खेमीनबाई निषाद ने पंडवानी में गुरू शिक्षा की कथा बतायी
सांस्कृतिक लोककला मंच में बिखरा लोकरंजनी का जादू
राजिम। माघी पुन्नी मेला में सांस्कृतिक मंच क्रमांक 2 एवं 3 पर लोककला की जादू देखने को मिली। राजपुर छुरा के खेमीनबाई निषाद ने कपालिक शैली पर पंडवानी पर कौरव-पाण्डव के गुरू शिक्षा प्रसंग पर कथा सुनाई जैसे उन्होने सना नना रे भईया….से तमुरा पर तान देते हुए भजन सुनाना प्रस्तुत किया उसके बाद तो समां बंध गई। गीत, संगीत एवं कथा की अविरल धारा बहा। रागी किसुन निषाद, हारमोनियम सेवक ठाकुर, बेंजो रजउ ध्रुव, नाल रामप्रसाद नागेश, घुघरू हीरूराम मरकाम ने संगत किया।
कुसुमखुंटा के हरकराम निषाद ने नवचेतना मानस मंडली के द्वारा रामायण के प्रसंगों पर चर्चा किया। लफंदी के अन्नुराम साहू ने रामधुनी झाँकी में जोरदार प्रस्तुति दी। सकरी धमतरी के जीवनलाल साहू ने लोककला मंच पर संस्कृति के विभिन्न रंग उकेरे। रायपुर के सुनीता साहू ने जगराता प्रस्तुत किया। सिर्रीखुर्द फिंगेश्वर के झम्मन साहू ने गीतांजली मानस परिवार को सुनने श्रोताओं की भीड़ बनी रही। कार्यक्रम का संचालन महेन्द्र पंत, दुर्गेश तिवारी, मनोज सेन, किशोर निर्मलकर ने किया।