November 22, 2024

बरभाठा में बह रही श्रीमद् भागवत् महापुराण की गंगा

0

नवापारा-राजिम। समीपस्थ ग्राम बरभाठा (बासीन) में स्वर्गीय रामजी साहू एवं स्वर्गीय श्रीमती अंजू देवी साहू की स्मृति में आत्माराम साहू (शिक्षक) बरभाठा वाले एवं सहपरिवार के तत्वावधान में श्रीमद् भागवत महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आयोजन किया गया है। इसका शुभारंभ 19 दिसम्बर को जल कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुआ।

भगवताचार्य पं. त्रिभुवन मिश्रा महाराज ने कथा दूसरे दिन 20 दिसम्बर को परीक्षित जन्म बाराह अवतार पर कथा कही। उन्होंने कहा जब महाभारत के युद्ध हुआ था अभिमन्यु के पुत्र के रूप में परीक्षित का जन्म हुआ और पूरे द्वापर युग के समापन के पश्चात परीक्षित के समय में कलयुग का पदार्पण हुआ है। कहा कि परीक्षित कलियुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं। उसी के पश्चाताप में वह शुकदेव जी के पास जाते हैं। भक्ति एक ऐसा महान निवेश है, जो जीवन की समस्याओं का सर्वोत्तम समाधान देती है। यह जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करता है।

21 दिसम्बर को सति चरित्र, धु्रव चरित्र, भरत चरित्र की कथा सुनाते हुए कहा कि ईश्वर को पाने की कोई उम्र नहीं होती। सबसे कम उम्र में भगवान ने तो ध्रुव को दर्शन दिया है। हम सबको बिना समय गवाएं कथा श्रवण करते हुए ईश्वर जप करते रहना चाहिए। इसी प्रकार 22 को अजामिल चरित्र, प्रहलाद और नरसिंह अवतार की कहानी बताई। कथा सुनने बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण पहुंचकर कथा का श्रवण कर रहे हैं।

महाराज जी ने 23 दिसम्बर शुक्रवार को समुद्र मंथन, श्री कृष्ण जन्मोत्सव और दही लूट की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान कृष्ण का जन्म काफी विषम परिस्थितियों में हुआ, हम सब जीवन भर ईश्वर के प्रति शिकायत करते हैं कि हमारे जीवन में काफी समस्याएं हैं, किंतु आप सब कभी महसूस किए हैं कि भगवान कृष्ण का जन्म से ही समस्या थी। उन्होंने कहा कि जब-जब धरती पर अधर्म, अत्याचार बढ़ेंगे तब-तब भगवान किसी न किसी रूप में आकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करते हैं।

24 दिसम्बर शनिवार को श्रीकृष्ण लीला, छप्पन भोग और रूखमणी विवाह की कथा बताई। उन्होंने कृष्णा लीला के संबंध में कहा कि कृष्ण की समस्त लीलाओं का संदेश समझने की आवश्यकता है, उन्होंने प्रत्येक लीला के माध्यम से विश्व को संदेश दिया है। उन्होंने यह बताने का प्रयास किया कि गाय का कितना महत्व है, हम सब भी स्वीकार करे और गाय को संरक्षण और संवर्धन की आवश्यकता है।

रुक्मणी विवाह की कथा सुनाते हुए श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह सम्पंन कराई। महाराज जी ने श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया। इस अवसर पर साहू परिवार सहित ग्राम एवं आसपास के सैकड़ों ग्रामीण जन कथा श्रवण करने कार्यक्रम स्थल में पहुंच रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *