। नक्सलियों के आत्मसमर्पण के मामलों में भी तेजी आई बीते साढ़े तीन वर्षों में 1589 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। यह आंकड़ा 10 वर्षों में समर्पित कुल नक्सलियों की संख्या के एक तिहाई से अधिक है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि वहीं, बस्तर संभाग के 589 गांवों के पौने छह लाख ग्रामीण नक्सलियों के प्रभाव से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं। इनमें सर्वाधिक 121 गांव सुकमा जिले के हैं। दंतेवाड़ा जिले के 118 गांव, बीजापुर जिले के 115 गांव, बस्तर के 63 गांव, कांकेर के 92 गांव, नारायणपुर के 48 गांव और कोंडागांव के 32 गांव नक्सल प्रभाव से मुक्त हुए हैं। दंतेवाड़ा पुलिस के द्वारा चलाए जा रहे नक्सलियों के खिलाफ लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान के तहत लगातार नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं, पिछले डेढ़ सालों में अब तक 500 से ज्यादा नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, इनमें 137 नक्सलियों पर ईनाम घोषित है।