November 22, 2024

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005,जानकारी से वंचित करने वाले 3 जनसूचना अधिकारी को 25-25 हजार रूपए का अर्थदण्ड

0

एक जनसूचना अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा

रायपुर, 23 नवंबर 2022/ छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के राज्य सूचना आयुक्त श्री मनोज त्रिवेदी ने समय पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराने वाले और सूचना का अधिकार अधिनियम का पालन नहीं करने वाले तीन जनसूचना अधिकारी पर 25-25 हजार रूपए का अर्थदंड अधिरोपित किया है। उन्होंने संबंधितों को निर्देश दिए हैं कि अर्थदंड की राशि संबंधित से वसूली कर शासकीय कोष में जमा कराकर आयेग को सूचित करें।

उल्लेखनीय है कि लोकतंत्र में पारदर्शी शासन व्यवस्था की यह निशानदेही होती हैं, कि उनके सभी नागरिकों को शासन व्यवस्था की सम्पूर्ण गतिविधियों की सूचना प्राप्त करने का मौलिक अधिकार हो। सूचना का अधिकार का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक जागरूक नागरिक को उनकी इच्छित सूचनाएं आसानी से उपलब्ध करवाना है। यदि कोई विभाग अथवा संस्था जानकारी देने से इनकार करता हैं, तो उनके विरुद्ध सूचना आयोग में शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। इस अधिनियम की मदद से सभी नागरिकों को सूचना सम्पन्न बनाना, सरकार की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और अधिक उत्तरदायी शासन व्यवस्था की ओर ले जाना हैं। सूचना किसी भी रूप में हो सकता है, प्रिंट मीडिया, मॉस मीडिया, वेब मीडिया, ई-मेल, जनमत, रिपोर्ट, कागज, संवाद, रिपोर्ट और आकड़े, एडवर्टाइजिंग के रूप में हो सकता है।

  सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आवेदक श्री मोहितराम ग्राम खरवानी तहसील करतला जिला कोरबा ने जनसूचना अधिकारी जनपद पंचायत करतला को 18 जुलाई 2016 को आवेदन प्रस्तुत कर सचिव ग्राम पंचायत खरवानी विकासखण्ड करतला के द्वारा आवदेन लेने से इंकार करने पंचायत खरवानी से एक फरवरी 2015 से एक जून 2016 तक रोकड़ पंजी की छायाप्रति, बिल व्हाउचर और मूलभूत राशि एवं 14वें वित्त के खर्च के विवरण की छायाप्रति की मांग की। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत करतला से समय पर जानकारी प्राप्त नहीं होने पर 22 अगस्त 2016 को प्रथम अपील आवेदन प्रस्तुत किया, किन्तु प्रथम अपीलीय अधिकारी के कोई निर्णय पारित नहीं करने के कारण असंतुष्ट होकर आयोग में 10 अक्टूबर 2016 को द्वितीय अपील किया।

राज्य सूचना आयुक्त श्री त्रिवेदी ने आवेदन का अवलोकन कर अधिनियम के तहत अपीलार्थी और जनसूचना अधिकारी को सुनने के पश्चात अपीलार्थी को समय सीमा में जानकारी नहीं प्रदाय करने एवं आयोग में कोई जबाब प्रस्तुत नहीं करने के साथ ही आयोग के पत्रों का कोई जवाब नहीं देने को गंभीरता से लेते हुए जनपद पंचायत करतला के (तत्कालीन जनसूचना अधिकारी) के विरूद्ध धारा 20 (1) के तहत 25  हजार रूपए का अर्थदण्ड की राशि अधिरोपित किया गया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत पंचायत कोरबा ने प्रथम अपील के प्रकरण का विधि और जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन नहीं करने अपर मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की है। 

इसी प्रकार दुर्ग निवासी श्री हरिप्रसाद शुक्ला ने जनसूचना अधिकारी कलेक्टोरेट कोरबा से बालको को 1200 मेगावाट ताप विद्युत संयंत्र स्थापना प्रयोजनार्थ 30 वर्ष की लीज पर आबंटन के संबंध में 5 बिन्दु पर जानकारी मांगे थे, जिसमें बालको द्वारा एक जून 2019 को शासन के पक्ष में त्यजन तथा तहसीलदार द्वारा त्यजन स्वीकार करने के आदेश की प्रमाणित प्रतिलिपि, नगर एवं ग्राम निवेश, नगर निगम कोरबा, छ.ग. आवास एवं पर्यावरण विभाग, वन संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत संबंधित विभाग से प्राप्त अनापत्ति प्रमाणपत्र तथा छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 214 के तहत वृक्षों की कटाई के लिए पृथक अनुमति पत्र की छायाप्रति की मांग की थी। जनसूचना अधिकारी से जानकारी प्राप्त नहीं होने के कारण प्रथम अपीलीय अधिकारी को 29 जुलाई 2019 को आवेदन किया किन्तु प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा विनिश्चय नहीं करने से असंतुष्ट 13 सितम्बर 2019 को आयोग में द्वितीय अपील प्रस्तुत किया।

 राज्य सूचना आयुक्त श्री मनोज त्रिवेदी ने प्रकरण का बारीकी से अध्ययन कर आवेदक और जनसूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी को सुनवाई का पर्याप्त अवसर प्रदान किया। तत्कालीन जनसूचना अधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा ने आवेदक को समय सीमा में जानकारी नहीं दी और उनके द्वारा आयोग में जवाब प्रस्तुत नहीं करने के कारण श्री त्रिवेदी ने सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 20 (1) के तहत 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड की राशि अधिरोपित किया गया और कलेक्टर कोरबा को निर्देशित किया कि अधिरोपित अर्थदण्ड की राशि संबंधित से वसूली कर शासकीय कोष में जमा कराकर आयोग को सूचित करें।

   रामपुर कोरबा निवासी श्री उपेन्द्र राठौर ने जनसूचना अधिकारी एवं सचिव ग्राम पंचायत कछार को 22 सितंबर 2016 को आवेदन देकर जनवरी 2016 से अगस्त 2016 तक ग्राम पंचायक कछार को छत्तीसगढ शासन एवं केन्द्र सरकार के विभिन्न योजनाओं के तहत प्राप्त आबंटन आदेश की छायाप्रति, इस संबंध में कार्य प्रारंभ एवं समाप्ति की तिथि सहित ग्राम पंचायत कछार के सरपंच के अनुमादन से किए गए ग्राम सभा के बैठक की रजिस्टर की सत्यापित प्रतिलिपि की मांग की। आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी प्राप्त नहीं होने पर प्रथम अपीलीय अधिकारी को 9 नवंबर 2016 को आवेदन किया किन्तु प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा विनिश्चय नहीं करने से असंतुष्ट 01 जुलाई 2016 को आयोग में द्वितीय अपील प्रस्तुत किया। 

  राज्य सूचना आयुक्त श्री त्रिवेदी ने आयोग से तत्कालीन जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत कछार को 6 बार नोटिस भेजी किन्तु कोई जवाब नहीं मिला, जिसके कारण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा को नेटिस को तामील कराकर आयोग को सूचित करने कहा गया। नोटिस तामील होने के बाद भी तत्कालीन जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत कछार से कोई जवाब प्राप्त नहीं होने के कारण सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 20 (1) के तहत  25 हजार रूपए का अर्थदण्ड की राशि अधिरोपित किया गया और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोरबा को निर्देशित किया कि अधिरोपित अर्थदण्ड की राशि संबंधित से वसूली कर शासकीय कोष में जमा कराकर आयोग को सूचित करें। साथ ही यह भी कहा कि प्रथम अपीलीय अधिकारी जनपद पंचायत कोरबा अपील प्रकरण को शासन के निर्देशानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *